भारत के प्रायद्वीपीय भाग में अनेक नदियां प्रवाहित हैं। ये नदियां मैदानी भाग की नदियों की अपेक्षा आकार में छोटी हैं। अधिकांश नदियां अधिकांशतः मौसमी और वर्षा पर आश्रित होती है। वर्षा ऋतु में इन नदियों के जल-स्तर में वृद्धि हो जाती है, पर शुष्क ऋतु में इनका जल-स्तर काफी कम हो जाता है। इस क्षेत्र की नदियां कम गहरी होती है , परंतु इन नदियों की घाटियां चौड़ी होती है। यहां की अधिकांश नदियां बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, कुछ नदियां अरब सागर में गिरती हैं और कुछ नदियां गंगा तथा यमुना नदी में जाकर मिल जाती हैं।
प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र को दो भागों में बांटा जा सकता है –
बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां
- हुगली नदी – यह गंगा नदी की मुख्य धारा से अलग हुई नदी है।
- दामोदर नदी –
उद्गम – छोटा नागपुर पठार, पलामू जिला, झारखण्ड
पूर्व दिशा में बहते हुए प. बंगाल में हुगली नदी में मिल जाती है। यह नदी बहुत ज्यादा प्रदूषित है, इसीलिए दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहते है। - स्वर्ण रेखा नदी – रांची के पठार से निकलती है। यह पश्चिम बंगाल उडीसा के बीच सीमा रेखा बनाती है।
- वैतरणी नदी – ओडीसा के क्योंझर जिले से निकलती है। इसका प्रवाह क्षेत्र ओडीसा एवं झारखण्ड राज्य है।
- महानदी – महानदी का उद्गम मैकाल पर्वत की सिंहाना पहाड़ी(धमतरी जिला, छत्तीसगढ़) है। इसका प्रवाह क्षेत्र छत्तीसगढ़ एवं ओडीसा राज्य में है।
- गोदावरी नदी – गोदावरी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है। गोदावरी नदी का उद्गम नासिक जिले की त्र्यम्बक पहाड़ी से होता है। गोदावरी को ‘दक्षिण गंगा’ व ‘वृद्ध गंगा’ भी कहा जाता है।
- कृष्णा नदी – कृष्णा नदी का उद्गम महाबलेश्वर से होता है। कृष्णा प्रायद्वीपीय भारत की दुसरी सबसे लंबी नदी है। यह महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश से होकर बंगाल की खाड़ी में डेल्टा बनाती है।
सहायक नदियां – भीमा, तुंगाभद्रा, कोयना, वर्णा, पंचगंगा, घाटप्रभा, दूधगंगा, मालप्रभा एवं मूसी नदी। - कावेरी नदी – कावेरी कर्नाटक राज्य के कुर्ग जिले की ब्रह्मगिरी की पहाड़ीयों से निकलती है। दक्षिण भारत की यह एकमात्र नदी है जिसमें वर्ष भर जल प्रवाह बना रहता है।
सहायक नदियां – लक्ष्मण तीर्थ, कंबिनी, सुवर्णावती, भवानी, अमरावती, हेरंगी, हेमावती, शिमसा नदी।
अरब सागर में गिरने वाली नदियां
- साबरमती नदी – साबरमती नदी उदयपुर(राजस्थान) के निकट अरावली पर्वत माला से निकलती है एवं गुजरात होते हुए खंभात की खाड़ी में गिरती है।
- नर्मदा नदी – नर्मदा नदी मैकाल पर्वत की अमरकंटक चोटी से निकलती है। नर्मदा का प्रवाह क्षेत्र मध्यप्रदेश, गुजरात एवं महाराष्ट्र है। नर्मदा विन्ध्याचल पर्वत माला एवं सतपुडा पर्वतमाला के बीच भ्रंश घाटी में बहती है। यह अरबसागर में गिरने वाली प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है। खंभात की खाड़ी में गिरने पर यह ज्वारनदमुख(एश्चुअरी) का निर्माण करती है।
- पेरियार नदी – यह नदी अन्नामलाई से निकलती है। इसका एक अन्य नाम पोन्नानी है। यह केरल की सबसे लंबी नदी है। इसका प्रवाह क्षेत्र केरल एवं तमिलनाडु है।
- माण्डवी नदी – माण्डवी नदी कर्नाटक राज्य में पश्चिमी घाट पर्वत के भीमगाड झरने से निकलकर पश्चिम दिशा में प्रवाहित होते हुए गोवा राज्य से प्रवाहित होने के बाद अरब सागर में गिरती है।
- माही नदी – माही नदी मध्य प्रदेश के धार जिले में विन्ध्याचल पर्वत से निकलती है इसका प्रवाह मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात राज्यों में है। इसकी सहायक नदियां सोम एवं जाखम है। यह खंभात की खाड़ी में अपना जल गिराती है।