उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने भूमिगत जल अधिनियम, 2020 को मंज़ूरी दी

February 12, 2020

11 फरवरी, 2020 को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में  भूमिगत जल अधिनियम, 2020 को मंज़ूरी दी। इस अधिनियम का उद्देश्य भूमिगत जल के स्तर में सुधार करना है।

अधिनियम की विशेषताएं

इस अधिनियम के तहत जलमग्न पंप (submersible pumps) का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा। इन पंप के लिए उपयोग के लिए किसानों तथा घरेलु उपयोगकर्ताओं को फीस अदा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस अधिनियम के तहत सभी निजी स्कूलों व महाविद्यालयों में वर्षा जल संग्रहण (rain water harvesting) अनिवार्य किया जायेगा।

इस अधिनियम में बोरिंग पाइप के द्वारा भूमिगत जल को प्रदूषित करने वाले लोगों के लिए दंड का प्रावधान भी है। इसके अलावा बोरिंग कंपनियों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण भी करना होगा तथा उन्हें प्रत्येक तीन माह के बाद अपनी जानकारी अपडेट करवानी होगी।

भारत में भूमिगत जल

भारतीय में भूमिगत जल (भूजल) को मॉनिटर करना अति आवश्यक है। संसद समिति रिपोर्ट, 2016 के अनुसार भारत के 9 राज्यों ने 90% भूमिगत जल का उपयोग कर लिया है जबकि इसे रीचार्ज करने के लिए पर्याप्त प्रयास नही किये गये हैं। इसके अलावा भूमिगत जल में आर्सेनिक, यूरेनियम और आयरन की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है।