- ट्रांस हिमालय के अन्तर्गत हिमालय के उत्तर में जम्मू-कश्मीर राज्य में तीन पर्वत श्रेणियों को सम्मिलित किया जाता है।
- ट्रांस हिमालय के अन्तर्गत शामिल ये तीन श्रेणियां निम्न प्रकार हैं- (i) काराकोरम पर्वत श्रेणी (ii) लद्दाख पर्वत श्रेणी (iii) जास्कर पर्वत श्रेणी
- ट्रांस हिमालय को पार हिमालय भी कहा जाता हैं।
- काराकोरम ट्रांस हिमालय के सबसे उत्तर में स्थित पर्वत श्रेणी है।
- हिमालय का उत्थान टेथिस सागर में जमा अवसादी मलबों से हुआ है, किन्तु ट्रांस हिमालय का निर्माण टेथिस सागर में अवसादी मलबों से नहीं हुआ है, यह यूरेशियन प्लेट का भाग है।
- ट्रांस हिमालय का निर्माण हिमालय से पूर्व हो चुका था अर्थात् ट्रांस हिमालय, हिमालय से भी प्राचीन पर्वत श्रेणी है।
- अधिक ऊँचाई होने के कारण ट्रांस हिमालय वर्ष भर हिमाच्छादित रहता है, जिसके कारण यहाँ वनस्पतियां नहीं पायी जाती हैं।
- ट्रांस हिमालय के अन्तर्गत सबसे उत्तरी श्रेणीकाराकोरम है | काराकोरम न केवल ट्रांस हिमालय की बल्कि यह भारत की भी सबसे उत्तरी श्रेणी है।
- भारत की सबसे ऊँची पर्वत चोटी K2 (गॉडविन आस्टिन) काराकोरम पर्वत श्रेणी पर ही स्थित है।
- काराकोरम पर्वत श्रेणी पर चार प्रमुख ग्लेशियर पाये जाते हैं – (i) सियाचिन (ii) हिस्पर (iii) वियाफो (iv) बाल्टोरा
- काराकोरम पर्वत श्रेणी का विस्तार पूर्व में तिब्बत तक है, तिब्बत में काराकोरम को कैलाश श्रेणी कहते हैं।
- काराकोरमपर्वत श्रेणी के दक्षिण में लद्दाखपर्वत श्रेणी है, लद्दाख पर्वत श्रेणी पर ही राकापोषी शिखर है।
- राकापोषी शिखर दुनिया की सबसे तीव्र ढाल वाली चोटी है।
- लद्दाख पर्वत श्रेणी दो नदियों के बीच में स्थित है, इसके उत्तर में श्योकनदी तथा दक्षिण में सिन्धु नदी प्रवाहित होती है। श्योक नदी सिंधु नदी की ही सहायक नदी है।
- सिंधु नदी तिब्बत पठार के चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से निकलती है।
- सिंधु नदी उद्गम स्थान से उत्तर-पश्चिम की ओर लद्दाख एवं जास्कर पर्वत श्रेणियों के मध्य प्रवाहित होती है।
- वर्तमान केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह सिंधु नदी के तट पर स्थित है।
- लेह लद्दाख एवं जास्कर पर्वत श्रेणियों के मध्य स्थित है।
- लेह सिंधु नदी के दाहिने तट पर स्थित है।