प्रमुख किसान आंदोलन-
- नील आन्दोलन (1859-60 ई.)
- नील आयोग (1860 ई.)
- पाबना विद्रोह (1873 से 1876 ई.)
- दक्कन उपद्रव (1875 ई.)
- मोपला विद्रोह (1921 ई.)
- एका आन्दोलन (1921-22 ई.)
- संयुक्त प्रांत किसान आन्दोलन (1920-22)
- बारदोली सत्याग्रह (1928 ई.)
- बिजौलिया आन्दोलन (1897 ई)
- तेभागा आन्दोलन (1946-50 ई.)
- तेलंगाना किसान आन्दोलन
- वर्ली आन्दोलन (1945 ई.)
- बकाश्त आन्दोलन (1946-47 ई.)
- पुन्नप्रा एवं वायलार का संघर्ष (1946 ई.)
- अखिल भारतीय किसान संगठन
निम्न जाति आन्दोलन
सत्य शोधक समाज
- स्थापना: 1873 ई. में बम्बई में, ज्योतिबा फुले
- उद्देश्य: ब्राह्मणों के आडम्बर और उनके अवसरवादी धार्मिक ग्रंथों की बुराइयों से निम्न जातियों को बचाना।
- सामाजिक सेवा, स्त्री एवं निम्न जाति के लोगों की शिक्षा संस्कृत हिन्दुत्व का विरोध।
- सम्बद्ध व्यक्ति: केशव राय जेठे और दिनकर राव ने पूना में समाज का नेतृत्व किया इन्हीं के कारण ही समाज अंग्रेजी राज्य और कांग्रेस दोनों के विरूद्ध हो गया।
- ज्योतिबा फुले की पुस्तकें: गुलामगीरी (1872 ई.), सार्वजनिक सत्य धर्म पुस्तक।
- ज्योतिबा फुले ने ब्राह्मणों के प्रतीक चिन्ह ‘राम’ के विरोध में ‘राजा बालि’ को अपने आन्दोलन का प्रतीक चिन्ह बनाया।
डा. भीमराव अम्बेडकर
- 1920 ई. में आल इण्डिया डिप्रेस्ड क्लास फेडरेशन की स्थापना
- 1924 ई. बहिस्कृत हितकारिणी सभा
- 1927 ई. समाज समता संघ
- 1942 ई. अनुसूचित जाति परिसंघ
- अम्बेडकर ने निम्न जातियों के लिए पृथक निर्वाचन की मांग की।
- मंदिरों में सभी को जाने के लिए आन्दोलन चलाया।
- कांग्रेस का विरोध किया एवं ब्रिटिश साम्राज्यवाद के पक्ष में था।
- अछूतों एवं हिन्दुओं में सामाजिक समानता का प्रचार
- मजदूर वर्ग के हितों की रक्षा, अछूतों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाए
- डा. अम्बेडकर ने हिन्दु धर्म का त्याग कर बौद्ध धर्म ग्रहण किया।
अरब्बीपुरम आन्दोलन
- यह आन्दोलन केरल में हुआ और इसकी शुरूआत नारायण गुरू ने की।
- यह 1888 ई. में निम्न जाति में धार्मिक छूट के लिए शुरू किया गया था।
- नारायण गुरू: ‘मानव के लिए एक धर्म, एक जाति और एक ईश्वर है।’
- अयप्पन राजराजन: ‘मानव का न कोई धर्म है, न कोई जाति है और न ही कोई ईश्वर है।’
जस्टिस आन्दोलन (1816-17 ई.)
- यह आन्दोलन मद्रास में हुआ इसके प्रारंभकर्ता सी. एन. मुदलियार , टी. एम. नायर , पी. तियागरापा चेट्टी थे
- इस आन्दोलन में धनवान जमींदार, व्यापारी लोग शामिल था।
- यह ब्राह्मण विरोधी आन्दोलन था क्योंकि गैर ब्राह्मणों की तुलना में ब्राह्मणों को सरकारी नौकरी, शिक्षा एवं राजनीति में उच्च स्थिति थी।
- आत्म सम्मान आन्दोलन (1926 ई.)
