11 अक्टूबर : अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

October 14, 2020

11 अक्टूबर को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना है तथा उन्हें शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य सुविधा, कानूनी अधिकार तथा भेदभाव से संरक्षण उपलब्ध करवाना है।

थीम: मेरी आवाज, हमारा समान भविष्य

मुख्य बिंदु

विश्व भर में लगभग 21 मिलियन लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने से पहले ही हो जाता है जबकि 62 मिलियन बालिकाओं को शिक्षा प्राप्त नहीं हो पाती। अतः इस समस्याओं के समाधान के लिए  इस दिवस के द्वारा बालिकाओं से जुड़े हुए मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने के कार्य किया जाता है।

पृष्ठभूमि

अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गयी थी। इसके लिए “महिलाओं की स्थिति” के लिए कनाडा की मंत्री रोना अम्ब्रोस ने इसके लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसके लिए 19 दिसम्बर, 2011 को प्रस्ताव पारित किया था। सर्वप्रथम 11 अक्टूबर, 2012को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया।

राष्ट्रीय बालिका दिवस

भारत में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को मनाया जाता है, इसका उद्देश्य सभी स्तरों पर बाल लिंगानुपात के बारे में जागरूकता फैलाना तथा बालिकाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ

भारत सरकार ने 2015 में यह योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य देश की प्रत्येक बालिका को शिक्षा प्रदान करना है। यह बाल लिंग अनुपात में गिरावट के मुद्दे को भी संबोधित करता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

यह योजना एक त्रि-मंत्रालयीय प्रयास है। यह महिला और बाल विकास, मानव संसाधन विकास और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।

बीजिंग घोषणा

यह महिलाओं पर चौथे विश्व सम्मेलन, 1995 में अपनाई गयी थी। इस सम्मेलन के दौरान दुनिया भर के नेताओं ने वैश्विक समानता हासिल करने की योजना पर सहमति व्यक्त की थी।