राजस्थान परिवहन की दृष्टि से देश का एक समृद्ध राज्य है। राजस्थान में परिवाहन के तीन प्रकार है। सड़क, रेल, वायु परिवहन। चूँकि राजस्थान का कोई भी भाग समुद्र से नहीं जुड़ा हुआ इसलिए राजस्थान में परिवहन विकसित नहीं हो सका है।
राजस्थान में सर्वप्रथम राजकीय बस सेवा का प्राम्भ 1952 में टोंक में हुआ। आजादी के लगभग 40 वर्षों बाद राज्य सरकार द्वारा 1994 में सड़क निति घोषित की गई थी जिसका प्रमुख उद्देश्य सड़क क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना था राजस्थान सड़क निति घोषित करने वाला देश का प्रथम राज्य है
नई सड़क नीति 2002
2002 की नयी सड़क नीति में 1994 की सड़क नीति को संशोधित किया गया, नई सड़क नीति के संदर्भ में निजी निवेशकों से बीओटी(Build–operate–transfer) के आधार पर अधिकाधिक निवेश कराने के लिए 28 अप्रैल 2002 को राजस्थान सड़क विकास अधिनियम 2002 पारित किया गया।
राज्य में सितंबर 2013 में द्वितीय नई राज्य सड़क विकास नीति घोषित की गई थी। राजस्थान में ग्रामीण रोड़वेज बस सेवा 14 दिसंबर, 2012 को उदयपुर जिले से प्रारम्भ हुई।
राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway)
राष्ट्रीय राजमार्ग का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है एवं इसके निर्माण एवं रख-रखाव का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण करता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(NHAI) की स्थापना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम 1988 के अन्तर्गत 1995 में की गई।
राजस्थान राष्ट्रीय राजमार्गों के मामले में भी काफी समृद्ध राजय है। राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्गो की संख्या 39 है जिनकी राजस्थान में लंबाई 8202 किमी. है।(31 मार्च 2017 तक)
- राज्य में सबसे लंम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग – NH 15 (नया 68, 11, 62) – 875 किमी.।
- राज्य में सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग – NH 919(पुराना 71बी) – 4.7 किमी.।
- राज्य का सबसे व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग – NH 48, 58(पुराना 8)।
- राष्ट्रीय राजमार्गो की सर्वाधिक लंबाई – उदयपुर जिला।
- राष्ट्रीय राजमार्गो की न्युनतम लंबाई – सवाईमाधोपुर जिला।
- सर्वाधिक जिलों से गुजरने वाला राजमार्ग – NH 27(पुराना 76) – 7 जिलों से गुजरता है।
राजस्थान से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग
रा. राज. संख्या(पुरानी संख्या) | मार्ग का नाम | संबंधित जिले | राज्य में कुल ल. किमी. में | विशेष |
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44(3) | श्रीनगर-आगर-धौलपुर-मुंबई-कन्याकुमारी | धौलपुर(1) | 28.29 | एक जिले से गुजरता है। |
48,58(8) | दिल्ली-मुंबई | अलवर, जयपुर, अजमेर, राजसमंद, उदयपुर, डुंगरपुर(6) | 704 | देश का व्यस्तम हाइवे, देश का पहला एक्सप्रेस हाइवे |
52(12) | जयपुर जबलपुर | जयपुर, टोंक, भीलवाड़ा, बुंदी, कोटा, झालावाड़(6) | 419 | |
15 | पठानकोट-कांडला | गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर(7) | 893.5 | |
27(76) | पिण्डवाड़ा-उदयपुर-चित्तौड़गढ़-कोटा-शिवपुरी | सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, बारां(7) | 639 | पूर्व-पश्चिम कोरिडोर का हिस्सा |
11सी | चन्दवाजी-जयपुर | जयपुर(1) | 28 | एक ही जिले से गुजरता है। |
448(79ए) | किशनगढ़-नसीराबाद | अजमेर(1) | 38 | एक जिले से गुजरता है। |
58 विस्तार(76ए) | उदयपुर-ईडर | उदयपुर(1) | 87 | एक जिले से गुजरता है। |
919(71बी) | रेवाड़ी धारूहेड़ा | अलवर(1) | 4.7 | एक जिले से गुज`रता है। |
पीले रंग का पेंटेड माइलस्टोन या मील का पत्थर भारत में सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही लगाए जाते हैं-
राजस्थान में राज्य राजमार्ग
सड़कों के विकास, प्रचालन, सुरक्षा एवं राजमार्गो तथा सलंग्न भूमियों के नियमन हेतु राजस्थान राजमार्ग अधिनियम 2014, विधानसभा द्वारा पारित कर 8 मई 2015 से लागू किया गया। इसके लिए राजस्थान स्टेट हाइवेज आथोरिटी का गठन दिनांक 2 जून, 2015 को किया गया।
- सबसे बड़ा राज्य उच्च मार्ग – SH-1(432.80 किमी.)
- सबसे छोटा राज्य उच्च मार्ग – SH-19बी(15.5 किमी.), SH-49(15.5 किमी.)
- मुख्य जिला सड़कों की कुल लंबाई – 8462.10 किमी.
- राज्य राजमार्गो की कुल लंबाई – 15437.85 किमी.
