कर्नाटक बीदर और मैसूरु के बीच औद्योगिक गलियारा बनाएगा

September 27, 2020

17 अगस्त, 2020 को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री सी.एन. अश्वत्तनारायण ने घोषणा की कि राज्य सरकार मैसूरु और बीदर के बीच एक औद्योगिक गलियारे का निर्माण करेगा। यह राज्य में वाणिज्य और उद्योग के विकास को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

मुख्य बिंदु

इस परियोजनाओं से कर्नाटक को अगले पांच वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद के 35 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। कर्नाटक सरकार ने राज्य में विकास को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में कई कदम उठाए हैं। इसमें श्रम कानूनों का सरलीकरण, एपीएमसी संशोधन अधिनियम और भूमि सुधार संशोधन अधिनियम शामिल हैं।

भारत में औद्योगिक गलियारे

भारत में एक औद्योगिक गलियारा एक मल्टी-मोडल परिवहन सेवा है जो कई राज्यों से होकर गुजरती है। औद्योगिक गलियारे उद्योगों और बुनियादी ढांचे के बीच समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रभावी एकीकरण प्रदान करते हैं।

दिसंबर 2019 में, भारत सरकार द्वारा पांच औद्योगिक गलियारों की घोषणा की गई थी। वे इस प्रकार हैं :

दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा: इस गलियारे में मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा शामिल हैं। इस परियोजना को भारत सरकार, जापानी कंपनियों के निवेश, जापानी ऋण द्वारा वित्त पोषित किया गया है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 100 बिलियन अमरीकी डालर है।

चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा: यह तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों को कवर करता है। यह जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी द्वारा वित्त पोषित है।

बेंगलुरु-मुंबई आर्थिक गलियारा: इस कॉरिडोर को ब्रिटेन के सहयोग से विकसित किया जायेगा। इसमें कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्य शामिल हैं।

अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा: इसमें उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, यू.पी., पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार शामिल हैं।

ईस्ट कोस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर: इस कॉरिडोर की भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में महत्वपूर्ण भूमिका है। 2016 में, एशियाई विकास बैंक ने गलियारे के बुनियादी विकास के लिए 631 मिलियन अमरीकी डालर के ऋण अनुदान को मंजूरी दी।

यह कॉरिडोर राष्ट्रीय विनिर्माण नीति, 2011 को लागू करने में भी मदद करेंगे।

राष्ट्रीय विनिर्माण नीति, 2011

इस नीति का मुख्य उद्देश्य जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को 25%  तक सुधारना है। इससे एक दशक में 100 मिलियन रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है।