मुहावरे भाग-5

टाँग अड़ाना -> अड़चन डालना
हर बात में टाँग ही अड़ाते हो या कुछ आता भी है तुम्हे ?

टका सा जबाब देना -> साफ़ इनकार करना
मै नौकरी के लिए मैनेज़र से मिला लेकिन उन्होंने टका सा जबाब दे दिया।

टस से मस न होना -> कुछ भी प्रभाव न पड़ना
दवा लाने के लिए मै घंटों से कह रहा हूँ, परन्तु आप आप टस से मस नहीं हो रहे हैं।

टोपी उछालना -> निरादर करना
जब पुत्री के विवाह में दहेज नहीं दिया तो लड़के वालों ने रमेश की टोपी उछाल दी।

टंटा खड़ा करना -> झगड़ा करना
जरा-सी बात पर सरिता ने टंटा खड़ा कर दिया।

टके के तीन -> बहुत सस्ता
गाँव में तो मूली-गाजर टके के तीन मिल रहे हैं।

टके को भी न पूछना -> कोई महत्व न देना
कोई टके को भी नहीं पूछता, फिर भी राजू मामाजी के पीछे लगा रहता है।

टके सेर मिलना -> बहुत सस्ता मिलना
आजकल आलू टके सेर मिल रहे हैं।

टर-टर करना -> बकवास करना/व्यर्थ में बोलते रहना
सुनील तो हर वक्त टर-टर करता रहता है। कौन सुनेगा उसकी बात?

टाँग खींचना -> किसी के बनते हुए काम में बाधा डालना
रमेश ने मेरी टाँग खींच दी, वरना मैं मैनेजर बन जाता।

टाँग तोड़ना -> सजा देना या सजा देने की धमकी देना
अगर सौरव ने दुबारा मेरा काम बिगाड़ा तो मैं उसकी टाँग तोड़ दूँगा।

टुकड़ों पर पलना -> दूसरे की कमाई पर गुजारा करना
सुमन अपने मामा के टुकड़ों पर पल रहा है।

टें बोलना -> मर जाना
दादाजी जरा-सी बीमारी में टें बोल गए।

टेढ़ी खीर -> अत्यन्त कठिन कार्य
आई.ए.एस. पास करना टेढ़ी खीर है।

टक्कर खाना -> बराबरी करना
जो धूर्त हैं उनसे टक्कर लेने से क्या लाभ ?

टपक पड़ना -> सहसा आ जाना
हमलोग फ़िल्म जाने का कार्यक्रम बना रहे थे कि न जाने कहाँ से अध्यापक टपक पड़े और कार्यक्रम रद्द हो गया।

टाँय-टाँय फिस -> तैयारी अधिक परिणाम तुच्छ
इतनी मेहनत की पर परिणाम टाँय-टाँय फिस।

टालमटोल करना -> बहाना बनाना
मैंने उनसे पूछा, ‘टालमटोल मत कीजिए। साफ बताइए, आप मेरी मदद करेंगे या नहीं?’

टीस मारना/उठना -> कसक/दर्द होना
कल रात से घाव टीस मार रहा है।

टुकुर-टुकुर देखना -> टकटकी लगाकर देखना
भिखारी भीख माँग रहा था और उसका छोटा-सा बच्चा सबको टुकुर-टुकुर देखे जा रहा था।

टूट पड़ना -> आक्रमण करना
सब लोगों को इतनी तेज भूख लगी थी कि खाना देखते ही वे टूट पड़े।

टोह लेना -> पता लगाना
वह अचानक कहाँ भाग गई, किसी को नहीं मालूम अब उसकी टोह लेना आसान नहीं है।

टका-सा मुँह लेकर रह जाना -> लज्जित हो जाना

टट्टी की आड़ में शिकार खेलना -> छिपकर बुरा काम करना

टाट उलटना -> व्यापारी का अपने को दिवालिया घोषित कर देना

टें-टें-पों-पों -> व्यर्थ हल्ला करना

ठन-ठन गोपाल -> खाली जेब अथवा अत्यन्त गरीब
सुमेर तो ठन-ठन गोपाल है, वह चंदा कहाँ से देगा?

ठंडा करना -> क्रोध शान्त करना
महेश ने समझा-बुझाकर दादाजी को ठंडा कर दिया।

ठंडा पड़ना -> मर जाना
वह साईकिल से गिरते ही ठंडा पड़ गया।

ठकुरसोहाती/ठकुरसुहाती करना -> चापलूसी या खुशामद करना
ठकुरसोहाती करने पर भी मालिक ने सुरेश का वेतन नहीं बढ़ाया।

ठठरी हो जाना -> बहुत कमजोर या दुबला-पतला हो जाना
बीमारी के कारण मोहन ठठरी हो गया है।

