राजस्थान में रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभ्यारण बना बाघ अभ्यारण

May 20, 2022

राजस्थान में रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य को हाल ही में भारत के 52वें बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • अप्रैल 2020 में राजस्थान सरकार ने बाघों के लिए रामगढ़ विषधारी अभयारण्य विकसित करने का प्रस्ताव भेजा था।
  • जुलाई 2021 में, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य और आसपास के क्षेत्रों को बाघ अभयारण्य बनाने के लिए सैद्धांतिक अनुमति प्रदान की दी गई थी।

रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभ्यारण्य की सीमा

रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य लगभग 252 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे 1982 में राजस्थान वन्यजीव और पक्षी संरक्षण अधिनियम, 1951 केअं तर्गत एक अभयारण्य घोषित किया गया है।

रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को बाघ अभयारण्य घोषित करने का महत्व

  • रामगढ़ विषधारी अभयारण्य बाघों की आवाजाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह रणथंभौर टाइगर रिजर्व को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से जोड़ेगा, इस प्रकार यह एक महत्वपूर्ण टाइगर कॉरिडोर बन जाएगा।
  • यह रणथंभौर टाइगर रिजर्व के लिए एक बफर के रूप में कार्य करेगा और इससे बाघों के फैलाव की सुविधा प्रदान करेगा। इस प्रकार यह रणथंभौर में भीड़भाड़ की समस्या को रोकता है।
  • भीमलाट, और रामगढ़ महल जैसे टाइगर रिजर्व के भीतर स्थलों की उपस्थिति के कारण इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों को आजीविका के अवसर भी मिलेंगे।