मुहावरे भाग-6

धज्जियाँ उड़ाना -> किसी के दोषों को चुन-चुनकर गिनाना
उसने उनलोगों की धज्जियाँ उड़ाना शुरू किया कि वे वहाँ से भाग खड़े हुए।

धूप में बाल सफेद करना -> बिना अनुभव के जीवन का बहुत बड़ा भाग बिता देना
रामू काका ने धूप में बाल सफेद नहीं किए हैं, उन्हें बहुत अनुभव है।

धोबी का कुत्ता घर का न घाट का -> जिसका कहीं ठिकाना न हो, निरर्थक व्यक्ति
जब से रामू की नौकरी छूटी है, उसकी दशा धोबी का कुत्ता घर न घाट का जैसी है।

धतूरा खाए फिरना -> उन्मत्त होना
लॉटरी खुलने पर अमित धतूरा खाए फिर रहा है।

धन्नासेठ का नाती बनना -> गरीब आदमी का बहुत गर्व करना
किशन के पास कुछ भी नहीं है, फिर भी धन्नासेठ का नातीबनता है।

घब्बा लगना -> कलंकित करना
मोहन ने चोरी करके खुद पर धब्बा लगा लिया।

धमाचौकड़ी मचाना -> उपद्रव करना
अंकुर और टीटू मिलकर बहुत धमाचौकड़ी मचाते हैं।

धुर्रे उड़ाना -> बहुत अधिक मारना
ट्रेन में लोगों ने पॉकेटमार के धुर्रे उड़ा दिए।

धूल फाँकना -> मारा-मारा फिरना
बी.ए. पास करने के बाद कालू नौकरी के लिए धूल फाँक रहा है।

धाक जमाना(रोब या दबदबा जमाना
वह जहाँ भी जाता है वहीं अपनी धाक जमा लेता है।

धीरज बँधाना -> सांत्वना देना
सब लोगों ने धीरज बँधाने की कोशिश की पर उसके आँसू न थमे।

धुन का पक्का -> लगन से काम करने वाला
जो धुन के पक्के होते हैं वे काम पूरा करके ही छोड़ते हैं।

धुन सवार होना -> लगन लगना
अब उसे संगीत सीखने की धुन सवार हो गई है।

धूनी रमाना -> साधु या विरक्त हो जाना, कहीं पर जाकर निवास करना
हमारा क्या है? जहाँ कहीं भी धूनी रमा देंगे वहीं अपना किया बन जाएगा।

धोखा देना -> ठगना
चोर पुलिस को धोखा देकर भाग गया।

धूल चाटना -> खुशामद करना
पहले तो बहुत अकड़ रहे थे। जब पता चला कि मदन मंत्री का बेटा है तो लगे उसकी धूल चाटने।

ध्यान में न लाना -> विचार न करना
अपनी पत्नी की बातों को ध्यान में मत लाया करो वरना दुखी होते रहोगे।

ध्यान से उतरना -> भूलना
मैंने गाड़ी की चाबी कहाँ रख दी है यह मेरे ध्यान से उतर गया है।

धता बताना -> टालना, भागना
हमीद बड़ी ही उम्मीद से अफजल के यहाँ गया, लेकिन उसने तो धता बता दिया।

धरना देना -> अड़कर बैठना
सत्याग्रही मंत्री की कोठी के सामने धरना दे रहे है।

धाँधली मचाना -> झंझट करना, उपद्रव करना
इस विभाग में बड़ी धाँधली मची हुई है।

धुनी रमाना -> तप करना
भाई ! इसी उम्र में क्यों धुनी रमा रहे हो ?

धूल छानना -> मारना-पीटना
बदमाशी करोगे, तो धूल झाड़ देंगे।

धोती ढीली होना -> डर जाना
मास्टर साहब के आते ही लड़के की धोती ढीली हो गयी।

धक्का देना -> अपमान करना
तुम मुझे धक्का दो और मैं तुम्हारी आरती उतारूँ- ऐसा क्या संभव है ?

ध्यान बँटना -> एकाग्रचित्त न होना
जब ध्यान बँट जाता है, तो पढ़ाई नहीं होती।

धरती पर पाँव न रखना -> घमंडी होना

धुँआ-सा मुँह होना -> लज्जित होना

नौ-दो ग्यारह होना -> भाग जाना
बिल्ली को देखकर चूहे नौ दो ग्यारह हो गए।

न इधर का, न उधर का -> कही का नही
कमबख्त ने न पढ़ा, न बाप की दस्तकारी सीखी; न इधर रहा, न उधर का।

नाकों डीएम करना -> परेशान करना
पिछली लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को नाकों दम कर दिया।

निन्यानबे के फेर में पड़ना -> अत्यधिक धन कमाने में व्यस्त होना
आजकल रामू सब कुछ भूलकर निन्यानबे के फेर में पड़ा हुआ है।

