भारतीय मूल के वेवेल रामखेलावन सेशेल्स के राष्ट्रपति बने

October 31, 2020

25 अक्टूबर, 2020 को भारतीय मूल के वेवेल रामखेलावन को सेशेल्स के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। यह पहली बार है, जब विपक्ष के उम्मीदवार ने 1977 के बाद सेशेल्स में चुनाव जीता है।

पृष्ठभूमि

सेशेल्स हिंद महासागर में एक द्वीपसमूह है। यह 1976 तक एक ब्रिटिश उपनिवेश था। इसकी स्वतंत्रता के एक साल बाद, 1977 में फॉरे ने एक तख्तापलट में सत्ता हासिल कर ली और चुनावों में राष्ट्रपति पद को बनाए रखा। वह 1993 में देश में बहुदलीय लोकतंत्र बहाल होने तक सत्ता में थे।

वेवल रामकलवान

वेवल रामकलवान का जन्म माहे, सेशेल्स में हुआ था। उनके दादा बिहार, भारत से थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और कॉलेज की पढाई सेशेल्स में ही की। वह मॉरीशस में धार्मिक अध्ययन के बाद एक पुजारी बने थे।

राजनीति में रामकलावन की भूमिका

बहुदलीय लोकतंत्र 1992 में शुरू किया गया था। बाद में, उन्होंने 1998, 2001, 2006 के चुनावों में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। इन सभी चुनावों में वह केवल एक विपक्ष में  रहे। 2020 के चुनाव में उन्होंने 54.9% वोट हासिल किए।

भारत पर प्रभाव

रामकलवान भारत को सेशेल्स का प्रमुख भागीदार मानते हैं। उनके अनुसार, हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती के खतरे, ड्रग्स और अवैध शिकार मुख्य सुरक्षा चिंताएं हैं। वर्तमान में, भारत हिंद महासागर क्षेत्र में इन तीनों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। हालांकि, उन्होंने घोषणा की कि सेशेल्स अमेरिका या भारत के नौसैनिक अड्डों के निर्माण के लिए कभी सहमत नहीं होगा। 2018 में, भारत और सेशेल्स ऐज़मप्शन आइलैंड के एक हिस्से पर एक संयुक्त सैन्य सुविधा बनाने के लिए सहमत हुए। सेशेल्स में इस सुविधा को लेकर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं कि सेशेल्स को भारत-चीन के क्षेत्रीय संघर्षों से बाहर रहना चाहिए।

भारत-सेशेल्स

भारत ने सेशल्स को हाइड्रोलॉजिकल मैप बनाने में मदद की। भारत सेशेल्स में डोर्नियर डीओ-228 विमान देने के लिए सहमत हुआ। भारत और सेशेल्स 2001 से सैन्य अभ्यास “लैमिटी” में हिस्सा ले रहे हैं।

सेशेल्स

यह 115 द्वीपों का एक द्वीपसमूह है। इसके अलावा, यहाँ प्रवाल भित्तियां, समुद्र तट इत्यादि है। हरा कछुआ, एक लुप्तप्राय प्रजाति इस देश में पाई जाती है।