केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2019 प्रस्तुत किया गया March 3, 2020
2 मार्च, 2020 को मानव संसाधन विकास मंत्री ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2019 राज्यसभा में पेश किया। इसे दिसंबर 2019 में लोकसभा में पेश किया गया था और इसे पारित किया गया था।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं
इस बिल का उद्देश्य संस्कृत विश्वविद्यालयों को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों में परिवर्तित करना है। यह विश्वविद्यालय हैं : राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (नई दिल्ली), राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ (तिरुपति) तथा श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ (नई दिल्ली)।
यह विश्वविद्यालय संस्कृत के ज्ञान को बढ़ावा देने, संस्कृत और अन्य संबद्ध विषयों के संरक्षण के लिए काम करेंगे और सामाजिक विज्ञान, मानविकी और विज्ञान में एकीकृत पाठ्यक्रमों के लिए भी प्रावधान करेंगे।
शक्तियाँ और कार्य
विश्वविद्यालयों की शक्तियाँ और कार्य निम्नलिखित हैं :
- अध्ययन के पाठ्यक्रम को निर्धारित करना और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करना
- दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से सुविधाएं प्रदान करना
- कॉलेज और संस्थानों को स्वायत्त दर्जा प्रदान करना
विश्वविद्यालयों के पास नीतियों की समीक्षा करने के लिए एक अदालत भी होगी, एक कार्यकारी परिषद भी होगी जो शैक्षणिक पदों का सृजन करेगी और शिक्षण संकायों की नियुक्ति करेगी।