भारत की तटीय रेखा का अपरदन

April 25, 2022

हाल ही में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने लोकसभा को सूचित किया है कि मुख्य भूमि में 6,907.18 किलोमीटर लंबी भारतीय तटरेखा में से, लगभग 34% भूमि का कटाव हो रहा है।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • 1990 के बाद से, चेन्नई में स्थित राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र (NCCR) द्वारा तटरेखा के कटाव पर नज़र रखी जा रही है और यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के अंतर्गत आता है।
  • तटरेखा अपरदन की निगरानी के लिए GIS मैपिंग और रिमोट सेंसिंग डेटा तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • 1990 से 2018 तक देश की मुख्य भूमि की लगभग 6,907.18 किमी लंबी तटरेखा को विश्लेषित किया गया है।

भारत के प्रमुख राज्यों में अपरदन की दर-

  • पश्चिम बंगाल की तटरेखा 534.35 किमी है। 1990 से 2018 तक राज्य में लगभग 60.5 प्रतिशत कटाव (323.07 किमी) हुआ है।
  • केरल में 592.96 किमी लंबी तटरेखा है और राज्य में 46.4 प्रतिशत (275.33 किमी) कटाव हुआ है।
  • तमिलनाडु में 991.47 किमी लंबी तटरेखा है और राज्य में 42.7 प्रतिशत (422.94 किमी) कटाव दर्ज हुआ है।
  • गुजरात में 1,945.60 किमी लंबी तटरेखा है और इसमें 27.06 प्रतिशत (537.5 किमी) का क्षरण दर्ज किया गया है।
  • पुडुचेरी, 41.66 किमी लंबी तटरेखा के साथ, इसके तट का लगभग 56.2% (23.42 किमी) कटाव हुआ है।