सर्वोच्च न्यायालय ने अयोग्यता याचिका पर पहली बार किसी राज्य के मंत्री को हटाया March 25, 2020
18 मार्च, 2020 को इतिहास में पहली बार सर्वोच्च न्यायालय ने मणिपुर के मंत्री थुनाओजम श्यामकुमार सिंह को राज्य मंत्रिमंडल से हटा दिया। शीर्ष अदालत ने उनके विधानसभा में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है।
पृष्ठभूमि
श्यामकुमार ने कांग्रेस के टिकट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी के जुड़ गये और उन्हें शहरी नियोजन, वन और पर्यावरण मंत्री बनाया गया। अन्य विधायकों के उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के लिए याचिकाएं दायर की। उनके खिलाफ अयोग्यता याचिका 2017 के बाद से मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष के समक्ष लंबित थी। उस याचिका पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जब इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई, तो शीर्ष अदालत ने अनुच्छेद 142 के तहत मंत्री को कैबिनेट से हटा दिया।
अनुच्छेद 212
अनुच्छेद 212 के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय सहित देश के अन्य न्यायालय राज्य विधानमंडल की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 142 के तहत यह कारवाई की, क्योंकि यह मामला अनसुलझा हुआ था। इसके अलावा दलबदल विरोधी कानून के तहत जीतने वाले सदस्य दल को बदल नही सकते। कानून के अनुसार ऐसे सदस्यों को अयोग्य माना जाता है।
अनुच्छेद 142
अनुच्छेद 142 के तहत सर्वोच्च न्यायालय एक आदेश पारित कर सकता है जो उसके समक्ष लंबित मामले में “पूर्ण न्याय” कर सकता है।