ठिकाने लगाना -> मार डालना
अपहरणकर्ताओं ने भवन के बेटे को ठिकाने लगा ही दिया।

ठेंगा दिखाना -> इनकार करना
वक्त आने पर मेरे मित्र ने मुझे ठेंगा दिखा दिया।

ठेंगे पर मारना -> परवाह न करना
कृपाशंकर अमीर है इसलिए वह सबको ठेंगे पर मारता है।

ठोकरें खाना -> कष्ट या दुःख सहना
दुनियाभर की ठोकरें खाकर गोपाल ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है।

ठोड़ी पकड़ना -> खुशामद करना
मैंने सेठजी की बहुत ठोड़ी पकड़ी, परंतु उन्होंने मुझे पैसे उधार नहीं दिए।

ठंडी आहें भरना -> दुखभरी साँस लेना
दूसरों की शोहरत को देखकर ठंडी आहें नहीं भरनी चाहिए।

ठट्टा मारना -> हँसी-मजाक करना
माता जी ने लड़कियों को डाँटते हुए कहा कि ठट्टा मारना बंद करो और रसोई में जाकर काम करो।

ठन जाना -> लड़ाई/झगड़ा हो जाना या परस्पर विरोध होना
जब दो पार्टियों में आपस में ठन जाती है तो परिणाम अच्छा नहीं होता।

ठहाका मारना -> जोर से हँसना
वह छोटी-छोटी बातों पर भी ठहाका मारती है।

ठाट-बाट से रहना -> शानौशौकत से रहना
वे जिस ठाट-बाट से रहते हैं, उसकी बराबरी शायद ही कोई कर सके।

ठिकाने की बात कहना -> समझदारी की बात कहना
जो लोग ठिकाने की बात कहते हैं, लोग उन पर अवश्य यकीन करते हैं।

ठिकाने लगना -> i) -> काम में आना
खाना बच गया था तो सबने नाश्ता करके ठिकाने लगा दिया।
(ii) -> मर जाना
युद्ध में कई सैनिक ठिकाने लग गए।

ठीकरा फोड़ना -> दोष लगाना
गलती आपकी है और ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ रहे हैं?

ठीहा होना -> रहने का स्थान होना
जिनका कोई ठीहा नहीं होता वे इधर-उधर भटकते रहते हैं।

ठेस पहुँचना/लगना -> चोट पहुँचना
तुम्हारी बातों से मुझे बहुत ठेस पहुँची है।

ठोंक बजाकर देखना -> अच्छी तरह से जाँच-परख करना
घर-परिवार सब कुछ ठोंक बजाकर देख लेना तब शादी के लिए हाँ करना।

ठगा-सा -> भौंचक्का-सा

ठठेरे-ठठेरे बदला -> समान बुद्धिवाले से काम पड़ना

डकार जाना -> हड़प जाना
सियाराम अपने भाई की सारी संपत्ति डकार गया।

डींग मारना या हाँकना -> शेखी मारना
जब देखो, शेखू डींग मारता रहता है- ‘मैंने ये किया, मैंने वो किया’।

डेढ़/ढाई चावल की खिचड़ी पकाना -> सबसे अलग काम करना)-सुधीर अपनी डेढ़ चावल बनी खिचड़ी अलग पकाता है।

डोरी ढीली करना -> नियंत्रण कम करना
पिताजी ने जरा-सी डोरी ढीली छोड़ दी तो पिंटू ने पढ़ना ही छोड़ दिया।

डंका पीटना -> प्रचार करना
अनिल ने झूठा डंका पीट दिया कि उसकी लॉटरी खुल गई है।

डंके की चोट पर -> खुल्लमखुल्ला
शेरसिंह जो भी काम करता है, डंके की चोट पर करता है।

डोंड़ी पीटना -> मुनादी या ऐलान करना
बीरबल की विद्वता को देखकर अकबर ने डोंड़ी पीट दी थी कि वह राज दरबार के नवरत्नों में से एक है।

डंका बजाना -> प्रभाव जमाना
आस्ट्रेलिया ने सब देशों की टीमों को हरा कर अपना डंका बजा दिया।

डंडी मारना -> कम तोलना
यह दुकानदार बड़ा बेईमान है। तौलते समय हमेशा डंडी मार लेता है।

डकार तक न लेना -> किसी का माल हड़प कर जाना
इससे बचकर रहो। सारा माला हड़प लेगा और डकार तक न लेगा।

डुबकी मारना -> गायब हो जाना
‘इतने दिनों से कहाँ डुबकी मार गए थे’, सुरेश ने मदन से पूछा।

डूब मरना -> बहुत लज्जित होना
इस तरह की बातें मेरे लिए डूब मरने के समान हैं।

डूबती नैया को पार लगाना -> संकट से छुड़ाना
ईश्वर की कृपा होगी तभी तुम्हारी डूबती नैया पार लगेगी।

डेरा डालना -> निवास करना
साधु ने मंदिर में जाकर अपना डेरा डाल दिया।

डेरा उठाना -> चल देना
स्वामी जी एक जगह नहीं रुकते। कुछ दिनों बाद ही डेरा उठाकर दूसरी जगह के लिए चल देते हैं।

