16 मार्च, 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार ने “सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली अध्यादेश, 2020” अध्यादेश पारित किया। इस अध्यादेश का उद्देश्य हिंसक कृत्यों से निपटना है। इसके द्वारा सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली करने में मदद मिलेगी।
किसी राज्य के राज्यपाल के पास अनुच्छेद 213 के तहत अध्यादेश पारित करने की शक्तियां होती हैं। इस अनुच्छेद के तहत राज्यपाल को राष्ट्रपति की अनुमति के बिना अध्यादेश जारी करने का अधिकार है। अध्यादेश को तभी लागू किया जा सकता है जब विधान सभा और विधान परिषद दोनों सत्र में न हों।
राज्यपाल के पास अध्यादेश वापस लेने की शक्तियां भी हैं। अध्यादेश पारित होने के बाद अध्यादेश को विधान सभा द्वारा पारित किया जाना चाहिए। यदि इसे विधानसभा में पारित नहीं किया जाता है, तो अध्यादेश के शुरू होने के 6 सप्ताह के भीतर अध्यादेश का अस्तित्व समाप्त हो जाता है।
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