न घर का रहना न घाट का -> दोनों तरफ से उपेक्षित होना
पढ़ाई छोड़ कर रोहन घर का रहा न घाट का, अब वह पछताता है।

नमक हलाल करना -> उपकार का बदला उतारना
कुत्ते ने मालिक के लिए अपनी जान दे कर अपना नमक हलाल कर दिया।

नमक का हक अदा करना -> बदला/ऋण चुकाना
यदि आप मेरी मदद करेंगे तो जीवन भर मैं आपके नमक का हक अदा करता रहूँगा।

नमक-मिर्च लगाना -> बढ़ा-चढ़ाकर कहना
मेरे भाई ने नमक-मिर्च लगाकर मेरी शिकायत पिता जी से कर डाली।

नमकहराम होना -> अकृतज्ञ होना
तुम जैसे नमकहराम लोगों पर कोई कैसे यकीन करेगा?

नयनों का तारा -> अत्यन्त प्रिय व्यक्ति या वस्तु
पिंटू अपने माता-पिता के नयनों का तारा है।

नस-नस ढीली होना -> बहुत थक जाना
दिन-भर घर का काम करके माँ की नस-नस ढीली हो जाती है।

नस-नस पहचानना -> भलीभाँति अच्छी तरह जानना
माता-पिता अपने बच्चों की नस-नस पहचानते हैं।

नाक में दम करना -> बहुत परेशान करना
इस बच्चे ने तो नाक में दम कर दिया है। कितना ऊधम करता है ये!

नाक में नकेल डालना -> नियंत्रण में करना
अशोक ने मैनेजर बनकर सबकी नाक में नकेल डाल दी है।

नाक ऊँची रखना -> सम्मान या प्रतिष्ठा रखना
शांति हमेशा अपनी नाक ऊँची रखती है।

नाक रगड़ना -> बहुत अनुनय-विनय करना
सुरेश को नाक रगड़ने पर भी नौकरी नहीं मिली।

नाकों चने चबाना -> बहुत परेशान होना
शिवाजी से टक्कर लेकर मुगलों को नाकों चने चबाने पड़े।

नाक का बाल होना -> बहुत प्यारा होना
इन दिनों हरीश अपने प्रधानाध्यापक की नाक का बाल बना हुआ है।

नाक रखना -> इज्जत रखना
आई० ए० एस० की परीक्षा में प्रथम आकर मेरी बेटी ने मेरी नाक रख ली।

नाक काटना -> इज्जत जाना
पोल खुलते ही सबके सामने उसकी नाक कट गयी।

नाक कटना -> प्रतिष्ठा या मर्यादा नष्ट होना
माँ ने बेटी को समझाया कि कोई ऐसा काम न करना जिससे उनकी नाक कट जाए।

नाम उछालना -> बदनामी करना
छात्रों ने बेमतलब ही संस्कृति के आचार्य जी का नाम उछाल दिया कि ये बच्चों को मारते हैं।

नाम डुबोना -> प्रतिष्ठा, मर्यादा आदि खोना
सीमा ने घर से भाग कर अपने माँ-बाप का नाम डुबो दिया।

नाव या नैया पार लगाना -> सफलता या सिद्धि प्रदान करना
ईश्वर सदा मेहनती व्यक्ति की नाव/नैया पार लगाता है।

नीला-पीला होना -> बहुत क्रोध करना
राजू के होमवर्क करके न लाने पर स्कूल में अध्यापक नीले-पीले हो रहे थे।

नंगा कर देना -> असलियत प्रकट कर देना
यदि ज्यादा बक-बक करोगे तो सबके सामने नंगा कर दूँगा।

नंगा नाच करना -> खुलेआम नीच काम करना
मुहल्ले में गुंडे नंगा नाच करते हैं और पुलिस कुछ करना ही नहीं चाहती।

नंबर दो का पैसा/रुपया -> अवैध धन
सारे नेता नंबर दो के पैसे को स्विस बैंक में जमा करने में लगे हैं।

नशा उतरना/काफूर होना -> घमण्ड दूर होना
व्यापार में घाटा होते ही सेठ जी का नशा उतर गया/काफूर हो गया।

नकेल हाथ में होना -> किसी की) -> सब प्रकार से अधिकार में होना
उसकी नकेल मेरे हाथ में हैं। मेरे सामने कुछ भी नहीं कर पाएगा।

न लेना न देना -> कोई संबंध न रखना
रोहन का अपनी पत्नी से न लेना है न देना। दोनों अलग हो गए हैं।

नखरे उठाना -> खुशामद करना
मैं किसी के नखरे नहीं उठा सकता। जो मुझे उचित लगेगा वही करूँगा।

नजर अंदाज करना -> उपेक्षा करना
धनवान बच्चों के सामने गरीब बच्चों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

नजर उतारना -> बुरी दृष्टि के प्रभाव को मंत्र आदि युक्ति से दूर करना
लगता है तुम्हें लोगों की नजर लग जाती है इसलिए जल्दी-जल्दी बीमार पड़ जाती हो। इस बार किसी साधु-संत से नजर उतरवा लो।

