आंध्र प्रदेश : औद्योगिक विकास नीति 2020-23 September 27, 2020
आंध्र प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020-23 के लिए एक नई राज्य औद्योगिक विकास नीति शुरू की है। इस नीति का उद्देश्य युवाओं के लिए रोजगार का सृजन करना और प्रति व्यक्ति औद्योगिक जीवीए में राष्ट्रीय औसत का मिलान करना है। राज्य की पिछली औद्योगिक विकास नीति 2015-20 के बीच लागू की गई थी।
महत्वपूर्ण बिंदु
इस नीति का अनावरण राज्य के उद्योग मंत्री गौतम रेड्डी ने किया। इस नीति का उद्देश्य अच्छी तरह से संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है। यह वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित और कौशल प्रदान करेगी।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य रोजगार का सृजन करना है। यह राज्य में क्षेत्रों और समुदायों में विकास को संतुलित करने का प्रयास करेगी। इसके अलावा, यह पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी विकास हासिल करने का प्रयास करेगी।
नीति की मुख्य विशेषताएं
अधोसंरचना
- इस नीति में सस्ती दरों पर MSME को लक्षित करने वाली बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने के मार्ग को प्रशस्त किया गया है।
- नीति स्थानीय जरूरतों के अनुसार मेगा औद्योगिक पार्कों के विकास को सक्षम करना इस नीति की मुख्य विशेषता है।
औद्योगिक ज़ोनिंग
- नियोजित औद्योगिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए औद्योगिक ज़ोनिंग नीति का प्रमुख फोकस क्षेत्र है।
- इस नीति का उद्देश्य उद्योगों को जोखिम मुक्त निवेश अनुकूल वातावरण प्रदान करना है।
व्यापार करने में आसानी
- यह नीति तेजी से अनुमोदन प्रक्रिया को सक्षम करेगी और जिला स्तर के हस्तक्षेप को सक्षम करेगी।
कौशल विकास
- आंध्र प्रदेश राज्य सरकार नीति के तहत 30 कौशल विकास केंद्र और दो कौशल विकास विश्वविद्यालय निर्मित करेगी। यह नीति अनुमोदन प्रक्रियाओं की गति बढ़ाएगी और कलेक्टर द्वारा जिला स्तर के हस्तक्षेप को सक्षम करेगी और केंद्रीय हेल्पलाइन डेस्क भी स्थापित करेगी।
पृष्ठभूमि
यह नीति राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक, शिक्षाविदों और कॉर्पोरेट क्षेत्रों में हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई है। इस नीति में उद्योग के अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए इकाइयों के लिए कुशल मजदूरों, सर्वोत्तम-इन-क्लास अवसंरचना और हैंडहोल्डिंग समर्थन प्रदान किया जाएगा।