मुहम्मद शाह प्रथम ने संपूर्ण बहमनी साम्राज्य को 4 प्रांतों में विभक्त था – 1. दौलताबाद 2. बरार 3. बीदर 4. गलबर्गा।
मुहम्मद प्रथम के काल में बारूद का उपयोग पहली बार प्रारंभ हुआ, जिसने रक्षा संगठन में एक नई क्रांति पैदा की। सेना नायक को अमीर-उल-उमरा कहते थे
उसने शासन का कुशल संगठन किया। उसके काल की मुख्य घटना विजयनगर तथा वारंगल से युद्ध तथा विजय थी। इसी काल में बारूद का प्रयोग पहली बार हुआ जिससे रक्षा संगठन में एक नई क्रांति पैदा हुई।
सेना के सेनानायक को अमीर-ए-उमरा कहा जाता था और उसके नीचे बारबरदान होते थे।
हसन गंगू के बाद उसका पुत्र मोहम्मद शाह प्रथम बहमनी साम्राज्य का शासक बना। इसने भी विजयनगर और वारंगल के साथ कई युद्ध किये। इसने युद्ध में पहली बार आग्नेय अस्त्रों का उपयोग किया था।
इसने प्रशासनिक कुशलता के लिए अपने साम्राज्य का विभाजन किया था। इसमें बहमनी साम्राज्य को गुलबर्गा, दौलताबाद, बीदर और बरार में विभाजित किया था।
हसन गंगू की मृत्यु के पश्चात् मोहम्मद शाह बहमनी राज्य स्वामी बना। वह बड़ा वीर और राजधानी और पराक्रमी शासक था। उसने गोलकुण्डा पर अधिकार किया।
इसके उपरान्त उसने विजयनगर राज्य पर आक्रमण किया। हिन्दू बुरी तरह पराजित हुये तथा वहां का राजा अपनी जान बचाकर भाग गया।