नजर डालना -> देखना
यदि आप इस तरफ नजर डालेंगे तो आपको सब समझ में आ जाएगा।

नजरबंद करना -> जेल में रखना
गाँधी जी को अंग्रेजो ने कई बार नजरबंद करके रखा था।

नजर बचाकर -> चुपके से
माता-पिता की नजर बचाकर वह सिनेमा देखने आई थी।

नजर से गिरना -> प्रतिष्ठा कम करना
जो लोग अपने बड़ों की नजर में गिर जाते हैं उनको कोई नहीं पूछता।

नब्ज छूटना -> मर जाना
सेठजी की नब्ज छूटते ही सब लोग रोने चिल्लाने लगे।

नसीब फूटना -> भाग्य का प्रतिकूल होना
हमारे तो नसीब फूटे थे जो इस शहर में आकर बसे।

नाक के नीचे -> बहुत निकट
आपकी नाक के नीचे आपका नौकर चोरी करता रहा और आपको तब पता चला जब उसने सारा खजाना खाली कर दिया।

नानी मर जाना -> बहुत कष्ट होना
थोड़ा-सा भी काम बढ़ जाता है तो तुम्हारी नानी क्यों मर जाती हैं?

नाम कमाना -> ख्याति प्राप्त करना
कंप्यूटर के क्षेत्र में मेरे बेटे ने बहुत नाम कमाया है।

नाक भौं चढ़ाना -> घृणा प्रदर्शित करना
इस जगह को देखकर नाक-भौं मत चढ़ाओ। इतनी खराब जगह नहीं है यह।

नाक पर मक्खी न बैठने देना -> अपने ऊपर किसी भी प्रकार का आक्षेप न लगने देना
जो अपनी नाक पर मक्खी तक नहीं बैठने देता वह इस बेईमानी के धंधे में हमारी मदद करेगा, यह तो संभव ही नहीं।

नुक़्ताचीनी करना -> दोष दिखाना, आलोचना करना
तुम हर बात में नुक्ताचीनी क्यों करती हो, कोई भी बात सीधे क्यों नहीं मान लेती हो।

निछावर करना -> बलिदान करना
अनेक देशभक्तों ने देश के लिए अपनी जान निछावर कर दी।

नींद हराम करना -> चिंता आदि के कारण सो न पाना
बेटी के विवाह की चिंता में वर्मा जी की नींद हराम हो गई है।

नींव डालना -> शुभ कार्य आरंभ करना
जैसी नींव डालोगे वैसी ही इमारत खड़ी होगी। अतः बच्चों को शुरू से ऐसी शिक्षा दो कि उनकी नींव मजबूत हो।

नीचा दिखाना -> अपमानित करना
जो दूसरों को अकारण नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं एक दिन खुद गड्ढ़े में गिरते हैं।

नोंक-झोंक होना -> कहा-सुनी होना
वैसे तो इनमें गहरी दोस्ती है, पर कभी-कभी नोंक-झोंक होती रहती हैं।

नौकरी बजाना -> कर्तव्यों का पालन करना
मैं तो ईमानदारी से अपनी नौकरी बजाता हूँ, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

नौबत आना -> संयोग उपस्थित होना
अब यह नौबत आ गई है कि कोई एक गिलास पानी तक को नहीं पूछता।

नजर पर चढ़ना -> पसंद आ जाना

नाच नचाना -> तंग करना

नजर चुराना -> आँख चुराना

नदी-नाव संयोग -> ऐसी भेंट/मुलाकात जो कभी इत्तिफाक से हो जाय

नसीब चमकना -> भाग्य चमकना

नेकी और पूछ-पूछ -> बिना कहे ही भलाई करना

पेट काटना -> अपने भोजन तक में बचत
अपना पेट काटकर वह अपने छोटे भाई को पढ़ा रहा है।

पानी उतारना -> इज्जत लेना
भरी सभा में द्रोपदी को पानी उतारने की कोशिश की गयी।

पेट में चूहे कूदना -> जोर की भूख
पेट में चूहे कूद रहे है। पहले कुछ खा लूँ, तब तुम्हारी सुनूँगा।

पहाड़ टूट पड़ना -> भारी विपत्ति आना
उस बेचारे पर तो दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा।

पट्टी पढ़ाना -> बुरी राय देना
तुमने मेरे बेटे को कैसी पट्टी पढ़ाई कि वह घर जाता ही नहीं ?

