1 मार्च, 2020 को विश्व बैंक, भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और हिमाचल प्रदेश में जल प्रबंधन प्रथाओं में सुधार के लिए 80 मिलियन डालर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस ऋण राशि का उपयोग लगभग 428 ग्राम पंचायतों में परियोजना को लागू करने के लिए किया जायेगा। इसका लाभ हिमाचल प्रदेश में 10 जिलों की पंचायतों को मिलेगा। इससे 400,000 से अधिक छोटे किसानों, ग्रामीण समुदायों और महिलाओं को लाभ प्राप्त होगा। इस परियोजना के तहत जल निगरानी स्टेशनों को स्थापित करने के लिए फण्ड प्रदान किये जायेंगे। यह भविष्य के पानी के बजट के लिए नींव रखने में मदद करेगा और भूमि के बेहतर उपयोग को भी सुनिश्चित करेगा।
हिमाचल प्रदेश की निम्न क्षेत्र में कृषि के लिए पानी की कमी है। कि गौरतलब है राज्य की वर्षा दर प्रतिवर्ष कम होती जा रही है। बर्फ क्षेत्रों में कृषि उत्पादन उच्च ऊंचाई पर स्थानांतरित हो गया है तथा तलहटियों में तापमान में वृद्धि हुई है। इससे सेब उत्पादन पर बहुत असर पड़ा है।
इस ऋण की सहायता से चारागाहों, जंगलों और घास के मैदानों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इसके यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य में स्थायी कृषि के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो।
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