डोरे डालना -> किसी को अपने प्रेम-पाश में फँसाने की कोशिश करना
उस पर डोरे डालने की कोशिश मत करो। वह तुम्हारे चक्कर में आने वाली नहीं।

डूबते को तिनके का सहारा -> संकट में पड़े को थोड़ी मदद

ढील देना -> छूट देना
दादी माँ कहती हैं कि बच्चों को अधिक ढील नहीं देनी चाहिए।

ढेर हो जाना -> गिरकर मर जाना
कल पुलिस की मुठभेड़ में दो बदमाश ढेर हो गए।

ढोल पीटना -> सबसे बताना
अरे, कोई इस रानी को कुछ मत बताना, वरना ये ढोल पीट देगी।

ढपोरशंख होना -> केवल बड़ी-बड़ी बातें करना, काम न करना
राहुल तो ढपोरशंख है, बस बातें ही करता है, काम कुछ नहीं करता।

ढर्रे पर आना -> सुधरना
अब तो शराबी कालू ढर्रे पर आ गया है।

ढलती-फिरती छाया -> भाग्य का खेल या फेर
कल वह गरीब था, आज अमीर है- सब ढलती-फिरती छाया है।

ढाई ईंट की मस्जिद -> सबसे अलग कार्य करना
राजेश घर में कुआँ खुदवाकर ढाई ईंट की मस्जिद बना रहा है।

ढाई दिन की बादशाहत होना या मिलना -> थोड़े दिनों की शान-शौकत या हुकूमत होना
मैनेजर के बाहर जाने पर मोहन को ढाई दिन की बादशाहत मिल गई है।

ढेर करना -> मार गिराना
पुलिस ने कल दो लुटेरों को सरेआम ढेर कर दिया।

ढोल की पोल -> खोखलापन; बाहर से देखने में अच्छा, किन्तु अन्दर से खराब होना
श्यामा तो ढोल की पोल है- बाहर से सुन्दर और अन्दर से चालाक।

ढल जाना -> कमजोर हो जाना, वृद्धावस्था की ओर जाना
बीमारी के कारण उसका सारा शरीर ढल गया है।

ढिंढोरा पीटना -> घोषणा करना
केवल ढिंढोरा पीटने से काम नहीं बनता। काम बनाने के लिए लोगों का विश्वास जीतना जरूरी है।

ढोंग रचना -> पाखंड करना
ढोंग रचने वाले साधुओं से मुझे सख्त नफ़रत है।

तूती बोलना -> बोलबाला होना
आजकल तो राहुल गाँधी की तूती बोल रही है।

तारे गिनना -> चिंता के कारण रात में नींद न आना
अपने पुत्र की चिन्ता में पिता रात भर तारे गिनते रहे।

तिल का ताड़ बनाना -> छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना
शांति तो तिल का ताड़ बनाने में माहिर है।

तीन तेरह करना -> नष्ट करना, तितर बितर करना
जरा-से झगड़े ने दोनों भाइयों को तीन तेरह कर दिया।

तकदीर खुलना या चमकना -> भाग्य अनुकूल होना
सरकारी नौकरी लगने से श्याम की तो तकदीर खुल गई।

तख्ता पलटना -> एक शासक द्वारा दूसरे शासक को हटाकर उसके सिंहासन पर खुद बैठना
पाकिस्तान में मुशर्रफ ने तख्ता पलट दिया और कोई कुछ न कर सका।

तलवा या तलवे चाटना -> खुशामद या चापलूसी करना
ओमवीर ने अफसरों के तलवे चाटकर ही तरक्की पाई है।

तलवे धोकर पीना -> अत्यधिक आदर-सत्कार या सेवा करना
अमन अपने माता-पिता के तलवे धोकर पीता है तभी लोग उसे श्रवण का अवतार कहते हैं।

तलवार की धार पर चलना -> बहुत कठिन कार्य करना
मित्रता निभाना तलवार की धार पर चलने के समान है।

तलवार के घाट उतारना -> तलवार से मारना
राजवीर ने अपने शत्रु को तलवार के घाट उतार दिया।

तलवार सिर पर लटकना -> खतरा होना
आजकल रामू के मैनेजर से उसकी कहासुनी हो गई है इसलिए तलवार उसके सिर पर लटकी हुई है।

तवे-सा मुँह -> बहुत काला चेहरा
किरण का तो तवे-सा मुँह है, फिर भी वह स्वयं को सुंदर समझती है।

तशरीफ लाना -> आना
घर में मेहमान आते हैं तो यही कहते हैं- तशरीफ लाइए।

तांत-सा होना -> दुबला-पतला होना
चार दिन की बीमारी में गौरव तांत-सा हो गया है।

ताक पर धरना -> व्यर्थ समझकर दूर हटाना
सारे नियम ताक पर रखकर अध्यापक ने एक छात्र को नकल करवाई।

ताक में बैठना -> मौके की तलाश में रहना
सुधीर बहुत दिनों से ताक में बैठा था कि उसे मैं कब अकेला मिलूँ और वो मुझे पीटे।

