1 अप्रैल: भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना दिवस

April 12, 2022

1 अप्रैल को भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है, 1 अप्रैल, 1935 को इसकी स्थापना की गयी थी।

पृष्ठभूमि

  • RBI से पहले, केंद्रीय बैंक के प्रत्येक कार्य इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया (Imperial Bank of India) के द्वारा किए जा रहे थे।
  • 1921 में इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम, 1920 के माध्यम से इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गयी थी, जिसने तीन प्रेसीडेंसी बैंकों को एक मजबूत बैंक में मिला दिया था।
  • इस बैंक को देश के संभावित मंडी शहरों में अगले 5 वर्षों में 100 शाखाएं खोलने का निर्देश भी दिया गया था।
  • इस बैंक का निर्माण इसको केंद्रीय बैंक बनाने के विचार के साथ किया गया था और इसे केन्द्रीय बैंक के सभी कार्यों का निर्वहन करने की अनुमति प्रदान की गई थी।
  • मुद्रा और क्रेडिट, सार्वजनिक ऋण, सरकारी प्राप्तियां और संवितरण, प्रबंधन और प्रतिभूतियों और बांड, बैंकरों के बैंक आदि का कार्य इसे सौंप दिया गया था। बाद में हिल्टन यंग कमीशन (Hilton Young Commission) ने सिफारिश की कि केंद्रीय बैंक का निर्माण अलग से किया जाना चाहिए।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अंतर्गत 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना की गयी थी। प्रारम्भ में रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय कोलकाता में स्थापित किया गया था लेकिन 1937 में स्थायी रूप से इसे मुंबई में हस्तांतरित कर दिया गया था। केंद्रीय कार्यालय वह स्थान होता है, जहां गवर्नर बैठता है तथा जहां नीतियां बनाई जाती हैं। 1949 मे राष्ट्रीयकरण के बाद से रिज़र्व बैंक पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है।

RBI का राष्ट्रीयकरण

स्वतंत्रता के बाद, सरकार ने रिज़र्व बैंक (ट्रांसफर तो पब्लिक ओनरशिप) अधिनियम, 1948 जारी किया और निजी शेयरधारकों को उचित मुआवजे का भुगतान करने के बाद आरबीआई को अपने अधीन कर लिया। इस प्रकार, आरबीआई का राष्ट्रीयकरण 1949 में हुआ और 1 जनवरी, 1949 से आरबीआई ने सरकारी स्वामित्व वाले बैंक के रूप में काम करना आरम्भ किया।