DRDO ने गणतंत्र दिवस परेड में किया A-SAT हथियार प्रणाली को प्रदर्शन

January 27, 2020

26 जनवरी, 2020 को गणतंत्र दिवस परेड में रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO) A-SAT (Anti-Satellite Weapon System) हथियार प्रणाली को प्रदर्शित किया। भारत विश्व के चुनिन्दा देशों में से एक है जिनके पास इस किस्म की टेक्नोलॉजी है, भारत के अलावा यह टेक्नोलॉजी केवल अमेरिका, चीन और रूस के पास है।

मिशन शक्ति

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 27 मार्च, 2019 को संबोधन में प्रकट किया था कि भारत ने अपनी पहली एंटी-सैटेलाइट मिसाइल ने अन्तरिक्ष में उपग्रह को सफलतापूर्वक नष्ट किया  है।

  • इस मिशन को “मिशन शक्ति” नाम दिया गया था। इस मिशन में मिसाइल ने पृथ्वी की निम्न कक्षा में सैटेलाइट को नष्ट किया गया।
  • यह कार्य लांच के केवल तीन मिनट बाद ही पूरा कर लिया गया। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
  • इस मिशन का नेतृत्व रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन द्वारा किया गया।
  • टारगेट सैटेलाइट 300 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा कर रहा था।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत का यह मिशन किसी दूसरे देश के विरुद्ध नहीं है। इस मिशन को पूरा करने के लिए किसी अंतर्राष्ट्रीय कानून अथवा संधि का उल्लंघन नहीं किया गया है।
  • यह बेहद जटिल मिशन था, गौरतलब है कि मिसाइल ने तीव्र गति तथा उत्तम सटीकता से अपने लक्ष्य को ध्वस्त किया।
  • भारत अन्तरिक्ष में सैटलाइट को मार गिराने वाले विश्व का चौथा देश है, अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ही यह कारनामा कर पाए हैं।

भारत ने 1976 बाह्य अन्तरिक्ष नामक अंतर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किये हैं, इस संधि के तहत बाह्य अन्तरिक्ष में बड़े स्तर के  विनाशकारी हथियारों पर प्रतिबन्ध है।