पौ बारह होना -> खूब लाभ होना
क्या पूछना है ! आजकल तुम व्यापारियों के ही तो पौ बारह हैं।

पाँचों उँगलियाँ घी में होना -> पूरे लाभ में
पिछड़े देशों में उद्योगियों और मेहनतकशों की हालत पतली रहती है तथा दलालों, कमीशन एजेण्टों और नौकरशाहों की ही पाँचों उँगलियाँ घी में रहता हैं।

पगड़ी रखना -> इज्जत बचाना
हल्दीघाटी में झाला सरदार ने राजपूतों की पगड़ी रख ली।

पगड़ी उतारना -> अपमानित करना
दहेज-लोभियों ने सीता के पिता की पगड़ी उतार दी।

पानी-पानी होना -> अधिक लज्जित होना
जब धीरज की चोरी पकड़ी गई तो वह पानी-पानी हो गया।

पत्ता कटना -> नौकरी छूटना
मंदी के दौर में मेरी कंपनी में दस लोगों का पत्ता कट गया।

परछाई से भी डरना -> बहुत डरना
राजू तो अपने पिताजी की परछाई से भी डरता है।

पर्दाफाश करना -> भेद खोलना
महेश मुझे बात-बात पर धमकी देता है कि यदि मैं उसकी बात नहीं मानूँगा तो वह मेरा पर्दाफाश कर देगा।

पर्दाफाश होना -> भेद खुलना
रामू ने बहुत छिपाया, पर कल उसका पर्दाफाश हो ही गया।

पल्ला झाड़ना -> पीछा छुड़ाना
मैंने उसे उधार पैसे नहीं दिए तो उसने मुझसे पल्ला झाड़ लिया।

पाँव तले से धरती खिसकना -> अत्यधिक घबरा जाना
बस में जेब कटने पर मेरे पाँव तले से धरती खिसक गई।

पाँव फूलना -> डर से घबरा जाना
जब चोरी पकड़ी गई तो रामू के पाँव फूल गए।

पानी का बुलबुला -> क्षणभंगुर, थोड़ी देर का
संतों ने ठीक ही कहा है- ये जीवन पानी का बुलबुला है।

पानी फेरना -> समाप्त या नष्ट कर देना
मित्र! तुमने तो सब किये कराए पर पानी फेर दिया।

पारा उतरना -> क्रोध शान्त होना
जब मोहन को पैसे मिल गए तो उसका पारा उतर गया।

पारा चढ़ना -> क्रोधित होना
मेरे दादाजी का जरा-सी बात में पारा चढ़ आता है।

पेट का गहरा -> भेद छिपाने वाला
कल्लू पेट का गहरा है, राज की बात नहीं बताता।

पेट का हल्का -> कोई बात न छिपा सकने वाला
रामू पेट का हल्का है, उसे कोई बात बताना बेकार है।

पटरा कर देना -> चौपट कर देना
इस वर्ष के अकाल ने तो पटरा कर दिया।

पट्टी पढ़ाना -> गलत सलाह देना
किसी को पट्टी पढ़ाना अच्छी बात नहीं।

पत्थर का कलेजा -> कठोर हृदय व्यक्ति
शेरसिंह का पत्थर का कलेजा है तभी अपने माता-पिता के देहांत पर उसकी आँखों में आँसू नहीं थे।

पत्थर की लकीर -> पक्की बात
पंडित जी की बात पत्थर की लकीर है।

पर्दा उठना -> भेद प्रकट होना
आज सच्चाई से पर्दा उठ ही गया कि मुन्ना धनवान है।

पलकों पर बिठाना -> बहुत अधिक आदर-स्वागत करना
रामू ने विदेश से आए बेटों को पलकों पर बिठा लिया।

पलकें बिछाना -> बहुत श्रद्धापूर्वक आदर-सत्कार करना
नेताजी के आने पर सबने पलकें बिछा दीं।

पाँव धोकर पीना -> अत्यन्त सेवा-शुश्रुषा और सत्कार करना
रमा अपनी सासुमाँ के पाँव धोकर पीती है।

पॉकेट गरम करना -> घूस देना
अदालत में पॉकेट गर्म करने के बाद ही रामू का काम हुआ।

पीठ की खाल उधेड़ना -> कड़ी सजा देना
कक्षा में शोर मचाने पर अध्यापक ने रामू की पीठ की खाल उधेड़ दी।

पीठ ठोंकना -> शाबाशी देना
कक्षा में फर्स्ट आने पर अध्यापक ने राजू की पीठ ठोंक दी।

प्राण हथेली पर लेना -> जान खतरे में डालना
सैनिक प्राण हथेली पर लेकर देश की रक्षा करते हैं।

प्राणों पर खेलना -> जान जोखिम में डालना
आचार्य जी डूबती बच्ची को बचाने के लिए अपने प्राणों पर खेल गए।

पंख लगना -> विशेष चतुराई के लक्षण प्रकट करना
मधु के तो पंख लग गए हैं, उसे बहस में हरा पाना आसान नहीं है।

पंथ निहारना/देखना -> प्रतीक्षा करना
गोपियाँ पंथ निहारती रहीं पर कृष्ण कभी वापस न आए।

पत्ता खड़कना -> आशंका होना
अगर यहाँ पत्ता भी खड़केगा तो मुझे खबर मिल जाएगी, इसलिए आप निश्चिंत होकर अपना काम कीजिए।

