अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला

November 10, 2019

सर्वोच्च न्यायालय ने 9 नवंबर 2019 अयोध्या राम जन्म भूमि-बाबरी बस्जिद भूमि विवाद मामले पर अपना निर्णय सुनाया।

अयोध्या भूमि विवाद

  1. 1885 – महंत रघुबर दास ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रथम मुकद्दमा दायर किया।
  2. 1949 – बाबरी मस्जिद के अन्दर भगवान् श्री राम की मूर्तियाँ पायी गयीं।
  3. 1950 से 1950 के बीच हिन्दू तथा मुस्लिम संगठनों ने 5 अन्य मुकद्दमे दायर किये।
  4. 1992 – दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को नष्ट किया।
  5. 2010 – इलाहबाद उच्च न्यायालय ने विवादित भूमि को तीन पार्टियों – निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा राम लल्ला में विभाजित किया था।

सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय

सर्वोच्च न्यायालय ने 5 एकड़ की विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया। न्यायालय ने केंद्र सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए किसी अन्य स्थान पर पांच एकड़ भूमि प्रदान करने का आदेश दिया।

यह निर्णय भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों वाली पीठ ने सुनाया। इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण, एस.ए. बोबड़े, डी. वाई. चंद्रचूड़ तथा एस. अब्दुल नजीर शामिल है। इस फैसले का समर्थन पाँचों न्यायधीशों ने किया।