तारीफ के पुल बाँधना -> अधिक प्रशंसा या तारीफ करना
राकेश जब फर्स्ट क्लास पास हुआ तो सभी ने उसकी तारीफ के पुल बाँध दिए।

तारे तोड़ लाना -> कठिन या असंभव कार्य करना
जब विवेक ने अपनी डींग मारनी शुरू की तो मैंने कहा- बस करो भाई! तारे नहीं तोड़ लाए हो, जो इतनी डींग मार रहे हो।

तिनके का सहारा -> थोड़ी-सी मदद
मैंने मोहित की जब सौ रुपए की मदद की तो उसने कहा कि डूबते को तिनके का सहारा बहुत होता है।

तीन-पाँच करना -> हर बात में आपत्ति करना
राघव बहुत तीन-पाँच करता है इसलिए सब उससे दूर रहते हैं।

तीर मार लेना -> कोई बड़ा काम कर लेना
इंजीनियर बनकर आयुष ने तीर मार लिया है।

तीस मारखाँ बनना -> अपने को बहुत शूरवीर समझना
मुन्ना खुद को बहुत तीस मारखाँ समझता है, जब देखो लड़ाई की बातें करता रहता है।

तूफान उठना -> उपद्रव खड़ा करना
मित्र, तुम जहाँ भी जाते हो, वहीं तूफान खड़ा कर देते हो।

तेल निकालना -> खूब कस कर काम लेना
प्राइवेट फर्म तो कर्मचारी का तेल निकाल लेती है। तभी विकास को नौकरी करना पसंद नहीं है।

तेली का बैल -> हर समय काम में लगा रहने वाला व्यक्ति
प्रेमचन्द्र तो तेली का बैल है, जब देखो, रात-दिन काम करता रहता है।

तोता पालना -> किसी बुरी आदत को न छोड़ना
केशव ने तंबाकू खाने का तोता पाल लिया है। बहुत मना किया, मानता ही नहीं है।

तंग हाल -> निर्धन होना
नीरू खुद तंग हाल है, तुम्हें कहाँ से कर्ज देगी।

तकदीर फूटना -> भाग्य खराब होना
उस लड़की की तो तकदीर ही फूट गई जो तुम जैसे जाहिल से उसकी शादी हो गई।

तबीयत आना -> किसी पर आसक्ति होना
वह तो मनमौजी है जब जिस चीज पर उसकी तबीयत आ जाती है तो उसे हासिल करके ही छोड़ता है।

तबीयत भरना -> मन भरना, इच्छा न होना
इस शहर से अब मेरी तबीयत भर चुकी है इसलिए इस शहर को छोड़कर जाना चाहता हूँ।

तरस खाना -> दया करना
ठंड में काँपते हुए उस भिखारी पर तरस खाकर मैंने अपना कंबल उसी को दे दिया।

तह तक पहुँचना -> गुप्त रहस्य को मालूम कर लेना
जब तक वह इस मामले की तह तक नहीं पहुँचेगा तब तक कोई फैसला नहीं सुनाएगा।

तहलका मचना -> खलबली मचना
विमान में बम होने की खबर से चारों ओर तहलका मच गया।

ताँता बंधना -> एक के बाद दूसरे का आते रहना
वैष्णो देवी के मंदिर में दर्शनार्थियों का सुबह से ताँता लग जाता है।

ताक-झाँक करना -> इधर-उधर देखना
दूसरे के घर में ताक-झाँक करना अच्छी आदत नहीं है।

तानकर सोना -> निश्चित होकर सोना
बेटी के विवाह के बाद वह सारी चिंताओं से मुक्त हो गया है और अब तानकर सोता है।

ताल ठोंकना -> लड़ने के लिए ललकारना
उसके सामने तुम ताल मत ठोंको, तुम उसका कुछ भी बिगाड़ नहीं पाओगे।

ताव आना -> क्रोध आना
मोहनलाल की झूठी बातें सुनकर मुझे ताव आ गया।

तिल-तिल करके मरना -> धीरे-धीरे मृत्यु के मुख में जाना
बेटे के गम में उसने बिस्तर पकड़ लिया है और अब तिल-तिल करके मर रही है।

तिल रखने की जगह न होना -> स्थान का ठसाठस भरा होना
शनिवार के दिन शनि मंदिर में तिल रखने तक की जगह नहीं होती।

तिलमिला उठना -> बहुत बुरा मानना
जब मैंने उसकी पोल खोल दी तो वह तिलमिला उठा।

तिलांजलि देना -> त्याग देना
वर्मा जी ने घर-परिवार को तिलांजलि देकर संन्यास ले लिया।

तुक न होना -> कोई औचित्य न होना
पहले मैं बाजार जाऊँ फिर तुम्हें लेने के लिए घर आऊँ, इसमें कोई तुक नहीं है।

तुल जाना -> किसी काम को करने के लिए उतारू होना
यदि तुम मेहनत करने पर तुल जाओ तो सफलता अवश्य मिलेगी।