पर कटना -> अशक्त हो जाना
इस लड़के के पर काटने पड़ेंगे बहुत बक-बक करने लगा है।

पलक-पाँवड़े बिछाना -> बहुत श्रद्धापूर्वक स्वागत करना
गाँधी जी जिस गाँव से भी निकल जाते थे लोग उनके स्वागत में पलक-पाँवड़े बिछा देते थे।

पलकों में रात बीतना -> रातभर नींद न आना
रात को कॉफी क्या पी, पलकों में ही सारी रात बीत गई।

पल्ला छुड़ाना -> छुटकारा पाना
मुझे इस काम में फँसाकर आप मुझसे पल्ला क्यों छुड़ाना चाहते हैं?

पल्ला पकड़ना -> आश्रय लेना
अब पल्ला पकड़ा है तो जीवनभर साथ निभाना होगा।

पसीने की कमाई -> मेहनत से कमाई हुई संपत्ति
भाई साहब! यह मेरे पसीने की कमाई है, मैं ऐसे ही नहीं लुटा सकता।

पाँव पड़ना -> बहुत अनुनय-विनय करना
मेरे पाँव पड़ने से कुछ न होगा, जाकर अपने अध्यापक से माँफी माँगो।

पाँव में बेड़ी पड़ना -> स्वतंत्रता नष्ट हो जाना
मल्लिका का विवाह क्या हुआ बेचारी के पाँवों में बेड़ी पड़ गई है, उसके सास-ससुर उसे कहीं आने-जाने ही नहीं देते।

पाँवों में मेंहदी लगना -> कहीं जाने में अशक्त होना
तुम्हारे पाँवों में क्या मेंहदी लगी है जो तुम बाजार तक जाकर सब्जी भी नहीं ला सकते?

पाँसा पलटना -> भाग्य का प्रतिकूल होना
पता नहीं कब क्या से क्या हो जाए? पाँसा पलटते देर नहीं लगती।

पानी जाना -> प्रतिष्ठा नष्ट होना
मनुष्य का यदि एक बार पानी चला जाए तो दुबारा वैसा ही सम्मान वापस नहीं मिलता।

पानी की तरह रुपया बहाना -> अन्धाधुन्ध खर्च करना
सेठजी ने सेठानी के इलाज पर पानी की तरह रुपया बहाया पर कुछ न हो सका।

पापड़ बेलना -> कष्टमय जीवन बिताना, बहुत परिश्रम करना
कितने पापड़ बेले हैं तब जाकर यह छोटी-सी नौकरी मिली है।

पाप का घड़ा भरना -> पाप का पराकाष्ठा पर पहुँचना
वह दुष्ट समझता था कि उसके पापों का घड़ा कभी भरेगा ही नहीं, पर समय किसी को नहीं छोड़ता।

पार लगाना -> उद्धार करना
ईश्वर पर भरोसा रखो। वे ही हमारी नैया पार लगाएँगे।

पाला पड़ना -> वास्ता पड़ना
मुझसे पाला पड़ा होता तो उसके होश ठिकाने आ जाते।

पासा पलटना -> स्थिति उलट जाना
क्या करें पास ही पलट गया। सोचा कुछ था हो कुछ गया।

पिंड छुड़ाना -> पीछा छुड़ाना
बड़ा दुष्ट है वह। उससे पिंड छुड़ाना बहुत मुश्किल है।

पिल पड़ना -> किसी काम के पीछे बुरी तरह लग जाना
बर्तन में रखे दूध पर बिल्लियाँ ऐसे पिल पड़ीं कि सारा दूध जमीन पर फैल गया।

पीछा छुड़ाना -> जान छुड़ाना
बड़ी मुश्किल से मैं उससे पीछा छुड़ाकर आया हूँ।

पीठ दिखाना -> हारकर भागना/पीछे हटना
पाकिस्तानी सेना पीठ दिखाकर भाग निकली।

पीस डालना -> नष्ट कर देना
जो मुझसे टक्कर लेगा उसे मैं पीस डालूँगा।

पुरजा ढीला होना -> व्यक्ति का सनकी हो जाना
मदन लाल के दिमाग का पुरजा ढीला हो गया है। उसे पता ही नहीं चलता कि क्या बोल रहा है?

पूरा न पड़ना -> कमी पड़ना
मेहमान अधिक आ गए हैं शायद इतना खाना पूरा न पड़े?

