युविका 2020

February 5, 2020

भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन ‘युवा विज्ञानी कार्यक्रम – युविका के दूसरे सत्र का आयोजन करने जा रहा है। इस कार्यक्रम को 2019 में इसरो द्वारा लांच किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत स्कूली छात्रों को अन्तरिक्ष विज्ञान व इससे सम्बंधित प्रौद्योगिकी के बारे में अवगत करवाया जाता है। इस वर्ष के ‘युविका’ कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो चुका है। इस कार्यक्रम का आयोजन 11 मई से 22 मई, 2020 के बीच किया जायेगा।

आवेदन की सुविधा https://yuvika.isro.gov.in/yuvika/ इस वेबसाइट (इसरो की आधिकारिक वेबसाइट) के माध्यम से उपलब्ध है। युविका के लिए आवेदन 3 फरवरी से 24 फरवरी के बीच किया जा सकता है। इस कार्यक्रम के लिए  8वीं पूरी कर चुके तथा 9वीं कक्षा में अध्ययन कर रहे छात्रों को चुना जायेगा।

भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) ने युवा विज्ञानी कार्यक्रम लांच किया था, इसका उद्देश्य छात्रों को अन्तरिक्ष टेक्नोलॉजी, अंतिरक्ष विज्ञान तथा उपयोग के आधारभूत पहलुओं से परिचित करवाना है।

युवा विज्ञानी कार्यक्रम (युविका)

  1. युवा विज्ञानी कार्यक्रम के लिए इसरो देश भर से 100 छात्रों को चुनेगा और उन्हें सैटेलाइट निर्माण की व्यवहारिक प्रक्रिया के बारे में बताया जायेगा।
  2. इस कार्यक्रम के लिए प्रति वर्ष प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से तीन छात्रों को चुना जायेगा, इसमें सीबीएसई, ICSE तथा राज्य पाठ्यक्रम पर आधारित छात्रों को शैक्षणिक प्रदर्शन तथा अन्य गतिविधियों के आधार पर छात्रों का चयन किया जायेगा।
  3. युवा विज्ञानी कार्यक्रम में दो सप्ताह के आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इसका आयोजन ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान किया जायेगा। इसमें 8वीं पूरी कर चुके तथा 9वीं कक्षा में अध्ययन कर रहे छात्रों को चुना जायेगा।
  4. इन चुने हुए छात्रों को इसरो के केन्द्रों में ले जाया जायेगा तथा उन्हें वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ वार्तालाप का अवसर मिलेगा।
  5. इस कार्यक्रम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। यात्रा तथा बोर्डिंग का सारा व्यय इसरो द्वारा उठाया जायेगा।

इसरो देश के विभिन्न भागों में 6 इन्क्यूबेशन सेंटर्स की स्थापना करेगा, यह केंद्र होंगे – उत्तरी, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, मध्य तथा उत्तर-पूर्व। इन केन्द्रों में छात्र भी अनुसन्धान व विकास कार्य कर सकेंगे। इसके तहत पहले केंद्र की स्थापना त्रिपुरा के अगरतला में की गयी थी।