- यह आन्दोलन तमिलनाडु में हुआ इसका नेतृत्व ई. वी. रामास्वामी नायकर उर्फ पेरियार ने किया।
- यह आन्दोलन निम्न जाति के अधिकारों को लेकर था। इसमें बिना ब्राह्मणों की सहायता से विवाह, मंदिरों में निम्न जातियों का जबरदस्ती प्रवेश, मनु स्मृति के खिलाफ आचरण करने की बातें शामिल थी।
- इसका उद्देश्य निम्न जाति को समाज में उचित सम्मान दिलाना था।
वायकाॅम सत्याग्रह (1924 ई.)
यह आन्दोलन त्रावणकोर के वायकूम गांव से एक हरिजन के मंदिर में प्रवेश न करने देने की वजह से शुरू हुआ।
मदुरै में इसका नेतृत्व रामा स्वामी नायकर ने किया।
गुरूबायुर सत्याग्रह (1931 ई.)
- यह आन्दोलन गुरूवायुर (त्रावणकोर) में शुरू हुआ।
- यह आन्दोलन हरिजनों एवं निम्न जातियों को मन्दिरों में प्रवेश न देने के विरोध में हुआ।
- 1932 ई. में के. कलप्पन आमरण अनशन पर बैठ गए गांधी जी के आश्वासन पर इन्होंने अपन अनशन तोड़ा।
- अन्य नेता: वी सुब्रहमण्यम, के पिल्लई एवं ए. के. गोपालन प्रमुख थे।
मजदूर संगठन
- नियोजकों के विरूद्ध मजदूरों की पहली हड़ताल 1877 ई. में नागपुर एम्प्रेस मिल में की गयी।
- भारत में गठित प्रथम मजदूर संगठन बाॅम्बे मिल हैण्ड्स एसोसिएशन था जिसकी स्थापना एन. एम. लोखण्डी ने की थी।
- मजदूर वर्ग की पहली संगठित हड़ताल ब्रिटिश स्वामित्व की ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे में हुई।
- मद्रास श्रमिक संघ: इसकी स्थापना 1918 ई. में मद्रास में वी. पी. वाडिया ने की। यह पहला व्यवस्थित श्रमिक संघ था। यह संघ कपड़ा उद्योग से , AITUC के प्रतिनिधि के रूप में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन में भेजे गए थे, संबंधित था।
अहमदाबाद टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन (ATLA)
इसे ट्रस्टीशिप के सिद्धांत पर गांधीजी ने 1918 में स्थापित किया।
आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
- इसकी स्थापना 1920 ई. में एन. एम. जोशी द्वारा बम्बई में की गई।
- इसका अध्यक्ष लाला लाजपत राय , उपाध्यक्ष जोसेफ बैप्टिस्टा और महामंत्री दीवान चमन लाल को बनाया गया।
- इसकी स्थापना 107 ट्रेड यूनियनों को मिलाकर की गई।
- एन. एम. जोशी , AITUC के प्रतिनिधि के रूप में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन में भेजे गए थे।
इण्डियन ट्रेड यूनियन फेडरेशन (ITUF)
- AITUC के प्रथम विभाजन के बाद अस्तित्व में आयी’
- इसका गठन एन. एम. जोशी और वी. वी. गिरी के नेतृत्व में हुआ।
रेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (RTUC)
रेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस का गठन रणदिबे एवं देश पाण्डे के नेतृत्व में 1931 में हुआ।
तथ्य
1938 ई. में AITUC + ITUF + RTUC का संयुक्त अधिवेशन नागपुर में हुआ था।
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना मई, 1947 ई. में की गयी । इसके संस्थापक वल्लभभाई पटेल, वी. वी. गिरी थे। इसके प्रथम अध्यक्ष वल्लभभाई पटेल बने।