तू-तू मैं-मैं होना -> आपस में कहा-सुनी होना
कल रमेश और उसकी पत्नी के बीच तू-तू मैं-मैं हो गई।

तूल पकड़ना -> उग्र रूप धारण करना
बातों-ही-बातों में कहा-सुनी हो गई और झगड़े ने तूल पकड़ ली।

तेल निकालना -> खूब कसकर काम लेना
जमींदार मजदूरों का तेल निकाल लेते थे।

तेवर चढ़ाना -> क्रोध के कारण भौहों को तानना
मुझे परिणाम का अनुमान है। तुम्हारे तेवर चढ़ाने से मैं निर्णय नहीं बदल सकता।

तैश में आना -> क्रोध करना
तैश में आकर किसी का अपमान करना गलत है।

तोबा करना -> भविष्य में किसी काम को न करने की प्रतिज्ञा करना
ईट के व्यापार में घाटा होने से मैंने इससे तोबा कर दिया।

तौल-तौल कर मुँह से शब्द निकालना -> बहुत सोच-विचार कर बोलना
शालिनी बहुत विवेकशील है। वह तौल-तौलकर मुँह से शब्द निकालती है।

त्यौरी/त्यौरियाँ चढ़ना -> क्रोध के कारण माथे पर बल पड़ना
अपमानजनक शब्द सुनते ही उसकी त्यौरियाँ चढ़ गई।

तह देना -> दवा देना

तह-पर-तह देना -> खूब खाना

तरह देना -> ख्याल न करना

तंग करना -> हैरान करना

तिनके को पहाड़ करना -> छोटी बात को बड़ी बनाना

ताड़ जाना -> समझ जाना

तुक में तुक मिलाना -> खुशामद करना

तेवर बदलना -> क्रोध करना

ताना मारना-(व्यंग्य वचन बोलना)

ताक में रहना -> खोज में रहना

तोते की तरह आँखें फेरना -> बेमुरौवत होना

त्राहि-त्राहि करना -> विपत्ति या कठिनाई के समय रक्षा या शरण के लिए प्रार्थना करना
आग लगने पर बच्चे का उपाय न देखकर लोग त्राहि-त्राहि करने लगे।

त्रिशुंक होना -> बीच में रहना, न इधर का होना, न उधर का
केशव न तो अभी तक आया और न ही फोन किया। समारोह में जाना है या नहीं कुछ भी नहीं पता। मैं तो त्रिशुंक हो गया हूँ।

थूक कर चाटना -> कह कर मुकर जाना
कल मुन्ना थूक कर चाट गया। अब उस पर कोई विश्वास नहीं करेगा।

थाली का बैंगन होना -> ऐसा आदमी जिसका कोई सिद्धान्त न हो
आजकल के नए-नए नेता तो थाली के बैंगन हैं।

थाह मिलना या लगना -> भेद खुलना
अब वैज्ञानिकों ने थाह लगा ली है कि मंगल ग्रह पर भी पानी है।

थुक्का फजीहत होना -> अपमान होना
कुमार थुक्का फजीहत होने से पहले ही चला गया।

थुड़ी-थुड़ी होना -> बदनामी होना
बच्चों को बेवजह पीटने पर अध्यापक की हर जगह थुड़ी-थुड़ी हो रही है।

थक कर चूर होना -> बहुत थक जाना
मई की धूप में चार कि० मी० की पैदल यात्रा करने के कारण मैं तो थककर चूर हो गया हूँ।

थर्रा उठना -> अत्यंत भयभीत होना
अचानक इतनी तेज धमाका हुआ कि दूर तक के लोग थर्रा उठे।

थाह लेना -> मन का भव जानना
गंभीर लोगों के मन की थाह लेना मुश्किल होता है।

थैली का मुँह खोलना -> खूब धन व्यय करना
सेठ रामप्रसाद ने अपनी बेटी के विवाह में थैली का मुँह खोल दिया था।

थू-थू करना -> घृणा प्रकट करना

दम टूटना -> मर जाना
शेर ने एक ही गोली में दम तोड़ दिया।

दिन दूना रात चौगुना -> तेजी से तरक्की करना
रामदास अपने व्यापार में दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है।

दाल में काला होना -> संदेह होना
हम लोगों की ओट में ये जिस तरह धीरे-धीरे बातें कर रहें है, उससे मुझे दाल में काला लग रहा है।

दौड़-धूप करना -> बड़ी कोशिश करना
कौन बाप अपनी बेटी के ब्याह के लिए दौड़-धूप नहीं करता ?

दो कौड़ी का आदमी -> तुच्छ या अविश्र्वसनीय व्यक्ति
किस दो कौड़ी के आदमी की बात करते हो ?

