अफ्रीकन यूनियन शिखर सम्मेलन : अदिस अबाबा

February 10, 2020

इथियोपिया की राजधानी अदिस अबाबा में अफ्रीकन यूनियन शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह शिखर सम्मेलन भारत की दृष्टि से महत्वपूर्ण था, भारत ने DefExpo 2020 में 50 अफ्रीकी देशों के साथ ‘लखनऊ डिक्लेरेशन’ पर हस्ताक्षर किये हैं। भारत अफ्रीकन यूनियन क्षेत्र में रक्षा सेक्टर में निवेश करने की योजना बना रहा है।

इस शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी नेताओं ने अफ्रीका में बढ़ते आतंकवाद पर विचार-विमर्श किया।

Theme: Silencing the Guns

इस वर्ष अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका को प्रदान की गयी है, 2020 शिखर सम्मेलन में अंगीकृत किये गये 8 प्रस्ताव निम्नलिखित हैं :

  1. शांति ऑपरेशन में फंडिंग के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ समझौता
  2. इथियोपिया में चुनाव में सहायता प्रदान करना
  3. गिनी के नेताओं को सत्ता में बने रहने के लिए संवैधानिक संशोधन का उपयोग करने से रोकना
  4. बुर्किना फासो में उग्रवाद को कम करना
  5. सोमाली सरकार के साथ क्षेत्रीय समझौता
  6. दक्षिण सूडान शांति प्रक्रिया में पूर्व अफ्रीकी देशों का समर्थन हासिल करने
  7. सूडान परिवर्तन के लिए नागरिक नेताओं तथा सुरक्षा बलों के बीच समझौता करने  में सहायता करना

अफ्रीकन यूनियन (अफ्रीकी संघ)

अफ्रीकी संघ एक महाद्वीपीय संघ है, इसमें अफ्रीका के 55 देश शामिल हैं। इसका उद्देश्य अफ्रीकी देशों के बीच एकता को मज़बूत करना है। अफ्रीकी संघ की स्थापना 26 मई, 2001 को इथियोपिया की राजधानी आदिस अबाबा में की गयी थी, इसे 9 जुलाई, 2002 को दक्षिण अफ्रीका में लांच किया गया था। इसकी स्थापना आर्गेनाइजेशन ऑफ़ अफ्रीकन यूनिटी के स्थान पर की गयी थी। इसकी अधिकारिक भाषाएँ हैं : अरबी, फ़्रांसिसी, अंग्रेजी, पुर्तगाली, सोमाली, स्पेनिश, स्वाहिली तथा अफ्रीकी भाषाएँ।

अफ्रीकी संघ के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं :

  • सदस्य देशों के बीच एकता को मज़बूत करना।
  • सदस्य देशों की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता तथा स्वतंत्रता की सुरक्षा करना।
  • महाद्वीप में राजनीती, सामाजिक तथा आर्थिक को बढ़ावा देना।
  • अफ्रीकी महाद्वीप तथा लोगों के हितों की सुरक्षा करना।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
  • महाद्वीप में शांति, सुरक्षा तथा स्थायित्व को बढ़ावा देना।
  • लोकतंत्र तथा सुशासन को बढ़ावा देना।