5 मार्च, 2020 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने यस बैंक पर एक महीने की पाबंदी/स्थगन (moratorium) लगायी है। इसके अलावा आरबीआई ने यस बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा निश्चित की है। हालांकि, चिकित्सा आपात स्थिति और उच्च शिक्षा शुल्क के मामले में, प्रतिबंध को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है।
गौरतलब है कि यस बैंक वर्तमान में ऋण घाटे के लिए आवश्यक धन जुटाने में असमर्थ रहा है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने यस बैंक में पूंजी निवेश के लिए भारतीय स्टेट बैंक का चयन किया है। एसबीआई को यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए व्यवहार्यता मूल्यांकन करना होगा।
मोराटोरियम एक गतिविधि या व्यवसाय का एक अस्थायी निलंबन है। हालाँकि, आरबीआई के पास भारत में बैंकों की वित्तीय गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की शक्तियाँ हैं, लेकिन उसके पास स्थगन (moratorium) लगाने की कोई शक्ति नहीं हैं। यस बैंक पर यह पाबंदी/स्थगन (moratorium) भारत सरकार द्वारा आरबीआई की सिफारिश के आधार पर लगाया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के पास बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत उपरोक्त कार्रवाई करने की शक्तियां हैं। इस अधिनियम की धारा 35A के तहत आरबीआई को भारत में किसी भी बैंक पर निकासी प्रतिबंध लगाने की शक्ति प्रदान की गयी है।
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