राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन:जनवरी 2021 से शुरू होगा तीसरा चरण

October 31, 2020

21 अक्टूबर 2020 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने घोषणा की कि राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन का तीसरा चरण जनवरी 2021 तक शुरू होगा। इस मिशन के तीसरे चरण में कंप्यूटिंग गति को लगभग 45 पेटाफ्लॉप्स तक बढ़ाया जायेगा।

मुख्य बिंदु

12 अक्टूबर, 2020 को C-DAC और नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन ने भारत के प्रमुख संस्थानों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन समझौते के अनुसार, विनिर्माण इकाइयों और सुपर कंप्यूटरों की असेंबली इकाइयां देश के प्रीमियर संस्थानों में स्थापित की जाएँगी। इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन

इस मिशन को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग सी-डैक द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों को सशक्त बनाना और सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए देश में अनुसंधान और विकास करना है। सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड का गठन 70 से अधिक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग फैसिलिटी के साथ किया जायेगा। इन सुपर कंप्यूटरों को नैशनल नॉलेज नेटवर्क के तहत नेटवर्क किया जायेगा।

इस मिशन के चरण 1 के तहत, 6.6 पेटाफ्लॉप्स की सुपरकंप्यूटिंग गति हासिल की गई थी। इस मिशन के चरण 2 के तहत, 8 और संस्थानों को अप्रैल 2021 तक सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं से लैस किया जायेगा। चरण 2 के तहत लक्ष्य 10 पेटाफ्लॉप्स की गति प्राप्त करना है।

यह सभी तीन चरण भारत में 75 से अधिक संस्थानों को उच्च गति उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग सुविधाएं प्रदान करेगे। यह नेशनल नॉलेज नेटवर्क के माध्यम से काम करने वाले शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के लिए एक रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करेगा।

पृष्ठभूमि

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत, परम शिवाय स्वदेशी रूप से असेंबल किया जाने वाला सुपर कंप्यूटर है। इसे IIT भुवनेश्वर में स्थापित किया गया था। बाद में परम शक्ति और परम ब्रह्म सुपर कंप्यूटर क्रमशः IIT खड़गपुर और IISER पुणे में स्थापित किए गए।

पेटाफ्लॉप

पेटाफ्लॉप कंप्यूटर की प्रोसेसिंग स्पीड का एक पैमाना है। इसे प्रति सेकंड हजार ट्रिलियन फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशंस के रूप में व्यक्त किया जाता है।