1. संयोजन अभिक्रिया (Combination Reaction)
जिस अभिक्रिया में दो या दो से अधिक अभिकारक एक साथ होकर एक एकल उत्पाद का निर्माण करते है उसे संयोजन अभिक्रिया कहा जाता है।
A+B → AB
उदाहरण के लिए दीवारों पर चूने से सफेदी करना। चूने को जब पानी में डालते है, तो बुझा हुआ चूने का निर्माण होता है अर्थात कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड (calcium hydroxide) और कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड (carbon dioxide) के साथ धीमी अभिक्रिया करके दीवारों पर कैल्शियम कार्बोनेट (calcium carbonate) की पतली प्लेट का निर्माण कर देते है।
CaO + H2O → Ca(OH)2
चूना + जल → बुझा हुआ चूना अथवा कैल्सियम हाइड्राक्साइड
Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3+ H2O
कैल्सियम हाइड्राक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्सियम + जल कार्बोनेट
इसे अवक्षेपण अभिक्रिया भी कहते है। कोयले का जलना भी संयोजन अभिक्रिया का हिस्सा है।
C(s) + O2 (g) → CO2 (g)
2. वियोजन या अपघटन अभिक्रिया (Dissociation Reaction)
वह अभिक्रिया जिसमें एक अभिकारक के टुकड़े होकर कर दो या दो से अधिक उत्पाद का निर्माण करते है, वियोजन या अपघटन अभिक्रिया कहलाती है।
AB → A + B
यह अभिक्रिया तीन प्रकार की होती है-
ऊष्मीय अपघटन या ऊष्मीय वियोजन (Thermal Dissociation)
वह अभिक्रिया जिसमें उष्मा प्रदान करके अभिकारकों को उत्पाद में तोड़ा जाता है, उसे ऊष्मीय वियोजन अभिक्रिया कहते है।
- CaCO3 (कैल्सियम कार्बोनेट)→ CaO + O2 (गर्म करने पर)
- 2Pb(NO3)2 (लेड नाइट्रेट) → 2PbO + 4NO2 + O2
प्रकाशिक अपघटन या प्रकाशीय वियोजन (Photolytic Dissociation )
वह अभिक्रिया जिनमें अभिकारकों को सूर्य के प्रकाश में रखने पर यह उत्पाद में टूट जाते हैं, उसे प्रकाशीय वियोजन कहते हैं।
- 2AgBr (सिल्वर ब्रोमाइड) → 2Ag + Br2
- 2AgCl (सिल्वर क्लोराइड) → 2Ag + Cl2
विद्युत अपघटन या विद्युत वियोजन (Electric Dissociation)
ऐसी अभिक्रिया विद्युत धारा प्रवाहित करने पर अभिकारक उत्पाद में खंडित हो जाते हैं, उसे विद्युत अपघटन या विद्युत वियोजन अभिक्रिया कहा जाता है।
2H2O → 2H2 + O2
3. विस्थापन अभिक्रिया (Displacement Reaction)
जब किसी निम्न प्रतिक्रिया वाली धातु का साल्ट किसी उच्च प्रतिक्रिया वाली धातु से अभिक्रिया करता है तो उच्च प्रतिक्रियाशील धातु उस लवण में से निम्न प्रतिक्रिया वाली धातु को विस्थापित कर देता है। इस अभिक्रिया को विस्थापन अभिक्रिया कहा जाता हैं। विस्थापन अभिक्रिया के कुछ उदाहरण –
जब किसी कॉपर सल्फेट के मिश्रण में लोहे की कील को डाला जाता है तो कॉपर सल्फेट का नीला रंग परिवर्तित होकर हल्का हरा हो जाता है। ऐसा फेरस सल्फेट के निर्माण होने के कारण होता है। लोहे की कील पर भूरी परत के रूप में कॉपर मिलता है।
CuSO4 (कॉपर सल्फेट ) (aq) + Fe (s) → FeSO4 (फेरस सल्फेट) (aq) + Cu (s) (कॉपर)
इसी तरह से जिंक और लेड भी कॉपर सल्फेट के विलयन में से कॉपर को विस्थापित कर देते हैं क्योंकि वे कॉपर से अधिक प्रतिक्रियाशील होते हैं।
- CuSO4 (aq) + Zn (s) (ज़िंक) → ZnSO4 (aq) + Cu (s)
- CuSO4 (aq) + Pb (s) (प्लंबम) → PbSO4 (aq) + Cu (s)
4. द्विविस्थापन अभिक्रिया (Double Displacement)
ऐसी अभिक्रिया जिनमें आयनों का आदान-प्रदान होता है, उसे द्विविस्थापन अभिक्रिया कहा जाता है।
- Ax + By → Bx Ay
- 2HCl + K2O → 2KCl (पोटेशियम क्लोराइड)+ H2O
- 6HCl + 2Al(OH)3 → 2AlCl3 (एल्यूमीनियम क्लोराइड) + 6H2O
- 2HCl +Na2O → 2NaCl + H2O
- 2HCl + CaO (कैल्सियम आक्साइड) → CaCl2 (कैल्शियम क्लोराइड) + H2O
अभिक्रिया की गति के आधार पर रासायनिक अभिक्रियाओं को दो भागों में विभाजित किया जाता है-
- मंद अभिक्रया
- तीव्र अभिक्रिया
1. मंद अभिक्रिया (Slow Reaction)
ऐसी अभिक्रिया जिसको संपन्न होने में कई वर्ष, महीनों या दिन लग जाते हैं, मंद अभिक्रिय कहा जाता है।
जैसे लोहे के जंग लगना–
Fe + O2 + H2O → Fe2O3.3H2O
2. तीव्र अभिक्रिया (Fast Reaction)
