स्टडी मटेरियल

निम्न जाति, जनजाति, मजदूर तथा किसान आन्दोलन

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।
Get it on Google Play

प्रमुख राजनितिक- धार्मिक आंदोलेन-

राजनीतिक-धार्मिक आन्दोलन

सन्यासी विद्रोह (1763-1800 ई.)

read more

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

पागल पंथी विद्रोह (1813-31 ई.)

read more

अहोम विद्रोह (1828-33 ई.)

यह असम में हुआ था । इसका नेतृत्व गोमधर कुंवर एवं रूप चन्द्र कोनार ने किया। अहोम विद्रोह का कारण अहोम प्रदेश को अंग्रेजी राज्य में शामिल करना था। कंपनी ने शांतिपूर्ण नीति अपनायी एवं 1833 ई. में उत्तरी असम महाराज पुरन्दर सिंह को दे दिया।अंग्रेज़ों के विरुद्ध अहोम विद्रोह 1828 ई. में किया गया था। असम के ‘कुली‘ वर्ग के व्यक्तियों ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर बर्मा युद्ध के समय किये गये वादे से मुकरने का आरोप लगाया।

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

read more

फरैजी आन्दोलन (1820-1858 ई.)

read more

पाॅलिगरों का विद्रोह (1799-1801 ई.)

read more

पाइक विद्रोह (1817-25 ई.)

यह विद्रोह उड़ीसा तट के पहाड़ी खुर्द क्षेत्र में जगबंधु के नेतृत्व में 1817 में शुरू हुआ। पाइक उड़ीसा की एक पारंपरिक भूमिगत रक्षक सेना थी। वे योद्धाओं के रूप में वहाँ के लोगों की सेवा भी करते थे। पाइक लोगों ने भगवान जगन्नाथ को उड़िया एकता का प्रतीक मानकर बख्शी जगबन्धु के नेतृत्व में 1817 ई. में यह विद्रोह शुरू किया था। शीघ्र ही यह आन्दोलन पूरे उड़ीसा में फैल गया किन्तु अंग्रेजों ने निर्दयतापूर्वक इस आन्दोलन को दबा दिया। बहुत से वीरों को पकड़ कर दूसरे द्वीपों पर भेज कर कारावास का दण्ड दे दिया गया। बहुत दिनों तक वन में छिपकर बक्सि जगबन्धु ने संघर्ष किया किन्तु बाद में आत्मसमर्पण कर दिया।

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

read more

रामोसी विद्रोह (1822)

read more

कूका आन्दोलन (1840-72 ई.)

read more

प्रमुख जनजातीय आन्दोलन

कारण

  1. सरकार ने आदिवासियों में प्रचलित सामूहिक संपत्ति की अवधारणा के स्थान पर निजी संपत्ति की अवधारणा को थोप दिया।
  2. ब्रिटिश सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में साहूकार, जमींदार एवं ठेकेदार जैसे शोषक समूहों को स्थापित किया इन्होंने जनजातियों का अत्यधिक शोषण किया।
  3. आदिवासी क्षेत्रों में अफीम की खेती पर रोक लगा दी एवं देशी शराब के निर्माण पर आबकारी कर लगा दिया गया।
  4. जनजाति क्षेत्रों में ईसाई मिशनरियों की गतिविधियां।
  5. सरकार ने वन क्षेत्रों में कठोर नियंत्रण से जनजातियों द्वारा ईंधन व पशुचारे के रूप में वन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया।
  6. सरकार ने झूम कृषि पर प्रतिबंध लगा दिया।

भील विद्रोह

भील विद्रोह महाराष्ट्र व राजस्थान में हुआ।

कॉम्पिटिशन एक्साम्स की बेहतर तयारी के लिए अभी करियर टुटोरिअल ऍप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

1. महाराष्ट्र

1818 ई. में खानदेश पर अंग्रेजी आधिपत्य एवं नई कर प्रणाली तथा नई सरकार के भय से विद्रोह प्रारंभ हुआ। यह अलग-अलग समय में अलग-अलग नेतृत्व में चलता रहा। 1820 ई. में सरदार दशरथ , 1822 ई. में हिरिया और 1825 ई. में सेवरम ने नेतृत्व किया।

1857 ई. में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले भील नेता भागोजी तथा काजल सिंह थे।

2. राजस्थान

संथाल विद्रोह (1855-56 ई.)

मुण्डा विद्रोह (1895-1901 ई.)

कोल विद्रोह (1831-32 ई.)

खासी विद्रोह (1828-33 ई.)

खौंड विद्रोह (1846 ई.)

अन्य आन्दोलन

आन्दोलन/विद्रोहवर्षक्षेत्रकारणनेतृत्व
रम्पा विद्रोह1879 ई. आंध्र प्रदेश जागीरदारों के भ्रष्टाचार एवं नए जंगल कानूनराजू रंपा
खामती विद्रोह1839 ई.असमअंग्रेजी न्याय व्यवस्था, राजस्व वसूली के नियम एवं नए कर खवागोहाई एवं रूनूगोहाई
खोंडा-डोरा विद्रोह1900 ई. विशाखापत्तनमअंग्रेजों को बाहर निकाल स्वंय का शासन स्थापित करनाकोर्रामलैया
चुआर विद्रोह 1768 ई. मेदिनीपुर(बंगाल)अंग्रेजों द्वारा शोषण एवं अत्यधिक राजस्वराजा जगन्नाथ
हो विद्रोहछोटानागपुर क्षेत्रबढ़े हुए भूमिकर के कारण अंग्रेजों एवं जमींदारों के विरूद्ध
कूकी आन्दोलन1826-44 ईमणिपुर एवं त्रिपुराअंग्रेजों के खिलाफ
गडकरी विद्रोह1844 ई. महाराष्ट्र(कोल्हापुर)बाबाजी अहीरेकर
किट्टूर विद्रोह1824-29 ई.किट्टूर(कर्नाटक)शासक(शिवलिंग रूद्र) की मृत्यु के बाद दत्तक पुत्र को मान्यता न देनारानी चेन्नमा(शासक की विधवा)