पेट पर लात मारना -> रोजी ले लेना
मैं किसी के पेट पर लात मारना नहीं चाहता वरना अब तक तो उसे नौकरी से बाहर कर दिया होता।

पेट पीठ एक होना -> बहुत दुर्बल होना
तीन माह की बीमारी में रमेश के पेट-पीठ एक हो गए हैं।

पेट में दाढ़ी होना -> बहुत चालाक होना
उसे सीधा मत समझना। उसके पेट में दाढ़ी है, किसी भी दिन चकमा दे सकता है।

पेट में बात न पचना -> कोई बात छिपा न सकना
उसे हर बात मत बताया करो क्योंकि उसके पेट में कोई बात नहीं पच ती।

पेट में बल पड़ना -> इतना हँसना कि पेट दुखने लगे
आज सब लोगों ने जो चुटकले सुनाए उन्हें सुनकर सब लोगों के पेट में बल पड़ गए।

पैंतरे बदलना -> नई चाल चलना
रामेश्वर से सावधान रहना। वह हर बार पैंतरे बदलता है।

पैर उखड़ना -> भाग जाना
युद्ध में कौरवों की सेना के पैर उखड़ गए।

पैर न टिकना -> कहीं स्थायी रूप से कुछ समय भी न रहना
तुम्हारा कभी पैर क्यों नहीं टिकता?

पैर फैलाकर सोना -> निश्चिंत रहना
बेटी का विवाह हो जाए फिर पैर फैला कर सोऊँगा।

पोल खुलना -> किसी का छुपा हुआ दोष सामने आ जाना
जब तुम्हारी पोल खुल जाएगी तब ये ही लोग तुम्हारा क्या हाल करेंगे तुम्हें अनुमान नहीं है।

पोल खोलना -> रहस्य प्रकट करना
आखिर एक दिन पोल खुली कि वह पैसा कहाँ से लाता है।

पैसा खींचना -> ठग कर किसी से धन लेना
उसने उससे पैसे खींच लिए।

पैसा डूबना -> हानि होना
इस कारोबार में मेरा पैसा डूब गया।

पौ फटना -> प्रातः काल होना
पौ फटते ही पिता जी घर से निकल पड़े।

प्रशंसा के पुल बाँधना -> बहुत तारीफ करना
आज तो समारोह में सभाध्यक्ष ने शर्मा जी की प्रशंसा के पुल बाँध दिए।

प्राणों की बाजी लगाना -> जान की परवाह न करना
चिंता मत करो। प्राणों की बाजी लगाकर वह तुम्हारी रक्षा करेगा।

प्राण सूखना -> बहुत घबरा जाना
जंगल में शेर की आवाज सुनते ही हमलोगों के प्राण सूख गए।

प्राण हरना -> मार डालना
शेर ने एक ही झपट्टे में बेचारे हिरण के प्राण हर लिया।

पहलू बचाना -> कतराकर निकल जाना

पते की कहना -> रहस्य या चुभती हुई काम की बात कहना

पानी का बुलबुला -> क्षणभंगुर वस्तु

पानी देना -> तर्पण करना, सींचना

पानी न माँगना -> तत्काल मर जाना

पानी पर नींव डालना -> ऐसी वस्तु को आधार बनाना जो टिकाऊ न हो

पानी पीकर जाति पूछना -> कोई काम कर चुकने के बाद उसके औचित्य का निर्णय करना

पानी रखना -> मर्यादा की रक्षा करना

पानी में आग लगाना -> असंभव कार्य करना

पानी लगना -> कहीं का) -> स्थान विशेष के बुरे वातावरण का असर होना

पानी करना -> सरल कर देना

पानी फिर जाना -> बर्बाद होना

पोल खुलना -> रहस्य प्रकट करना

पुरानी लकीर का फकीर होना/पुरानी लकीर पीटना -> पुरानी चाल मानना

पैर पकड़ना -> क्षमा चाहना

फूलना-फलना -> धनवान या कुलवान होना
मेरा आशीर्वाद है; सदा फूलो-फलो।

फटे में पाँव देना -> दूसरे की विपत्ति अपने ऊपर लेना
शर्मा जी की फटे में पाँव देने की आदत है।

फल चखना -> कुपरिणाम भुगतना
वह जैसा कर्म करेगा, वैसा फल चखेगा।

फुलझड़ी छोड़ना -> कटाक्ष करना
गुप्ता जी तो कोई न कोई फुलझड़ी छोड़ते ही रहते हैं।

फूट डालना -> मतभेद पैदा करना
अंग्रेजों ने फूट डाल कर भारत पर राज किया था।

फूला न समाना -> अत्यन्त आनन्दित होना
जब रवि कक्षा 10 में पास हो गया तो वह फूला नहीं समाया।

फूँककर पहाड़ उड़ाना -> असंभव कार्य करना
धीरज फूँककर पहाड़ उड़ाना चाहता है।

फूंक-फूंक कर कदम रखना -> सोच-समझकर काम करना
एक बार नुकसान उठा लिया अब तो फूंक-फूंक कर कदम रखो।

फूटी आँखों न सुहाना -> तनिक भी अच्छा न लगना
झूठ बोलने वाले लोग मुझे फूटी आँख नहीं सुहाते।

फटे हाल होना -> बहुत गरीब होना
जो बेचारा खुद फटे हाल है वह दूसरों की क्या मदद करेगा।

