भारतीय रिज़र्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक्सपोजर सीमा को संशोधित किया

March 15, 2020

3 मार्च, 2020 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों की एक्सपोजर सीमा को संशोधित किया। पहले आरबीआई ने अपने पूंजीगत फंड का 15% एकल उधारकर्ताओं को और 40% उधारकर्ताओं के समूह को देने की अनुमति दी थी। अब उधारकर्ताओं के समूह के लिए इस सीमा को फंड के 25% तक संशोधित कर दिया गया है।

मुख्य बिंदु

एक्सपोजर सीमा के अलावा, केंद्रीय बैंक ने प्राथमिकता क्षेत्र उधार में 75% तक बढ़ा दिया है। यह बदलाव भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक अधिसूचना के माध्यम से  किए गए।

एक्सपोजर की सीमा

एक्सपोजर लिमिट एक अधिकतम साख है जो एक बैंक अपने उधारकर्ता को दे सकता है। सरल शब्दों में, एक्सपोज़र की सीमा जितनी अधिक होती है, उस बैंक के ग्राहक को उतने अधिक ऋण उपलब्ध होते हैं।

प्राथमिकता क्षेत्र उधार (Primary Sector Lending)

यह आरबीआई द्वारा बैंकों को प्रदान की गई एक महत्वपूर्ण भूमिका है। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कृषि, सूक्ष्म और लघु उद्योग, निम्न आय वर्ग, निर्धन लोगों के लिए आवास, शिक्षा ऋण, कमजोर वर्गों के लिए ऋण इत्यादि शामिल हैं।