23 सितम्बर : अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस

September 28, 2020

23 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सांकेतिक भाषा के सन्दर्भ में जागरूकता फैलाना है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा की थीम “सभी के लिए सांकेतिक भाषा का अधिकार” है।

अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस को मनाये जाने के प्रस्ताव विश्व बधिर संघ द्वारा रखा गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने A/RES/72/161 के द्वारा दिसम्बर, 2017 में अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस की स्थापना की।

23 सितम्बर, 1951 को विश्व बधिर संघ की स्थापना की गयी थी। सितम्बर, 1958 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय बधिर सप्ताह मनाया गया था। विश्व बधिर संघ के अनुसार विश्व भर में लगभग 72 मिलियन बधिर लोग हैं, जो सुन नहीं सकते। इनमे से 80% लोग विकासशील देशों में रहते हैं। वे 300 से अधिक सांकेतिक भाषाओँ का उपयोग करते हैं।

भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोष

  • इस शब्दकोष को भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसन्धान व प्रशिक्षण केंद्र द्वारा तैयार किया गया है, यह केंद्र सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
  • इस शब्दकोष में शैक्षणिक, कानूनी, मेडिकल, तकनीकी तथा दैनिक उपयोग के लगभग 6000 शब्द शामिल हैं। इस शब्दकोष के पहले संस्करण में केवल 3000 शब्द ही थे।
  • यह डिक्शनरी भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसन्धान व प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC) के यूट्यूब चैनल पर भी उपलब्ध है।
  • यह शब्दकोष सांकेतिक भाषा अध्यापकों, छात्रों तथा मूक-बधिर बच्चों के माता-पिता के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगी।
  • इस शब्दकोष को मूक-बधिर लोगों के सहयोग से तैयार किया गया है।
  • इस शब्दकोष को तैयार करने के लिए मूक-बधिर लोगों के सुझाव तथा प्रतिक्रिया प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय वर्कशॉप का आयोजन भी किया गया था।