अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन पहली बार विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा

September 27, 2020

इंटरनेशनल सोलर अलायंस 8 सितंबर, 2020 को पहली बार विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य ऊर्जा को सस्ती बनाने के लिए चुनौतियों का समाधान करने के लिए दुनिया के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को एक साथ लाना है।

मुख्य बिंदु

अभी हाल ही में डेढ़ साल पहले शुरू किए गए गठबंधन के साथ, यह पहले से ही 1.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की परियोजनाओं को लागू कर रहा है। यह उम्मीद की जा रही है कि शिखर सम्मेलन के दौरान आईएसए असेंबली में विश्व सौर बैंक प्रस्तुत किया जायेगा। अगले पाँच वर्षों में बैंक 15 बिलियन अमरीकी डालर के आकार का होगा।

यह शिखर सम्मेलन अगली पीढ़ी की सौर प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेगा।

भारत में सौर ऊर्जा

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार, जुलाई 2020 तक भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन 35 GW था। भारत ने 2022 तक 100 GW सौर ऊर्जा प्राप्त करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।

अंतर्राष्ट्रीय सोलर गठबंधन (International Solar Alliance)

अंतर्राष्ट्रीय सोलर गठबंधन की शुरुआत भारत और फ्रांस ने मिलकर नवम्बर 2015 में COP 21 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान की थी। इसका फ्रेमवर्क समझौता दिसम्बर, 2017 में लागू हुआ था। इसका स्थापना दिवस 11 मार्च, 2018 को मनाया गया था। इसका मुख्यालय हरियाणा के गुरुग्राम में राष्ट्रीय सौर उर्जा संस्थान (NISE) में स्थित है। यह ऐसी पहली अंतर्राष्ट्रीय अंतरसरकारी संधि है जिसका मुख्यालय भारत में स्थित है।

ISA का उद्देश्य सौर उर्जा से परिपूर्ण देशों को एकजुट करके सौर उर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना है। बड़ी मात्रा में सौर उर्जा उत्पादन के कारण इसकी उत्पादन लागत भी कम आएगी। सौर उर्जा उत्पादन के सदस्य देशों में अनुसन्धान व विकास कार्य में मिलकर काम करेंगे।

ISA के उद्देश्य

  • संयुक्त प्रयासों से सौर उर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक उपकरण व तकनीक की लागत कम करना।
  • 2030 तक वृहत स्तर पर सौर उर्जा उत्पादन के लिए 1000 अरब डॉलर का निवेश करना।
  • कर्क रेखा व मकर रेखा के बीच 121 अधिक सूर्य ताप प्राप्त करने वाले देशों को सौर उर्जा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना।