राजस्थान को प्रशासनिक दृष्टि से राजस्थान को कुल 7 संभागों में बांटा गया है।
- जयपुर संभाग- जयपुर, दौसा, सीकर, अलवर, झुंझुनू
- जोधपुर संभाग- जोधपुर, जालौर, पाली, बाड़मेर, सिरोही, जैसलमेर
- भरतपुर संभाग- भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर
- अजमेर संभाग- अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर
- कोटा संभाग- कोटा, बुंदी, बांरा, झालावाड़
- बीकानेर संभाग- बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू
- उदयपुर संभाग- उदयपुर, राजसंमद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा,चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़
राजस्थान में संभागीय व्यवस्था का इतिहास
राजस्थान में संभागीय व्यवस्था की शुरूआत 1949 में हीरालाल शास्त्री सरकार द्वारा की गई।अप्रैल, 1962 में मोहनलाल सुखाडि़या सरकार के द्वारा संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। 15 जनवरी, 1987 में हरि देव जोशी सरकार के द्वारा संभागीय व्यवस्था की शुरूआत दुबारा की गई।
1987 में राजस्थान का छठा संभाग अजमेर को बनाया गया।यह जयपुर संभाग से अलग होकर नया संभाग बना। 4 जुन, 2005 को राजस्थान का 7 वां संभाग भरतपुर को बनाया गया।
संभागों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग – जोधपुर
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग – भरतपुर
जनसँख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग – जयपुर
जनसँख्या की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग – जोधपुर
सर्वाधिक साक्षर संभाग – जयपुर
सबसे ज्यादा जिलों वाला संभाग – जोधपुर, उदयपुर
सर्वाधिक नदियों वाला संभाग – कोटा
सबसे कम नदियों संभाग- बीकानेर
सभी संभागों को सीमा को छूने वाला संभाग – अजमेर
अन्तर्राष्ट्रीय सीमा को छूने वाले संभाग – जोधपुर बीकानेर
ना तो अंतर्राष्ट्रीय ना ही अंतर्राज्यीय सीमा को छूने वाला संभाग – अजमेर
राजस्थान की इस सम्भागीय व्यवस्था में नए बने जिलों को सम्मिलित नहीं किया गया है।