भारत छोड़ो आंदोलन

14 जुलाई, 1942 को बंबई के वर्धा में काॅन्ग्रेस की कार्यकारिणी समिति ने ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव पारित किया एवं इसकी सार्वजनिक घोषणा से पहले 1 अगस्त को इलाहाबाद (प्रयागराज) में तिलक दिवस मनाया गया। 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय काॅन्ग्रेस की बैठक बंबई (मुंबई) के ग्वालिया टैंक मैदान में हुई और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के प्रस्ताव को मंज़ूरी मिली। इस प्रस्ताव में यह घोषणा की गई था कि भारत में ब्रिटिश शासन की तत्काल समाप्ति भारत में स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र की स्थापना के लिये अत्यंत आवश्यक हो गई है।

भारत छोड़ो आंदोलन सही मायने में एक जन आंदोलन था, जिसमें लाखों आम हिंदुस्तानी शामिल थे। इस आंदोलन ने युवाओं को बड़ी संख्या में अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने अपने कॉलेज छोड़कर जेल का रास्ता अपनाया।

भारत छोड़ो आंदोलन के कारण

  • तात्कालिक कारण : क्रिप्स मिशन की समाप्ति/ मिशन के किसी अंतिम निर्णय पर न पहुँचना
  • द्वितीय विश्व युद्ध में भारत का ब्रिटिश को बिना शर्त समर्थन करने की मंशा को भारतीय राष्ट्रीय काँन्ग्रेस द्वारा सही से न समझा जाना।
  • ब्रिटिश-विरोधी भावना तथा पूर्ण स्वतंत्रता की मांग ने भारतीय जनता के बीच लोकप्रियता हासिल कर ली थी।
  • द्वितीय विश्व युद्ध के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था की स्थिति काफी खराब हो गई थी।

क्रिप्स मिशन:

  • द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की पूर्ण भागीदारी को सुरक्षित करने के लिये ब्रिटेन की लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल द्वारा मार्च 1942 में भारत में क्रिप्स मिशन को भेजा गया।
  •  इस मिशन को स्टेफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में भारत में एक नए संविधान एवं स्वशासन के निर्माण से संबंधित प्रश्न को हल करने के लिये भेजा गया था।

क्रिप्स मिशन के मुख्य प्रस्ताव/बिंदु इस प्रकार हैं-

  • एक भारतीय संघ का निर्माण जिससे एक प्रभुत्त्व राष्ट्र का दर्जा प्राप्त होगा तथा इसे राष्ट्रमंडल के साथ अपने संबंधों को तय करने और संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय निकायों में भाग लेने के लिये स्वतंत्रता प्राप्त होगी।
  • युद्ध के बाद एक संविधान निर्मात्री सभा का गठन किया जाएगा जिसमे ब्रिटिश प्रांतों के चुने हुए प्रतिनिधि तथा देशी रियासतों से चुने हुए प्रतिनिधि शामिल होंगे।
  • कोई भी प्रांत जो संविधान को स्वीकार करने के लिये तैयार नहीं है, उसे, भारतीय संघ के समान पूर्ण दर्जा प्रदान किया जाएगा इस प्रावधान के द्वारा मुस्लिम लीग के लिये पाकिस्तान के निर्माण के लिये आह्वान किया गया था।
  • संविधान बनाने वाली संस्था तथा ब्रिटिश सरकार सत्ता के हस्तांतरण को प्रभावित करने और नस्लीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिये एक संधि पर बातचीत करेगी।
    • हालाँकि भारतीय राष्ट्रीय काँन्ग्रेस, क्रिप्स मिशन से सहमत नहीं थी क्योंकि इसमे काँन्ग्रेस की तत्काल पूर्ण स्वतंत्रता की माँग को अस्वीकार कर दिया गया था।
    • महात्मा गांधी द्वारा युद्ध के बाद डोमिनियन स्टेटस के क्रिप्स प्रस्ताव के प्रावधान को ‘दिवालिया होने वाले बैंक का दिनांकित चेक’ (Post-Dated Cheque Drawn on a Failing Bank) बताया गया।

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