दो टूक बात कहना -> थोड़े शब्दों में स्पष्ट बात कहना
दो टूक बात कहना अच्छा रहता है।

दो दिन का मेहमान -> जल्द मरनेवाला
किसी का क्या बिगाड़ेगा ? वह बेचारा खुद दो दिन का मेहमान है।

दूध के दाँत न टूटना -> ज्ञानहीन या अनुभवहीन
वह सभा में क्या बोलेगा ? अभी तो उसके दूध के दाँत भी नहीं टूटे हैं।

दूध का दूध और पानी का पानी कर देना -> पूरा-पूरा इन्साफ करना
कल सरपंच ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।

दूज का चाँद होना या ईद का चाँद होना -> कभी-कभार दिखाई पड़ना
मित्र, आजकल तो तुम दूज का चाँद हो रहे हो।

दो नावों पर पैर रखना/दो नावों पर सवार होना -> दो काम एक साथ करना
मित्र, तुम दो नावों पर पैर मत रखो- या तो पढ़ लो, या नौकरी कर लो।

दम खींचना या साधना -> चुप रह जाना
पैसा उधार मांगने पर सेठजीदम साध गए।

दमड़ी के तीन होना -> बहुत तुच्छ या सस्ता होना
आजकल मूली दमड़ी की तीन बिक रही हैं।

दरवाजे की मिट्टी खोद डालना -> बार-बार तकाजा करना
सौ रुपए के लिए श्याम ने राजू के दरवाजे की मिट्टी खोद डाली।

दरार पड़ना -> मतभेद पैदा होना
अब कौशल और कौशिक की दोस्ती में दरार पड़ गई है।

दसों उंगलियाँ घी में होना -> खूब लाभ होना
आजकल रामअवतार की दसों उंगलियाँ घी में हैं।

दाँत पीसना -> बहुत क्रोधित होना
रमेश तो बात-बात पर दाँत पीसने लगता है।

दाँत काटी रोटी होना -> अत्यन्त घनिष्ठता होना या मित्रता होना
आजकल राम और श्याम की दाँत काटी रोटी है।

दाँत खट्टे करना -> परास्त करना, हराना
महाभारत में पांडवों ने कौरवों के दाँत खट्टे कर दिए थे।

दाँतों तले उँगली दबाना -> दंग रह जाना
जब एक गरीब छात्र ने आई.ए.एस. पास कर ली तो सब दाँतों तले उँगली दबाने लगे।

दाई से पेट छिपाना -> जानने वाले से भेद छिपाना
मैं पंकज की हरकत जानता हूँ, फिर भी वह दाई से पेट छिपा रहा था।

दाद देना -> प्रशंसा करना
माहेश्वरी सर के पढ़ाने के ढँग की सभी छात्र दाद देते हैं।

दाना-पानी उठना -> आजीविका का साधन खत्म होना या बेरोजगार होना
लगता है आज रोहित का दाना-पानी उठ गया है। तभी वह मैनेजर को उल्टा जवाब दे रहा है।

दाल-भात में मूसलचन्द -> दो व्यक्तियों की बातों में तीसरे व्यक्ति का हस्तक्षेप करना
शंकर हर जगह दाल-भात में मूसलचन्द की तरह आ जाता है।

दिन में तारे दिखाई देना -> अधिक दुःख के कारण होश ठिकाने न रहना
जब रामू की नौकरी छूट गई तो उसे दिन में तारे दिखाई दे गए।

दिन गँवाना -> समय नष्ट करना
बेरोजगारी में रोहन आजकल यूँ ही दिन गँवा रहा है।

दिन पूरे होना -> अंतिम समय आना
लगता है किशन के दिन पूरे हो गए हैं तभी अत्यधिक धूम्रपान कर रहा है।

दिन पलटना -> अच्छे दिन आना
नौकरी लगने के बाद अब शम्भू के दिन पलट गए हैं।

दिन-रात एक करना -> कठिन श्रम करना
मोहन ने दसवीं पास करने के लिए दिन-रात एक कर दिया था।

दिन आना -> अच्छा समय आना
अभी उनके दिन चल रहे हैं पर कभी-न-कभी हमारे भी दिन आएँगे।

दिन लद जाना -> समय व्यतीत हो जाना
वे दिन लद गए जब जमींदार लोग किसानों पर अत्याचार करते थे।

दिमाग दौड़ाना -> विचार करना, अत्यधिक सोचना
कमल बहुत दिमाग दौड़ाता है तभी वह इंजीनियर बन पाया है।

दिमाग सातवें आसमान पर होना -> बहुत अधिक घमंड होना
सरकारी नौकरी लगने पर परमजीत का दिमाग सातवें आसमान पर हो गया है।

दिमाग खाना या खाली करना -> मगजपच्ची या बकवास करना
मेरे दिमाग खाली करने के बाद भी गणित का सवाल सोनू की समझ में नहीं आया।

दिल टुकड़े-टुकड़े होना या दिल टूटना -> बहुत निराश होना
जब मनीष को मैंने किताब नहीं दी तो उसका दिल टुकड़े-टुकड़े हो गया।

दिल पर पत्थर रखना -> दुःख सहकर या हानि होने पर चुप रहना
रामू के जब पाँच हजार रुपए खो गए तो उसने दिल पर पत्थर रख लिया।

