- खोजकर्ता – 1950 ई. में रोपङ की खोज बी.बी.लाल द्वारा की गयी।
- नदी – सतलज नदी के किनारे स्थित है, रोपङ।
- स्थान – रोपङ भारत में पंजाब में स्थित है।
- यज्ञदत्त शर्मा ने रोपङ का उत्खनन करवाया (1955-56 ई.)।
रोपङ में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् सर्वप्रथम उत्खनन किया गया था। इसका वर्तमान नाम ‘रूप नगर’ है।
रोपङ की विशेषता
- कुत्ते के साथ मानव के शवाधान के सबूत मिले हैं।
- रोपङ से ताँबे की कुल्हाङी प्राप्त हुई है।
यहाँ संस्कृति के पांच चरण मिलते हैं जो इस प्रकार है –
- हड़प्पा
- चित्रित धूसर मृदभांड
- उत्तरी काले पालिश वाले
- कुषाण, गुप्त
- मध्यकालीन मृदभांड
रोपङ से मिले अन्य महत्त्वपूर्ण साक्ष्य
- रोपङ से मिट्टी के बर्तन, आभूषण चर्ट, फलग एवं तांबे की कुल्हाड़ी प्राप्त हुई ।
- यहाँ पर मिले मकानों के अवशेषों से लगता है कि यहाँ के मकान पत्थर एवं मिट्टी से बनाये गये थे।
- यहाँ शवों को अण्डाकार गढ्ढों में दफनाया जाता था। एक स्थान से शवाधान के लिए प्रयोग होने वाले ईटों का एक छोटा कमरा भी प्राप्त हुआ ।
- कुछ शवाधान से मिट्टी के पकाए गए आभूषण, शंख की चूड़ियां, गोमेद पत्थर के मनके, तांबे की अंगूठियां आदि प्राप्त हुई हैं।
- रोपड़ से एक ऐसा क़ब्रिस्तान मिला है जिसमें मनुष्य के साथ पालतू कुत्ता भी दफनाया गया था। ऐसा उदाहरण किसी भी हड़प्पाकालीन स्थल से प्राप्त नहीं हुआ है। परन्तु इस प्रकार का साक्ष्य नव पाषाण युग में ‘बुर्ज़होम’ (कश्मीर) से मिला है।