जम्मू-कश्मीर: नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लॉन्च

September 28, 2020

जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने 18 सितंबर, 2020 को इस क्षेत्र के लिए नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लांच किया। यह जमीन की खरीद या बिक्री में लेनदेन के लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली है।

नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम

  • इस सिस्टम को राष्ट्रीय इन्फार्मेटिक्स केंद्र (एनआईसी) द्वारा तैयार किया गया है।
  • इस पंजीकरण प्रणाली को डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत विकसित किया गया है।
  • यह प्रारूप, भाषाओं, प्रक्रियाओं और सूत्रों के संदर्भ में संघ राज्य क्षेत्र में व्याप्त विविधताओं को संबोधित करेगा।
  • यह सिस्टम कहीं से भी सूचना तक पहुंच प्रदान करेगा।
  • इस प्रणाली का डेटा प्रवर्तन एजेंसियों और आम आदमी दोनों के लिए उपलब्ध होगा।
  • इससे पहले, यह प्रणाली पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित तीन राज्यों में अपनाई जा चुकी है।
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा, मिजोरम, मणिपुर, बिहार और झारखंड भी इस प्रणाली को शुरू करने पर सहमत हुए हैं।

डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम

इस कार्यक्रम का उद्देश्य भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) मैपिंग जैसी नई तकनीकों का उपयोग करके रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए एकीकृत डेटा को मैप करना और सर्वेक्षण करना है। यह  कार्यक्रम बॉयोमीट्रिक पहचान और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके निर्णायक स्वामित्व स्थापित करने पर अधिक जोर देता है। यह कार्यक्रम केंद्रीय रूप से वित्त पोषित है और 2016 में लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य त्रुटि मुक्त भूमि रिकॉर्ड बनाना और सूचना तक आसान पहुंच बनाना है।

अनुच्छेद 35A के प्रावधानों के अनुसार, जिसे अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के तहत राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से संविधान में जोड़ा गया था, अन्य राज्यों के नागरिक इस क्षेत्र में भूमि खरीद या बेच नहीं सकते थे। अब दोनों अनुच्छेदों को निरस्त कर दिया गया है। इसलिए भारत सरकार जम्मू और कश्मीर को नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम के साथ एकीकृत कर रही है जो “वन नेशन वन सॉफ्टवेयर” के सिद्धांत पर काम करती है।