- अन्य जिला सड़कों की कुल लंबाई – 31431.17 किमी.
- ग्रामीण सड़कों की लंबाई – 163320.54 किमी.
- राज्य में सड़कों की कुल लंबाई – 226853.86 किमी.
- राज्य में सड़क घनत्व – 66.29 किमी./100 वर्ग किमी.
- राज्य में सड़क घनत्व – 331.17 किमी./लाख जनसंख्या
- राजस्थान में सड़कों की सर्वाधिक लम्बाई – बाड़मेर
- राजस्थान में सड़कों की न्यूनतम लम्बाई – धौलपुर
- सड़कों से जुड़े सर्वाधिक गांवों वाला जिला – गंगानगर
- सड़कों से जुड़े न्यूनतम गांवों वाला जिला – सिरोही
- सड़कों से जुड़े हुए सर्वाधिक ग्राम पंचायतों वाला जिला – उदयपुर
- सड़कों से जुड़े हुए न्यूनतम ग्राम पंचायतों वाला जिला – जैसलमेर
राजस्थान में सड़क विकास से जुड़ी संस्थाएं
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम
इसकी स्थापना 1 अक्टुबर 1964 को हुई इसका मुख्यालय जयपुर में है।
राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लि.
स्थापना 8 फरवरी 1979 में हुई। तब इसका नाम राजस्थान स्टेट ब्रिज लि. था। 19 फरवरी 2001 को नाम परिवर्तीत कर राजस्थान सड़क विकास एवं निर्माण निगम कर दिया गया।
रिडकोर
इसकी स्थापना अक्टूबर 2004 में राजस्थान सरकार एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग व फाइनेंशियल सर्विसेज की 50ः50 प्रतिशत भागीदारी से हुई। यह उपक्रम मेगाहाइवे परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है।
राजस्थान में विभिन्न सड़क योजनाएं
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना(एनएचडीपी) का प्रारंभ भारतीय राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण द्वारा 1999-2000 में किया गया। इसको वित्त सहायता केन्द्रीय सड़क निधि, विश्व बैंक, एशियाई बैंक व जेबीआईसी(जापान) द्वारा की गई। इस परियोजना के प्रथम चरण को स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के नाम से जाना जाता है। परियोजना के द्वितीय चरण(1) को पूर्व-पश्चिम कोरिडोर के नाम से जाना जाता है। परियोजना के द्वितिय चरण(2) को उत्तर-दक्षिण कोरिडोर के नाम से जाना जाता है। परियोजना के तीसरे चरण में 4 लेन व चौथे चरण में 2 लेन राजमार्गो को निर्माण किया गया।
इस परियोजना के पांचवें चरण में प्रथम चरण(स्वर्णिम चतुर्भुज योजना) के सड़क मार्ग को 4 से 6 लेन करने की योजना है। इसके छठे चरण के तहत एक्सप्रेस वे का निर्माण करने की योजना है।। राजस्थान का पहला छः लेन एक्सप्रेस हाइवे जयपुर-किशनगढ़ है। इस परियोजन के सप्तम चरण के तहत रिंग रोड़, बाईपास फ्लाईओवर आदि का निर्माण किया जाना है।
योजना मार्ग में आने वाले जिले
- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना – अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर व डूंगरपुर
- पूर्व-पश्चिमी कोरीडोर सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़,भीलवाड़ा, कोटा बूंदी व बारां
- उत्तर-दक्षिण कोरीडोर धौलपुर
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
25 दिसंबर 2000 को प्रारम्भ इस योजना के अंतर्गत राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत सड़कों का विकास व निर्माण किया जा रहा है। वर्ष 2015-16 से इस योजना में 60 प्रतिशत निधि केन्द्रीय सरकार व 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा उपब्ध कराई जाएगी। इससे पूर्व 100प्रतिशत निधि केन्द्रीय सरकार द्वारा प्रदान की जाती थी।
मुख्यमंत्री सड़क योजना
यह योजना 7 अक्टूबर, 2005 को शुरू की गई। इस योजना में मुख्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों को जोड़ने हेतु सड़कों का निर्माण कराया जाएगा व प्रत्येक जिले में एक आदर्श सड़क का निर्माण करवाया जाएगा।
चेतक परियोजना
यह देश के सीमावर्ती इलाकों (बीकानेर, जैसलमेर, गंगानगर, बाड़मेर) में सामरिक महत्व की सीमावर्ती सड़कें बनाने की सीमा सड़क संगठन (स्थापना 1960, मुख्यालय नई दिल्ली) की परियोजना है।
मिसिंग लिंक परियोजना
राजस्थान में सड़कों के मध्य छुटे हुए कई हिस्सों को पूर्ण करने की योजना 2007-08 में प्रारम्भ की गई।
हरित सड़क योजना
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में हरित सड़क योजना के तहत राज्य में राज्य और जिला मार्गो को चौड़ा किया जाएगा व किनारे पर पेड़ लागाये जाएंगे।
ग्रामीण गौरव पथ योजना
वर्ष 2014-15 में प्रारम्भ इस योजना के तहत प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 0.5 से 2 किमी. लंबी सड़क का निर्माण ‘ग्रामीण गौरव पथ’ के रूप में मय नाली किया जाएगा।