स्टडी मटेरियल

भारत की प्राकृतिक वनस्पतियां

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भारतीय वनों से संबंधित अन्य विधान

भारतीय वन अधिनियम 1927

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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972

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वन संरक्षण अधिनियम 1980

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क्षतिपूरक वनीकरण कोष अधिनियम 2016

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वन अधिकार अधिनियम 2006

हाल ही में महाराष्ट्र के यवतमाल ज़िले में नरभक्षी बाघिन अवनि को मार दिया गया। माना जाता है कि इस बाघिन ने पिछले दो सालों में लगभग 13-14 लोगों की जान ली थी। इस बाघिन के नरभक्षी होने के बावजूद इसकी हत्या का विरोध भी किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अवनि को अधिकारिक रूप से टी-1 के नाम से जाना जाता था। दरअसल, यह घटनाक्रम वन्यजीवों के संरक्षण हेतु प्रयासों की सच्ची तश्वीर पेश करता है। यह कोई अद्वितीय या नई घटना नहीं है, बल्कि मानव-वन्यजीव संघर्ष भारत में स्थानिक है। इसे आमतौर पर विकास गतिविधि की नकारात्मकता और प्राकृतिक आवासों में गिरावट के रूप में चित्रित किया जा सकता है।

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भारत अत्यधिक विविधतापूर्ण जलवायु एवं मृदा का देश है। इसीलिए यहां उष्णकटिबंधीय वनों से लेकर टुंड्रा प्रदेश तक की वनस्पतियां पायी जाती हैं। भारत की प्राकृतिक वनस्पतियों को निम्न वर्गों में बांटा जा सकता है –

1. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन

इन वनों के प्रमुख वृक्ष –

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2. उष्णकटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वन

इन वनों के प्रमुख वृक्ष –

3. उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन

ये वनस्पतियां 70 से 100 सेमी. वर्षा क्षेत्र में मिलती है। इन वनों में ऊंचे पेड़ों का अभाव मिलता है।

4. कंटीले वन व झाड़ियां

ये वन उन भागों में मिलते हैं जहां वर्षा 70 सेमी. से कम होती है।

इन वनों के प्रमुख क्षेत्र –

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इन वनों के प्रमुख वृक्ष –

बबूल, खैर, खजूर, नागफनी, कैक्टस।

5. पर्वतीय वन

इन वनों के प्रमुख क्षेत्र –

6. ज्वारीय वन या मैंग्रोव वन

इन वनों के प्रमुख क्षेत्र –

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राष्ट्रीय वन नीति

भारत में सबसे पहले 1894 ई. में वन नीति का निर्माण हुआ, जिसको 1952 ई. में तथा 1988 ई. में संशोधित किया गया।

1988 ई. की संशोधित नीति वनों की सुरक्षा, संरक्षण तथा विकास पर जोर देती है। ‘ राष्ट्रीय वन नीति-1988 ’ के अनुसार भारत में 33 प्रतिशत वन क्षेत्र की प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। इसके अनुसार मैदानी भागों में 20 प्रतिशत तथा पर्वतीय भागों में 60 प्रतिशत क्षेत्र को वनाच्छदित करने की आवश्यकता है।

प्रशासनिक आधार पर वनों को तीन भागों में बांटा जाता है –

  1. आरक्षित वन
  2. संरक्षित वन
  3. अवर्गीकृत वन
  1. आरक्षित (स्थाई) वन – ये वे वन है, जिन्हें इमारती लकड़ी या अन्य वन उत्पाद उत्पादित करने के लिए आरक्षित कर लिया गया है। इनमें पशुओं को चराने व खेती की अनुमति नहीं होती है। भारत का आधे से अधिक वन क्षेत्र आरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया गया है।
  2. संरक्षित वन – इन वनों को और अधिक नष्ट होने से बचाने के लिए उनकी सुरक्षा की जाती है। इनमें पशु चराने व खेती करने की अनुमति विशेष प्रतिबंधों के साथ दी जाती है। देश के कुल वन क्षेत्र का एक-तिहाई हिस्सा संरक्षित है।
  3. अवर्गीकृत वन – अन्य सभी प्रकार के वन और बंजर भूमि जो सरकार, व्यक्तियों और समुदायों के स्वामित्व में होते हैं, अवर्गीकृत वन कहलाते हैं। इनमें लकड़ी काटने व पशुचारण पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है।

भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019

चैंपियन एवं सेठ वर्गीकरण

वनावरण या वन क्षेत्र-

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वृक्षावरण या वृक्षों से आच्छादित क्षेत्र-

ISFR, 2019 से संबंधित प्रमुख तथ्य:

देश में वनों एवं वृक्षों से आच्छादित कुल क्षेत्रफल8,07,276 वर्ग किमी. (कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.56%)
कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का वनावरण क्षेत्र7,12,249 वर्ग किमी. (कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 21.67%)
कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का वृक्षावरण क्षेत्र95,027 वर्ग किमी. (कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.89%)
वनाच्छादित क्षेत्रफल में वृद्धि3,976 वर्ग किमी. (0.56%)
वृक्षों से आच्छादित क्षेत्रफल में वृद्धि1,212 वर्ग किमी. (1.29%)
वनावरण और वृक्षावरण क्षेत्रफल में कुल वृद्धि5,188 वर्ग किमी. (0.65%)

वनों की स्थिति से संबंधित राज्यवार आँकड़े:

सर्वाधिक वनावरण प्रतिशत वाले राज्य:

मिज़ोरम85.41%
अरुणाचल प्रदेश79.63%
मेघालय76.33%
मणिपुर75.46%
नगालैंड75.31%

सर्वाधिक वन क्षेत्रफल वाले राज्य:

मध्य प्रदेश77,482 वर्ग किमी
अरुणाचल प्रदेश66,688 वर्ग किमी.
छत्तीसगढ़55,611 वर्ग किमी
ओडिशा51,619 वर्ग किमी.
महाराष्ट्र50,778 वर्ग किमी.

वन क्षेत्रफल में वृद्धि वाले शीर्ष राज्य:

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कर्नाटक1,025 वर्ग किमी.
आंध्र प्रदेश990 वर्ग किमी.
केरल823 वर्ग किमी.
जम्मू-कश्मीर371 वर्ग किमी.
हिमाचल प्रदेश334 वर्ग किमी.

रिपोर्ट से संबंधित अन्य तथ्य:

रिकार्डेड फारेस्ट एरिया:

भारत के वनों में बढ़ता हुआ कार्बन स्टॉक:

बाँस क्षेत्र:

मैंग्रोव वनों की स्थिति:

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पहाड़ी क्षेत्रों की स्थिति:

जनजातीय क्षेत्रों की स्थिति:

उत्तर-पूर्व क्षेत्र की स्थिति:

ईंधन की लकड़ियों के लिये आश्रितता:

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वैश्विक वन संसाधन मूल्यांकन 2020

वन क्षेत्र के आधार पर शीर्ष 10 देश

रुसब्राजील
कनाडासंयुक्त राज्य अमेरिका
चीनऑस्ट्रेलिया
कॉंगो गणराज्यइंडोनेशिया
पेरूभारत