बजट 2020 : आर्थिक विकास-वाणिज्य, उद्योग व अधोसंरचना

February 3, 2020

1 फरवरी, 2020 को केन्द्रीय वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट पेश किया, इस बजट में वाणिज्य, उद्योग व अधोसंरचना के लिए निम्नलिखित घोषणाएँ की गयी :

इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल

निवेश में सहायता के लिए बजट में इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल की स्थापना की व्यवस्था की गयी है, यह सेल केंद्र तथा राज्य स्तर पर कार्य करेगी।

विनिर्माण

बजट में विनिर्माण उत्पादों पर फोकस किया गया है, इसका उद्देश्य इन उत्पादों को वैश्विक नेटवर्क मका हिस्सा बनाना है।

इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण

इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेक्टर में रोज़गार सृजन कीकाफी अधिक सम्भावना है। इसके लिए भारत को घरेलु विनिर्माण को बढ़ावा देना होगा तथा इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चैन में बड़ी मात्रा में निवेश आकर्षित करना होगा।

मोबाइल विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए योजनायें

बजट में मोबाइल फ़ोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा सेमीकंडक्टर पैकेजिंग को बढ़ावा देने के लिए योजना प्रस्तावित की गयी है। इस योजना में मेडिकल उपकरणों को भी शामिल किया जाएगा।

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र  मिशन

भारत प्रतिवर्ष 16 अरब डॉलर के तकनीकी वस्त्र का आयात करता है। इस ट्रेंड को उल्टा करने के लिए और भारत को तकनीकी वस्त्र का अग्रणी देश बनाने के लिए  राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र  मिशन की घोषणा की गयी है। इस मिशन का क्रियान्वयन 2020-21 से 2023-34 के बीच क्रियान्वित किया जायेगा। इसकी अनुमानित लागत 1,480 करोड़ रुपये है।

जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट विनिर्माण

विनिर्माण में किसी भी प्रकार के दोष को दूर करने के लिए सभी मंत्रालयों को ‘क्वालिटी स्टैण्डर्ड आर्डर’ जारी किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट विनिर्माण की घोषणा स्वतंत्र दिवस, 2019 के भाषण के दौरान की थी।

निर्विक

छोटे निर्यातकों के लिए उच्च बीमा कवरेज के लिए निर्विक (निर्यात ऋण विकास योजना) को लांच किया जा रहा है।

निर्यात हब

भारत सरकार देश के हर जिले को निर्यात हब बनाने के लिए कार्य कर रही है, इस उद्देश्य के लिए ई-मार्केट प्लेस तथा GeM के लिए फण्ड आबंटित किये हैं। इससे सूक्ष्म, लघु तथा माध्यम उद्योगों को लाभ मिलेगा।

फण्ड आबंटन

2020-21 के बजट में वाणिज्य व उद्योग सेक्टर को 27,300 करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं।

अधोसंरचना

भारत सरकार ने अगले पांच वर्षों में देश की अधोसंरचना को सुधारने के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय अधोसंरचना पाइपलाइन की घोषणा की है, जिसके द्वारा 103 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा।

राष्ट्रीय अधोसंरचना पाइपलाइन

इसमें 6,500 से अधिक परियोजनाएं शामिल हैं। इसमें आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वास्थ्य सुरक्षा, स्वच्छ व सस्त्री उर्जा, विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान, आधुनिक रेलवे स्टेशन, बस टर्मिनल, हवाईअड्डे, रेलवे परिवहन, लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग तथा सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं।

उच्चमार्गों का विकास

2500 किलोमीटर एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे, 9000 किलोमीटर आर्थिक गलियारे, 2000 किलोमीटर तटीय सड़क तथा 2000 किलोमीटर सामरिक उच्चमार्ग के लिए बजट में फण्ड आबंटित किये गये हैं।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तथा चेन्नई-बंगलुरु एक्सप्रेसवे को 2023 कर पूरा कर लिया जाएगा।

भारतीय रेल

भारत सरकार ने अब तक देश भर में 550 विफ़ी रेलवे स्टेशन कमीशन किये हैं। मानव रहित रेलवे क्रासिंग को हटा दिया गया है। रेलवे ने 27,000 किलोमीटर ट्रैक के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है।

अंतर्देशीय जल मार्ग

राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर जल विकास मार्ग को इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। 890 किलोमीटर लम्बे दुबरी-सदिय राष्ट्रीय जलमार्ग को 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। जलमार्ग के विकास के दौरान पर्यावरण को कम प्रभावित करने के लिए अर्थ गंगा मॉडल की परिकल्पना की गयी है।

हवाई ट्रैफिक

इस बजट में 2024 तक देश में 100 नए हवाईअड्डे विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इससे उड़ान योजना को मज़बूत मिलेगी। इस अवधि के दौरान हवाई फ्लीट की संख्या 600 से बढ़कर 1200 हो जाएगी।

परिवहन अधोसंरचना के लिए इस बजट में 1.7 लाख करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं।