जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने 18 सितंबर, 2020 को इस क्षेत्र के लिए नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लांच किया। यह जमीन की खरीद या बिक्री में लेनदेन के लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) मैपिंग जैसी नई तकनीकों का उपयोग करके रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए एकीकृत डेटा को मैप करना और सर्वेक्षण करना है। यह कार्यक्रम बॉयोमीट्रिक पहचान और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके निर्णायक स्वामित्व स्थापित करने पर अधिक जोर देता है। यह कार्यक्रम केंद्रीय रूप से वित्त पोषित है और 2016 में लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य त्रुटि मुक्त भूमि रिकॉर्ड बनाना और सूचना तक आसान पहुंच बनाना है।
अनुच्छेद 35A के प्रावधानों के अनुसार, जिसे अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के तहत राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से संविधान में जोड़ा गया था, अन्य राज्यों के नागरिक इस क्षेत्र में भूमि खरीद या बेच नहीं सकते थे। अब दोनों अनुच्छेदों को निरस्त कर दिया गया है। इसलिए भारत सरकार जम्मू और कश्मीर को नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम के साथ एकीकृत कर रही है जो “वन नेशन वन सॉफ्टवेयर” के सिद्धांत पर काम करती है।
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