ग्रीन दिल्ली: दिल्ली सरकार की मोबाइल एप्लीकेशन

October 31, 2020

29 अक्टूबर, 2020 को दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने ग्रीन दिल्ली मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया। यह एप्लीकेशन नागरिकों को राज्य सरकार को प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों के बारे में सूचित करने में मदद करेगा। यह दिल्लीवासियों और राज्य सरकार के बीच संचार के एक मंच के रूप में कार्य करेगा। इस एप्लीकेशन को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

मुख्य बिन्दु

इस एप्लीकेशन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नज़र रखना है। यह राज्य सरकार के संज्ञान में प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को लाने में भी मदद करेगा। दिल्ली निवासी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कचरे या धूल या औद्योगिक प्रदूषण के बारे में सरकार को सूचित करने के लिए इस एप्प का उपयोग कर सकते हैं।

यह एप्लीकेशन उपयोगकर्ताओं को प्रदूषण पैदा करने वाली गतिविधियों के बारे में एक वीडियो बनाने और उन्हें अपलोड करने की अनुमति देता है। यह फोटो शिकायतों के विकल्प की भी अनुमति देता है। इन अपलोड किए गए वीडियो और छवियों के आधार पर, एप्लीकेशन प्रदूषण के स्थान की पहचान करेगा। स्थान की पहचान करने के बाद, एप्लीकेशन संबंधित क्षेत्र के लिए जिम्मेदार विभाग को शिकायत स्थानांतरित करता है। शिकायत को समयबद्ध तरीके से हल किया जायेगा। शिकायत को हल करने के बाद अधिकारियों को एप्लीकेशन पर इसके बारे में तस्वीर पोस्ट करनी होगी।

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए हालिया कदम

अक्टूबर, 2020 में, दिल्ली सरकार ने “ग्रीन वॉर रूम” पहल शुरू की। यह वार रूम शिकायत प्राप्त करने और ग्रीन दिल्ली मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से उन्हें ट्रैक करने के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा। इसके अलावा, यह वार रूम उपग्रह डेटा का विश्लेषण करेगा जो पंजाब और हरियाणा में खेत की आग से संबंधित हैं।

दिल्ली सरकार ने “युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध” अभियान शुरू किया है। यह एक गहन एंटी डस्ट ड्राइव है। यह एंटी-स्मॉग गन की स्थापना पर भी ध्यान केंद्रित करता है। इस अभियान में दिल्ली के 13 प्रदूषण केंद्रों के लिए एक कार्य योजना भी शामिल थी।

दिल्ली सरकार ने ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी भी पेश की है। इस नीति के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से प्रभावित 80 प्रतिशत पेड़ों का प्रत्यारोपण किया जायेगा।

दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए सब्सिडी देना है। इस नीति का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़क पर लाना है।