30 सितम्बर: अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस

September 30, 2020

30 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाया जाता है। इसके द्वारा उन सभी लोगों को सम्मानित किया जाता है जो अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में संवाद में भाषा विशेषज्ञ के रूप में कार्य करके विकास तथा वैश्विक शान्ति को बढ़ावा देते हैं। इस दिवस के द्वारा साहित्यिक व वैज्ञानिक कार्य के शुद्ध तथा स्पष्ट अनुवाद कार्य को भी अति-आवश्यक माना जाता है।

पृष्ठभूमि

अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मई, 2017 में प्रस्ताव 71/288 को पारित करके स्थापित किया था। देशों को निकट लाने, संवाद में सहायता करने तथा सहयोग के लिए अनुवाद की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, यह विश्व शांति तथा विकास में काफी योगदान देता है। बाइबिल के अनुवादक सेंट जेरोम के त्यौहार के कारण 30 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस चुना गया। सेंट जेरोम ने बाइबिल का अनुवाद किया था, उन्हें अनुवादकों का संरक्षक माना जाता है।

संविधान की आठवीं अनुसूची में भारत की आधिकारिक भाषा को सूचीबद्ध किया गया है। भारत में वर्तमान में 22 आधिकारिक भाषाएँ हैं। इनमें से 14 संविधान में शामिल थीं। बाद में 1967 में 21वें संवैधानिक संशोधन के माध्यम से सिंधी को जोड़ा गया। इसके बाद 1992 में 71वें संविधान संशोधन द्वारा कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को शामिल किया गया। 2004 में 92वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम के माध्यम से बोडो, मैथिली, डोगरी और संथाली को जोड़ा गया।