ऐसी अभिक्रिया जो कुछ ही सेकंड में पूरी हो जाती है तीव्र अभिक्रिया कहलाती है।
NaOH + HCl → NaCl + H2O
अर्द्ध आयुकाल (Haft Time)
वह समय जिसमें अभिकारकों की आधी मात्रा उत्पाद में परिवर्तित हो जाती है, अर्द्ध आयु काल कहलाती है। जैसे प्रकाश सश्लेष्ण के लिए इसका मान 10-12 SEC होता है। अभिक्रिया की दिशा के आधार पर रासायनिक अभिक्रिया के दो प्रकार होते है –
- उत्क्रमणीय अभिक्रिया
- अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया
1. उत्क्रमणीय अभिक्रिया (Reversible Reaction)
ऐसी अभिक्रिया जो दोनों दिशाओं में संपन्न होती है, अर्थात इनमें अभिकारक से उत्पाद का निर्माण होता हैं और उत्पाद पुनः अभिकारक का निर्माण कर लेते हैं। यह साम्याव्यवस्था पर समान रूप से चलती रहती है।
N2 + 3H2 ⇌ 2NH3
2. अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया (Irreversible Reaction)
ऐसी अभिक्रिया जो एक दिशा में ही संपन्न होती है अर्थात अभिकारक उत्पाद का निर्माण करते हैं, परंतु उत्पाद पुनः अभिकारकों में परिवर्तित नहीं होते। ऊष्मा के निष्कासन या अवशोषण के आधार पर अभिक्रिया दो प्रकार की होती है-
- ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया
- ऊष्माशोषी अभिक्रिया
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction)
ऐसी अभिक्रिया जिसके दौरान ऊष्मा का निष्कासन होता है उसे ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहा जाता है।
- C + O2 → CO2 + ऊष्मा
- C6H12O6 (ग्लूकोज) + 6O2 → 6CO2 + 6H2O + ऊर्जा
ऊष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction)
जिस अभिक्रिया के दौरान ऊष्मा का अवशोसीत होती है, उसे ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहा जाता है।
2HBr (हाइड्रोज़न ब्रोमाइड) → H2 + Br2
5. ऑक्सीकरण एवं अपचयन अभिक्रिया (Oxidation and Reduction Reaction)
पदार्थों (परमाणुओं, आयनों या अणुओं) द्वारा एक या अधिक इलेक्ट्रॉन त्याग करने की प्रक्रिया को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते है। तथा पदार्थों द्वारा एक या अधिक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रक्रिया को अपचयन अभिक्रिया कहते है।
ऑक्सीकरण अभिक्रियाँ
ऑक्सीकरण अभिक्रियाँ निम्न स्थितियों में होती है-
जब ऑक्सीजन का योग होता है –
- 2CO (कार्बन मोनोऑक्साइड) + O2 → 2CO2
- Cu (कॉपर) + O2 → 2CuO (कैल्शियम ऑक्साइड)
- 2H2 + O2 → 2H2O
- 2Mg (मैग्नेशियम) + O2 → 2MgO
- S (सल्फर) + O2 → SO2 (सल्फर डाइऑक्साइड)
- N2 (नाइट्रिक) + O2 → 2NO (नाइट्रिक ऑक्साइड)
- CH4 (मिथेन) + 2O2 → CO2 + 2H2O
- Na2SO3 (सोडियम सल्फाइट)+ H2O2 → Na2SO4 + H2O
- 2PbO2 → 2PbO (लेड ऑक्साइड)+ O2
जब हाइड्रोजन का निष्कासन होता है-
- H2S (हाइड्रोजन सल्फाइड )+ Cl2 → 2HCl + S
- CH4 + 2O2 → CO2 + 2H2O
- 4HI + MnO2 (मैगनीज डाइऑक्साइड) → MnCl2 + 2H2O + Cl2
- CH3OH (मेथेनॉल ) → CH2O + H2
- CO + H2 → CH3OH
- 4HI + O2 → 2H2O + 2I2
जब धन विद्युत की तत्व का निष्कासन होता है-
- 2Fe (फैरिक) + 3F2 → 2FeF3
- Fe+ S → FeS
- SnCl2 (टिन क्लोराइड) + Cl2 → SnCl4
जब ऋण विद्युतीय तत्व का योग होता है-
2KI (पोटेशियम आईऑक्साइड ) + Cl2 → 2KCl + I2
जब इलेक्ट्रॉन का निष्कासन होता है-
- Mg (मैग्नेशियम) → Mg2+ + 2e–
- Na (नाइट्रिक) → Na+ + e–
- Ca (कैल्सियम) → Ca2+ + 2e–
अपचयन अभिक्रियाँ
अपचयन अभिक्रियाँ निम्न स्थितियों में होती है-
जब ऑक्सीजन का निष्कासन होता है-
- H2O + C → CO + H2
- CuO + C → Cu + CO
- Al + Fe2O3 → Fe+ Al2O3
- 2CO + O2 → 2CO2
जब हाइड्रोजन का योग होता है-
C2H4 (एथीन) + H2 → C2H6
जब धन विद्युतीय तत्व का योग होता है-
2FeCl3 (आयरन क्लोराइड)+ H2 → 2FeCl2 + 2HCl
जब ऋण विद्युतीय तत्व का निष्कासन होता है-
CuCl2 (कॉपर (द्वितीय) क्लोराइड) + Cu → Cu2Cl2
जब इलेक्ट्रॉन का योग होता है-
- Cl + e– → Cl–
- N + 3e → N3–
रेडोक्स अभिक्रियाँ (Redox Reaction):– जिस अभिक्रिया में ऑक्सीकरण तथा अपचयन दोनों एक साथ-साथ होता है, तो इसे रेडोक्स अभिक्रियाँ कहते है।