कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्र-व्यापी लॉक डाउन के चलते सर्वोच्च न्यायालय ने BS IV से BS VI में परिवर्तन को 10 दिन तक बढ़ा दिया है। पहले यह समय सीमा 31 मार्च, 2020 थी। हालांकि, यह आदेश राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र पर लागू नहीं होगा।
ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के संघ ने बीएस-IV वाहनों के अपने स्टॉक को बेचने की समय सीमा में ढील देने की मांग की थी। एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका के अनुसार, वर्तमान में बीएस-IV मानक के 7 लाख टू व्हीलर, 12,000 वाणिज्यिक वाहन और 15,000 कारें हैं जो अब तक नही बिकी हैं।
BS VI मानक BS IV मानक की तुलना में पांच गुना कम उत्सर्जन करता है। बीएस VI ईंधन में सल्फर की मात्रा पांच गुना कम होती है। साथ ही, बीएस-VI पेट्रोल और डीजल इंजन के लिए नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर 70% और 25% तक नीचे लाया जायेगा।
यह भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया उत्सर्जन मानक है, यह यूरोपियन रेगुलेशन पर आधारित है। इसका उद्देश्य वाहनों द्वारा उत्सर्जित किये जाने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना है। भारत स्टेज के मानक व समय सीमा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निश्चित की जाती है। यह मानक देश में पहली बार वर्ष 2000 में शुरू किये गए थे। देश में नए वाहनों का निर्माण इन मानकों के आधार पर ही किया जाता है। अक्टूबर 2010 में भारत स्टेज III मानक पूरे देश में लागू किये गए थे, अप्रैल 2017 से पूरे देश में BS-IV पूरे देश में लागू किया गया। 2016 में सरकार ने घोषणा की थी देश में BS-V लागू नहीं होगा, इसके स्थान पर BS-VI ही लागू किया जायेगा। भारत सरकार की योजना 2020 से BS-VI मानक लागू करने की है।
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