क्षतिपूरक वनीकरण कोष अधिनियम 2016

  • स्थापना – 2006
  • उद्देश्य – वन क्षेत्रों में होने वाली कमी के बदले प्राप्त राशि का संधारण और उसका वनीकरण में दोबारा निवेश करना।

भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों को वनीकरण के लिए CAMPA कोष से 47,436 करोड़ रु. निर्गत किये हैं।

CAMPA – Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority (क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) की  स्थापना 2006 में क्षतिपूरक वनीकरण के प्रबंधन के लिए की गई थी।

पृष्ठभूमि

  • 2002 में सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिपण्णी की थी कि वनीकरण के लिए राज्यों को दिए गये कोष का पर्याप्त उपयोग नहीं हो रहा था और इसलिए उसने आदेश किया कि इन कोशों को केन्द्रीय स्तर पर समेकित करके एक क्षतिपूरक वनीकरण कोष बनाया जाए।
  • इस निर्देश को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने एक अधिनियम पारित किया जिसका नाम था – “क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण अधिनियम (CAMPA Act)”

CAMPA ACT

  • इस अधिनियम का मुख्य ध्येय वन क्षेत्रों में होने वाली कमी के बदले प्राप्त राशि का संधारण और उसका वनीकरण में फिर से निवेश करना है.
  • अधिनियम के अंतर्गत केन्द्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय क्षतिपूरक वनीकरण कोष तथा राज्यों में राज्य क्षतिपूरक वनीकरण कोष बनाये गये हैं जो सम्बन्धित लोकलेखा के अधीन रहेंगे।
  • इन कोषों का पैसा इन स्रोतों से आएगा – क्षतिपूर्ति वनीकरण, वन का शुद्ध वर्तमान मूल्य और अन्य परियोजनावार भुगतान।
  • प्राप्त राशियों का 10% अंश राष्ट्रीय कोष में जाएगा और शेष 90% राज्यों के कोषों में जाएगा।
  • अधिनियम के प्रावधानानुसार जो कम्पनी किसी जंगल के भूमि को उपयोग में लाना चाहती है तो उसे इसके बदले किसी उतनी ही बड़ी भूमि पर क्षतिपूरक वनीकरण का काम करना पड़ेगा।
  • जंगल लेने वाली कम्पनी सरकार द्वारा दी गई वैकल्पिक भूमि पर नए पेड़ लगाने का खर्च वहन करेगी।
  • राज्य सरकार उसी भूमि को वनीकरण के लिए देगी जो कम्पनी द्वारा ली जा रहे जंगल से सटी हुई हो जिससे कि नये वन का प्रबंधन सरलता से हो सके। परन्तु यदि ऐसी कोई सटी हुई नहीं मिली तो वनीकरण के लिए उन जंगलों को चुना जाएगा जो क्षरण की अवस्था में हैं।

CAMPA से सम्बंधित चिंताएँ

  • उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों में खनन का काम इतने बड़े पैमाने पर होता है कि वनरोपण के लिए गैर-जंगली भूमि ढूँढना कठिन हो जाता है।
  • कई राज्य CAMPA कोष को ठीक से उपयोग में नहीं ला रहे हैं। उदाहरण के लिए, पंजाब में कानूनी पचड़े के कारण कैम्पा कोष में से सरकार ने 86 लाख रु मुकदमेबाजी में खर्च कर दिए।
  • ऐसे कई मामले आये हैं जिनमें देसी प्राकृतिक प्रजातियों के पेड़ कम्पनियों ने काट तो डाले, परन्तु उनको जो भूमि वनीकरण के लिए दी गई वहाँ ऐसी प्रजातियों के पेड़ लगा दिए गये जो देसी नहीं हैं। फलत: वर्तमान पारिस्थितिकी तन्त्र को खतरा पहुँच रहा है।

आगे की राह

  • अधिनियम की भावना को देखते हुए CAMPA कोष का पैसा उसी मद में खर्च होना चाहिए जिसके लिए ये दिया जाता है अर्थात् वनीकरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए।
  • कैम्पा कोष का पैसा राज्य सरकारों को किश्तों में दिया जाना चाहिए और प्रत्येक अगली किश्त के पहले इसकी जाँच हो जानी चाहिए कि पहले दिया गया पैसा सही ढंग से खर्च हुआ अथवा नहीं। दूसरे शब्दों में कैम्पा कोष के लिए परिणामी बजट की अवधारण अपनाई जानी चाहिए।

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