स्वास्थ्य तथा जलवायु परिवर्तन 2019 पर लैंसेट पत्रिका की रिपोर्ट November 15, 2019
13 नवम्बर, 2019 को लैंसेट पत्रिका में ‘स्वास्थ्य तथा जलवायु परिवर्तन 2019’ नामक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं
भारत के सन्दर्भ में मुख्य बिंदु
भारत में बाल मृत्यु दर का एक बड़ा कारण डायरिया इन्फेक्शन है।
- देश में 1960 के मुकाबले में चावल तथा मक्का की औसत पैदावार में 2% की कमी आई है।
- शीतकाल में गेहूं तथा सोयाबीन की औसत पैदावार में 19% की कमी आई है।
- पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की दो तिहाई मौतों का मुख्य कारण कुपोषण है।
विश्व के सन्दर्भ में मुख्य बिंदु
- जलवायु परिवर्तन के कारण मतस्य उद्योग तथा जल से संबंधित कृषि को खतरा उत्पन्न हो गया है।
- विश्व भर में डेंगू से होने वाली मौतों में वृद्धि होगी।
- तापमान वृद्धि के कारण उत्पादकता में 0.8% से 5% की कमी आ सकती है।
लैंसेट पत्रिका
- लैंसेट एक साप्ताहिक सहकर्मी की समीक्षा की जाने वाली सामान्य चिकित्सा पत्रिका है। यह दुनिया की सबसे पुरानी, सबसे प्रतिष्ठित और सबसे प्रसिद्ध सामान्य मेडिकल पत्रिकाओं में से एक है।
जर्नल की स्थापना 1823 में थॉमस वैक्ले द्वारा की गई थी, जो एक सर्जन के नाम पर रखा गया था, जिसका नाम सर्जिकल उपकरण के नाम पर लैंसेट (स्केलपेल) रखा गया था, साथ ही आर्किटेक्चरल शब्द “लैन्सेट आर्क” के बाद, [2] एक नुकीली आर्च वाली खिड़की, “ज्ञान के प्रकाश” या “प्रकाश में जाने के लिए” इंगित करने के लिए।
पत्रिका मूल शोध लेख, समीक्षा लेख (“सेमिनार” और “समीक्षा”), संपादकीय, पुस्तक समीक्षा, पत्राचार, साथ ही समाचार सुविधाओं और मामले की रिपोर्ट प्रकाशित करती है। 1991 के बाद से लैंसेट का स्वामित्व एल्सेवियर के पास है। 1995 से, एडिटर-इन-चीफ रिचर्ड होर्टन हैं। पत्रिका के लंदन, न्यूयॉर्क और बीजिंग में संपादकीय कार्यालय हैं।