13 अप्रैल : जलियांवाला बाग हत्याकांड
April 25, 2022
महत्वपूर्ण बिंदु
- 13 अप्रैल, 1919 को (बैसाखी के दिन), अमृतसर के जलियांवाला बाग में, एक शांतिपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया था।
- लोग पार्क में रोलेट एक्ट के विरोध में एकत्र हुए थे।
- जनरल डायर ने हजारों लोगों की भीड़ पर गोलियां चलाने का आदेश दे दिया, जिसमे बड़ी संख्या में निर्दोष लोगो को मार दिया गया।
- इस नरसंहार के लिए जनरल डायर का ब्रिटिश संसद द्वारा सम्मान किया गया।
- इसने महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर के साथ साथ कई नेताओं को परेशान किया और इसके बाद मुक्ति संघर्ष की तीव्र शुरुआत की।
रौलट एक्ट
इस अधिनियम के द्वारा ब्रिटिश सरकार को किसी भी व्यक्ति को अधिकतम 2 साल तक आतंक के संदेह में कैद करने का अधिकार प्रदान किया था। 3 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के साथ शीघ्र परीक्षणों के लिए एक पैनल की स्थापना की गयी थी। इस पैनल के ऊपर अपील की कोई अदालत नहीं थी। इस अधिनियम ने प्रेस पर गंभीर प्रतिबंध भी लगा दिए थे।