दिल पसीजना -> किसी पर दया आना
भिखारी की दुर्दशा देखकर मेरा दिल पसीज गया।

दिल हिलना -> अत्यधिक भयभीत होना
रात में किसी की परछाई देखकर मेरा दिल हिल गया।

दिल का काला या खोटा -> कपटी अथवा दुष्ट
मुन्ना दिल का काला है।

दिल बाग-बाग होना -> अत्यधिक हर्ष होना
वर्षों बाद बेटा घर आया तो माता-पिता का दिल बाग-बाग हो गया।

दिल कड़ा करना -> हिम्मत करना
जब तक दिल कड़ा नहीं करोगे तब तक किसी काम में सफलता नहीं मिलेगी।

दिल का गुबार निकालना -> मन का मलाल दूर करना
अपने बेटे के विवाह में पंडित रामदीन ने अपने दिल के सारे गुबार निकाल लिए।

दिल की दिल में रह जाना -> मनोकामना पूरी न होना
जिस लड़की से वह विवाह करना चाहता था उससे कह ही नहीं पाया और इस तरह से दिल की दिल में ही रह गई।

दिल के अरमान निकलना -> इच्छा पूरी होना
जब मेरे दिल के अरमान निकलेंगे तब मुझे तसल्ली मिलेगी।

दिल्ली दूर होना -> लक्ष्य दूर होना
अभी तो मोहन ने सिर्फ दसवीं पास की है। उसे डॉक्टर बनना है तो अभी दिल्ली दूर है।

दुनिया की हवा लगना -> कुमार्ग पर चलना
रामू को दुनिया की हवा लग गई है, पहले तो वह बहुत सीधा था।

दुनिया से उठ जाना -> मर जाना
काका हाथरसी दुनिया से उठ गए तो संगीत प्रेमी रोने लगे थे।

दूध का धुला -> निष्पाप; निर्दोष
मुकेश तो दूध का धुला है, लोग उसे चोरी के इल्जाम में खाहमखाह फँसा रहे हैं।

दूध का-सा उबाल आना -> एकदम से क्रोध आना
जैसे ही मैंने पिताजी से रुपए माँगे, उनमें दूध का-सा उबाल आ गया।

दूध की नदियाँ बहना -> धन-दौलत से पूर्ण होना
कृष्ण के युग में मथुरा में दूध की नदियाँ बहती थीं।

दूध की मक्खी -> तुच्छ व्यक्ति
बेरोजगार होने के बाद रामू तो अपने घर में दूध की मक्खी की तरह है।

दूध में से मक्खी की तरह निकालकर फेंकना -> अनावश्यक समझकर अलग कर देना
राजू की कंपनी ने कल उसे दूध में से मक्खी की तरह निकालकर फ़ेंक दिया।

दो-दो हाथ होना -> लड़ाई होना
छोटी-सी बात पर राजू और रामू में दो-दो हाथ हो गए।

दोनों हाथों में लड्डू होना -> हर प्रकार से लाभ होना
अब अजय के तो दोनों हाथों में लड्डू हैं।

दोनों हाथों से लुटाना -> खूब खर्च करना
सुरेश बाप-दादों की संपत्ति दोनों हाथों से लुटा रहा है।

दूर के ढोल सुहावने होना या लगना -> दूर की वस्तु या व्यक्ति अच्छा लगना
जब मैंने वैष्णो देवी जाने को कहा तो पिताजी बोले कि तुम्हें दूर के ढोल सुहावने लग रहे हैं, चढ़ाई चढ़ोगे तब मालूम पड़ेगा।

देवलोक सिधारना -> मर जाना
रामू के पिताजी तो बहुत पहले देवलोक सिधार गए, पर मुझे आज ही ज्ञात हुआ है।

दफा होना -> चले जाना
अगर तुम वहाँ से दफा न हुए होते तो तुम्हारी खैर नहीं थी।

दबदबा मानना -> रौब मानना
सारे मुहल्ले के लोग आपके बेटे का दबदबा मानते हैं।

दबे पाँव आना/जाना -> बिना आहट किए आना/जाना
इस कमरे में दबे पाँव जाना क्योंकि अंदर बच्चा सो रहा है।

दर-दर की खाक छानना/दर-दर-मारा-मारा फिरना -> जगह-जगह की ठोकरें खाना
नौकरी के चक्कर में माधव दर-दर की खाक छानता फिर रहा है।

दशा फिरना -> अच्छे दिन आना
इतने दिनों से वह परेशान चल रही थी। जैसे ही दशा फिरी सब अच्छा-ही-अच्छा हो गया।

दाँत निपोरना -> गिड़गिड़ाना
क्यों दाँत निपोरकर भीख माँग रहे हो, काम क्यों नहीं करते ?