फूँक निकल जाना -> भयभीत होना
बहुत बढ़-चढ़ कर बोल रहा था। जैसे ही प्रधानाचार्य आए उसकी फूँक निकल गई।

फूटी कौड़ी भी न होना -> बहुत गरीब होना
मेरे पास तो फूटी कौड़ी भी नहीं हैं, मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकता।

फूट-फूट कर रोना -> बहुत रोना
परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने की खबर सुनकर वह फूट-फूट कर रोने लगी।

फूलकर कुप्पा हो जाना -> बहुत खुश होना
नौकरी लगने की खबर सुनते ही वह फूलकर कुप्पा हो गया।

फक हो जाना -> घबड़ा जाना
ज्योंही मैंने उससे एक हिसाब पूछा कि वह फ़क हो गया।

फंदे में फँसना -> जाल में फँसना
जब तुम किसी बदमाश के फंदे में फँसोगे, तो पता चलेगा।

फंदे में पड़ना -> धोखे में पड़ना
क्या तुम्हारे जैसा चतुर व्यक्ति भी किसी के फंदे में पड़ सकता है ?

फब्तियाँ कसना -> व्यंग्य करना
फब्तियाँ कसने की आदत छोड़ो।

फाख्ता उड़ाना -> गुलछर्रे उड़ाना
दूसरे की कमाई पर फाख्ता उड़ाए जाओ, जब स्वयं कमाने लगोगे तो आटे-दाल का भाव मालूम होगा।

फूल सूँघकर रहना -> बहुत थोड़ा खाना
क्या आप फूल सूँघकर रहते हैं, जो इतना दुर्बल हो गये हैं।

फ़ूलों से तौला जाना -> अतीव कोमल होना
रानी तो फूलों से तौली जाती है।

फफोले फोड़ना -> वैर साधना

फूल झड़ना -> मधुर बोलना

बीड़ा उठाना -> दायित्व लेना
गांधजी ने भारत को आजाद करने का बीड़ा उठाया था।

बाजी ले जाना या मारना -> जीतना
देखें, दौड़ में कौन बाजी ले जाता या मारता है।

बेसिर-पैर की बात करना(व्यर्थ की बात करना
वह तो जब भी देखो, बेसिर-पैर की बात करता है।

बगलें झाँकना -> उत्तर न दे सकना
अध्यापक के सवाल पर राजू बगलें झाँकने लगा।

बगुला भगत -> ढोंगी व्यक्ति
वो साधु तो बगुलाभगत निकला, सबको लूट कर भाग गया।

बाग-बाग होना -> बहुत खुश होना
जब राम अपनी कक्षा में फर्स्ट आया तो उसके माता-पिता का दिल बाग-बाग हो गया।

बोलबाला होना -> ख्याति होना
शहर में सेठ रामचंदानी का बहुत बोलबाला है।

बखिया उधेड़ना -> भेद या राज खोलना या पोल खोलना
आज अजय ने रामू की बखिया उधेड़ दी।

बाँसों उछलना -> बहुत खुश होना
जब बेरोजगार राजू को नौकरी मिल गई तो वह बाँसों उछल रहा था।

बाट जोहना -> इन्तजार अथवा प्रतीक्षा करना
रामू की माँ परदेस गए बेटे की कब से बाट जोह रही है।

बात को गाँठ में बाँधना -> स्मरण/याद रखना
मित्र, मेरी बात को गाँठ में बाँध लो, तुम अवश्य सफल होओगे।

बात खुलना -> रहस्य खुलना
कल सबके सामने रमेश की बात खुल गई।

बात बनाना -> झूठ बोलना
मोहन अब बात बनाना भी सीख गया है।

बुद्धि पर पत्थर पड़ना -> अक्ल काम न करना
आज उसकी बुद्धि पर पत्थर पड़ गए तभी तो उसने 10 लाख का मकान 2 लाख में बेच दिया।

बेपेंदी का लौटा -> किसी की तरफ न टिकने वाला
वह नेता तो बेपेंदी का लौटा है- कभी इस पार्टी में तो कभी उस पार्टी में चला जाता है।

बछिया का ताऊ -> मूर्ख व्यक्ति
धीरू तो बछिया का ताऊ है।

बधिया बैठना -> बहुत घाटा होना
नए रोजगार में तो पवन की बधिया ही बैठ गई।

बहत्तर घाट का पानी पीना -> अनेक प्रकार के अनुभव प्राप्त करना
काका जी बहत्तर घाट का पानी पी चुके हैं, उनको कोई धोखा नहीं दे सकता।

बाएं हाथ का खेल -> बहुत सुगम कार्य
रामू ने कहा कि कबड्डी में जीतना तो उसके बाएं हाथ का खेल है।

बारह बाट करना -> तितर-बितर करना
भाई-भाई की लड़ाई ने राम और श्याम को बारह बाट कर दिया।

