बजट 2020 : उर्जा, विज्ञान, सूचना एवं टेक्नोलॉजी

February 3, 2020

1 फरवरी, 2020 को केन्द्रीय वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट पेश किया, इस बजट में उर्जा, विज्ञान, सूचना व प्रौद्योगिकी के लिए निम्नलिखित घोषणाएँ की गयी :

विद्युत् व डिस्कॉम

उर्जा सेक्टर विशेषकर डिस्कॉम काफी दबाब में हैं, इस मुद्दे के समाधान के लिए बजट में अगले तीन वर्षों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की व्यवस्था की गयी है। इस कदम के बाद ग्राहक अपनी इच्छा के अनुसार आपूर्तिकर्ता को चुन सकते हैं।

फण्ड आबंटन

उर्जा तथा नवीकरणीय उर्जा सेक्टर के लिए 22,000 करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं।

तेल व प्राकृतिक गैस

OALP (Open Acreage Licensing Policy)  के तहत अब तक निजी क्षेत्र को एक लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र खोज के लिए आबंटित किया जा चुका है। राष्ट्रीय गैस ग्रिड की लम्बाई अब तक 16,200 किलोमीटर तक पहुँच चुकी है, बजट में इसे 27,000 किलोमीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

निजी डाटा सेंटर पार्क

नई अर्थव्यवस्था नवोन्मेष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, IoT, 3डी प्रिंटिंग, डाटा स्टोरेज, क्वांटम कंप्यूटिंग पर आधारित है। इन क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए निजी डाटा सेंटर पार्क्स के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए शीघ्र ही नई नीति निर्मित की जायेगी।

भारत नेट

सभी पंचायतों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनवाड़ी, सरकारी स्कूलों, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, डाकघर तथा पुलिस स्टेशन के साथ संचार के लिए यह आवश्यक है। इन सभी स्थानों को डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ा जायेगा।

भारत नेट की सहायता से 1,00,000 ग्रामपंचायतों को FTTH (Fibre to the Home) कनेक्शन्स से जोड़ा जाएगा। भारत नेट कार्यक्रम के लिए 6000 करोड़ रुपये आबंटित किये जायेंगे।

बौद्धिक सम्पदा

इंस्टिट्यूट ऑफ़ एक्सीलेंस में बौद्धिक संपदा  व नवोन्मेष के क्षेत्र में कार्य करने के लिए एक केंद्र की स्थापना की जायेगी।

Knowledge Translation Clusters

Knowledge Translation Clusters की स्थापना विभिन्न प्रौद्योगिकी के लिए की जायेगी। इसमें नए व उभरते हुए क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा।

राष्ट्रीय विज्ञान योजना

सरकार दो राष्ट्रीय विज्ञान योजनायें  शुरू करेगी, इसके तहत विस्तृत डेटाबेस तैयार किये जायेंगे। इसमें भारत की जेनेटिक औषधियों, कृषि व जैव-विविधता प्रबंधन की मैपिंग की जायेगी।

क्वांटम टेक्नोलॉजी व एप्लीकेशन पर राष्ट्रीय मिशन

इस मिशन के लिए 8,000 करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं। इस मिशन को अगले पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा। यदि भारत इस तकनीक (क्वांटम) में सफल रहता है तो भारत इस तकनीक में कामयाब होने वाला विश्व का तीसरा देश होगा।