18वीं शताब्दी में भारतीय समाज
समाज में सबसे महत्वपूर्ण स्थान सम्राट का था। जाति प्रथा का हिन्दु समाज में बहुत महत्व था। हिन्दु समाज को चार जातियों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र) में बांटा हुआ था। पुरानी साहित्यिक पुस्तकों का भण्डार केवल ब्राह्मणों के पास होता था। स्त्रियों का समाज एवं घर में तो सम्मान था परन्तु समानता की भावना […]
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