बाल की खाल निकालना -> छोटी से छोटी बातों पर तर्क करना
सूरज तो हमेशा बाल की खाल निकालता रहता है।

बाल बाँका न होना -> जरा भी हानि न होना
जिसकी रक्षा ईश्वर करता है उसका बाल भी बाँका नहीं हो सकता।

बुढ़ापे की लाठी -> बुढ़ापे का सहारा
रामदीन का बेटा उसके बुढ़ापे का लाठी था, वह भी विदेश चला गया।

बहती गंगा में हाथ धोना -> समय का लाभ उठाना
हर आदमी बहती गंगा में हाथ धोना चाहता है चाहें उसमें क्षमता हो या न हो।

बगलें झाँकना -> उत्तर न दे सकना
साक्षात्कार के समय प्रत्येक प्रश्न के उत्तर में वह बगलें झाँकने लगा था।

बट्टा लगाना -> कलंकित होना, दाग लगना
चोरी करके उसने अपने माँ-बाप के नाम पर बट्टा लगा दिया।

बदन में आग लग जाना -> बहुत क्रोध आना
राजेश की झूठी बातें सुनकर मेरे बदन में आग लग गई।

बधिया बैठना -> बहुत घाटा होना
आमदनी कम, खर्चे अधिक।बधिया तो बैठनी ही थी।

बना बनाया खेल बिगड़ जाना -> सिद्ध हुआ काम खराब हो जाना
तुम्हारी एक छोटी-सी गलती से सारा बना बनाया खेल ही बिगड़ गया।

बलि जाना -> न्योछावर होना
मीरा कृष्ण के हर रूप पर बलि जाती थी।

बरस पड़ना -> क्रोधित होना
मुझे देखते ही अध्यापक क्यों इतना बरस पड़े?

बाँछें खिल जाना -> बहुत प्रसन्न होना
बेटे को नौकरी मिलने की खबर सुनते ही शर्मा जी की बाँछें खिल गई।

बाँह चढ़ाना -> लड़ने को तैयार होना
इस तरह से बाँह चढ़ाकर बात करने से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। बैठकर शांति से बात करो।

बाँह पकड़ना -> शरण में लेना
किसी बड़े आदमी की बाँह पकड़ लो, बेड़ा पार हो जाएगा।

बाज न आना -> बुरी आदत न छोड़ना
सब लोगों ने इतना समझाया फिर भी वह अपनी आदतों से बाज नहीं आता।

बात का बतंगड़ बनाना -> छोटी-सी बात को बहुत बढ़ा देना
बात का बतंगड़ मत बनाओ और इस किस्से को यहीं समाप्त करो।

बात न पूछना -> परवाह न करना
जब उसका अपना बेटा ही बात नहीं पूछता तो दूसरा कोई क्या मदद करेगा?

बात बढ़ना -> झगड़ा होना
बात ही बात में इतनी बात बढ़ गई कि दोनों ओर से चाकू-छुरियाँ निकल आयीं।

बाल-बाल बचना -> मुश्किल से बचना
विमान दुर्घटना में सभी यात्री बाल-बाल बच गए।

बात का धनी होना -> वायदे का पक्का होना
वह अपनी बात का धनी है। यदि उसने आने का वायदा किया है तो अवश्य आएगा।

बेड़ा गर्क करना -> नष्ट करना
तुमने मेरा बेड़ा गर्क कर दिया है। अब मैं तुम्हारे साथ काम नहीं कर सकता।

बे पर की उड़ाना -> निराधार बातें करना
मेरे सामने बे पर की मत उड़ाया करो। वही बातें किया करो जिनका कोई प्रमाण हो।

बुरा फँसना -> झंझट में पड़ना
मैं इस खराब रास्ते में गाड़ी लाकर बुरा फँसा।

बुरा मानना -> नाराज होना
बूढ़े की बातों का बुरा न मानना चाहिए।

बेवक्त की शहनाई बजाना -> अवसर के प्रतिकूल कार्य करना
पूजा के अवसर पर सिनेमा के गीत सुना कर लोग बेवक्त की शहनाई बजाते हैं।

बोलती बंद करना -> भय से आवाज न निकलना
मैंने उसे ऐसी डाँट बताई कि उसकी बोलती बंद हो गयी।

बन्दरघुड़की देना -> धमकाना

बाजार गर्म होना -> सरगर्मी होना, तेजी होना

बात का धनी -> वादे का पक्का, दृढप्रतिज्ञ

बात की बात में -> अतिशीघ्र

बात चलाना -> चर्चा करना

बात पर न जाना -> विश्वास न करना

बात रहना -> वचन पूरा करना

बातों में उड़ाना -> हँसी-मजाक में उड़ा देना

बात पी जाना -> बर्दाश्त करना, सुनकर भी ध्यान न देना

बाल की खाल निकालना -> छिद्रान्वेषण करना

बालू की भीत -> शीघ्र नष्ट होनेवाली चीज

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