जैविक विविधता पर कन्वेंशन (CBD) एक बहुपक्षीय संधि होती है और इसके तीन उद्देश्य हैं – जैविक विविधता संरक्षण हैं, घटकों का सतत उपयोग, तथा आनुवंशिक संसाधनों से पैदा होने वाले लाभों का न्यायसंगत बंटवारा।
आनुवंशिक संसाधनों तक पहुंच पर नागोया प्रोटोकॉल CBD का एक पूरक समझौता होता है। 2010 में जापान के नागोया में इस प्रोटोकॉल को अपनाया गया और 2014 में इसको लागू किया गया।
जैव विविधता पर कन्वेंशन के लिए जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी के परिणामस्वरूप सभी जीवित संशोधित जीवों की एक देश से दूसरे देश में आवाजाही का नियंत्रण करता है। 2000 में इस प्रोटोकॉल को CBD के पूरक समझौते के रूप में अपनाया गया और 2003 में इसको लागू किया गया।
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