इंडियन राइनो विज़न’ 2020 के बारे में:
- इंडियन राइनो विजन की शुरुआत वर्ष 2005 में हुई। भारतीय राइनो विज़न 2020 के तहत वर्ष 2020 तक भारतीय राज्य असम में स्थित सात संरक्षित क्षेत्रों में फैले एक सींग वाले गैंडों की आबादी को बढ़ाकर कम-से-कम 3,000 से अधिक करने का एक महत्त्वाकांक्षी कोशिश थी।
- सात संरक्षित क्षेत्रों में काज़ीरंगा, पोबितोरा , ओरांग नेशनल पार्क , मानस नेशनल पार्क , लोखोवा वन्यजीव अभयारण्य , बुराचौरी वन्यजीव अभयारण्य और डिब्रू सैखोवा वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
- IRV2020 का उद्देश्य एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जंगली जीवों का स्थान्तरण करना है। इसके तहत काज़ीरंगा नेशनल पार्क जैसे सघन गैडों की आबादी वाले क्षेत्र से मानस नेशनल पार्क, जहाँ आबादी कम है, में गैंडों को हस्तांतरण किया जाना है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय राइनो फाउंडेशन , असम वन विभाग , बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल , वर्ल्ड वाइड फंड- इंडिया और यूएस फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस सहित विभिन्न संगठनों के मध्य एक सहयोगात्मक कोशिश है।
कार्यक्रम का प्रदर्शन:
- गैंडों की आबादी को बढ़ाकर 3,000 करने के लक्ष्य को लगभग हासिल कर लिया गया है, लेकिन योजनाबद्ध तरीके से चार संरक्षित क्षेत्रों में हस्तांतरित जीवों में से केवल एक क्षेत्र में ही उनकी आबादी को दोबारा से देखा जा रहा है ।
- काजीरंगा नेशनल पार्क, ओरांगा नेशनल पार्क और पोबितोरा के अलावा चार संरक्षित क्षेत्रों में एक-सींग वाले गैंडों के प्रसार की योजना को क्रियान्वित नहीं किया जा सका।
- मानस नेशनल पार्क में गैंडों के हस्तांतरण ने इसे वर्ष 2011 में विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिलाने में मदद की है।
- पूरे असम में वन्यजीव अपराध से निपटने हेतु वानिकी, स्थानीय और राष्ट्रीय सरकारी अधिकारियों के सयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 2018 और 2019 में गैंडों के अवैध शिकार में कमी देखी गई है।
एक-सींग वाले गैंडे के बारे में:
- एशिया में राइनो की तीन प्रजातियाँ एक-सींग वाला गैंडा ,जावन और सुमात्रन पाई जाती हैं।
- गैंडों के सींग के लिये इनका शिकार करना और इनके निवास स्थान की क्षति एशिया में गैंडों के अस्तित्व के लिये दो सबसे बड़े खतरे हैं।
- राइनो रेंज़ के पाँच देशों (भारत, भूटान, नेपाल, इंडोनेशिया और मलेशिया) ने इन प्रजातियों के संरक्षण और सुरक्षा के लिये ‘न्यू डेल्ही डिक्लेरेशन ऑन एशियन राइनोज़, 2019 पर हस्ताक्षर किये हैं।
- संरक्षण स्थिति:
- जावा और सुमात्रन राइनो गंभीर रूप से संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल तथा एक-सींग वाला गैंडा (भारतीय गैंडा) है, IUCN की रेड लिस्ट में सुभेद्य श्रेणी में शामिल है।
- गैंडो की तीनों प्रजातियों को परिशिष्ट (CITES) के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
- एक-सींग वाले गैंडे को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची I के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
- एक-सींग वाले गैंडे का निवास स्थान:
- यह प्रजाति इंडो-नेपाल के तराई और उत्तरी पश्चिम बंगाल तथा असम में छोटे आवासों तक ही सीमित है।
- भारत में गैंडे मुख्य रूप से काजीरंगा नेशनल पार्क, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य, ओरांग नेशनल पार्क, मानस नेशनल पार्क, जलदापारा नेशनल पार्क, पश्चिम बंगाल में गोरुमारा नेशनल पार्क और उत्तर प्रदेश में दुधवा नेशनल पार्क में पाए जाते हैं।