विश्व बैंक: द्विवार्षिक गरीबी और साझा समृद्धि रिपोर्ट

October 9, 2020

7 अक्टूबर, 2020 को विश्व बैंक ने द्विवार्षिक गरीबी और साझा समृद्धि रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न देशों में कोविड-19 महामारी के कारण लगभग 150 मिलियन लोगों के अत्याधिक गरीबी में प्रवेश करने की संभावना है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी अतिरिक्त 88 मिलियन से 115 मिलियन लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेल देगी।इससे 2021 तक गरीबों की गिनती बढ़कर 150 मिलियन हो जाएगी।
  • यदि महामारी ने दुनिया में प्रवेश नहीं किया होता, तो 2020 में गरीबी दर में 9% की गिरावट आई होती। दुर्भाग्य से, महामारी के कारण होने वाली वैश्विक मंदी अब दुनिया की 1.4% आबादी को अत्यधिक गरीबी में धकेल देगी।वैश्विक गरीबी दर 2020 में बढ़कर 9.2 प्रतिशत होने का अनुमान है।
  • यह गरीब लोग मुख्य रूप से उन देशों से होंगे जहाँ पर पहले से ही उच्च निर्धनतादर है।इसमें एक बड़ी संख्या मध्यम आय वाले देशों में देखी जाएगी। भारत निम्न मध्यम आय वाले देश की श्रेणी में आता है।
  • जलवायु परिवर्तन और संघर्षों के दबावों के साथ-साथ महामारी और आर्थिक मंदी के अभिसरण ने 2030 तक गरीबी को समाप्त करने के लक्ष्य को अत्यधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इसरिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक वैश्विक गरीबी दर लगभग 7% हो सकती है।

भारत

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत से गरीबी के आंकड़ों की कमी से बैंक के लिए मौजूदा वैश्विक गरीबी का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है।

पृष्ठभूमि

1990 और 2015 के बीच वैश्विक गरीबी में प्रति वर्ष 1% की दर से गिरावट आई। इसके अलावा, समय अवधि के दौरान चरम गरीबी दर में 26% की गिरावट आई।