दाने-दाने को तरसना -> भूखों मरना
पिता की मृत्यु के कारण बच्चे दाने-दाने को तरसने लगे हैं।

दाम खड़ा करना -> उचित कीमत प्राप्त करना
आप चाहें तो अपनी पुरानी कार के दाम खड़े कर सकते हैं।

दामन छुड़ाना -> पीछा छुड़ाना
पति की मार सहना उसकी मजबूरी थी। बेचारी पति से दामन छुड़ाकर जाती भी कहाँ ?

दामन पकड़ना -> किसी की शरण में जाना
मैं एक बार जिसका दामन पकड़ लेता हूँ, जीवन भर साथ नहीं छोड़ता।

दाल गलना -> युक्ति सफल होना
उसने मुझे फुसलाने की बहुत कोशिश की पर मेरे आगे उसकी दाल न गली।

दाल रोटी चलना -> जीवन निर्वाह होना
इतनी तनख्वाह मिल जाती है कि किसी तरह दाल-रोटी चल जाती है।

दिल बल्लियों उछलना -> बहुत खुश होना
नौकरी की खबर मिलते ही उसका दिलबल्लियों उछलने लगा।

दिल्लगी करना -> मजाक करना
हर समय दिल्लगी करना अच्छा नहीं लगता।

दुकान बढ़ाना(दूकान बंद करना
लाला जी ने शाम को सात बजे दुकान बढ़ाई और घर की ओर चल दिए।

दीवारों के कान होना -> किसी गोपनीय बात के प्रकट हो जाने का खतरा
दीवारों के भी कान होते हैं। अतः तुम लोग बात करते समय सावधानी रखा करो।

दुखती रग को छूना -> मर्म पर आघात करना
उसकी दुखती रग को मत छुओ वरना वह रो पड़ेगी।

दुम दबाकर भागना -> डटकर भागना/चले जाना
पुलिस वाले को देखते ही चोर दुम दबाकर भाग गया।

दुलत्ती झाड़ना -> दोनों लातों से मारना
घोड़ा जब दुलत्ती झाड़ता है तब थोड़ी दूर रहना चाहिए।

दुश्मनी मोल लेना -> व्यर्थ की दुश्मनी करना
बैठे बिठाए दुश्मनी मोल लेना कोई अक्लमंदी नहीं है।

दूध की लाज रखना -> वीरोचित कार्य करना
माँ ने अपने बेटे को युद्ध में भेजते समय यही कहा था कि ‘बेटे मेरे दूध की लाज रखना। या तो जीत कर लौटना या शहीद हो जाना’।

दूध पीता बच्चा -> अबोध एवं निरपराध व्यक्ति
वह कोई दूध पीता बच्चा नहीं है जो हमेशा उसे टोकती रहती हो।

दृष्टि फिरना -> पहले जैसा प्रेम या स्नेह न रहना
यदि आपकी ही दृष्टि फिर गई तो हमलोग कहाँ जाएँगे?

देखते रह जाना -> दंग रह जाना
इतने छोटे बच्चे के करतब लोग देखते रह गए।

देखते ही बनना -> वर्णन न कर पाना
उन पहाड़ों की छटा देखते ही बनती थी।

देह टूटना -> शरीर में दर्द होना
लगता है इनफैक्शन हो गया है। सुबह से ही मेरी देह टूट रही है।

देह भरना -> मोटा हो जाना
पहले तो वह बहुत कमजोर था पर नौकरी के तीन महीने बाद ही उसकी देह भर गई।

द्वार-द्वार फिरना -> घर-घर भीख माँगना
बेचारा द्वार-द्वार फिरता है तब जाकर पेट भरने लायक भीख मिलती है।

द्वार लगाना -> दरवाजा बंद करना
उसने मुझे देखते ही द्वार लगा दिया था।

दरदर भटकना -> मारे-मारे फिरना
कभी तुलसीदास को भी दर-दर भटकना पड़ा था।

दाल-भात का कौर समझना -> आसान समझना
यह आई० ए० एस० की परीक्षा है। कोई दाल-भात का कौर नहीं।

दहिना हाथ होना -> सहायक होना
अनुग्रह बाबू श्री बाबू के दहिने हाथ थे।

दिल्ली दूर होना -> कार्य में विलंब होना
अभी दिल्ली दूर है। घबड़ाने से काम नहीं चलेगा।

दीन-दुनिया की खबर न होना -> संसार का कुछ भी पता न होना
जब से उसका विवाह हुआ, उसे दीन-दुनिया की खबर ही न रही।

दीन दुनिया भूल जाना -> सुध-बुध भूल बैठना
मजनूँ लैला के प्यार में दीन-दुनिया भूल गया था।

दम मारना -> विश्राम करना

दम में दम आना -> राहत होना

दाँव खेलना -> धोखा देना

दिनों का फेर होना -> बुरे दिन आना

दीदे का पानी ढल जाना -> बेशर्म होना

दिल बढ़ाना -> साहस भरना

दूध के दाँत न टूटना -> ज्ञान और अनुभव का न होना

दायें-बायें देखना -> सावधान होना

दिल दरिया होना -> उदार होना

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